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भाजपा के लिए कठिन परीक्षा हैं उत्तर प्रदेश और बिहार के चुनाव

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति का सिरमौर बनकर भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र की सत्ता पर तो काबिज हो गयी है पर अब इन दोनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में उसकी साख दाँव पर है।
बिहार चुनाव के उलझे समीकरण

संदीप त्रिपाठी :
बिहार विधानसभा चुनाव की आहट सुनायी देने लगी है। चुनाव आयोग भी यह संकेत दे रहा है कि सितंबर-अक्टूबर में चुनाव होंगे।
आप क्यों चाहते हैं कि विरोधी भी करें मोदी-मोदी!

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकार इन दिनों इस बात के लिए काफी दबाव में है कि उसके अच्छे कामों के बावजूद उसकी आलोचना या विरोध ज्यादा हो रहा है।
अभी धुंधली है विधान सभा चुनाव की तस्वीर

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार
बिहार विधानसभा का चुनाव का बिगुल बज चूका है। चुनाव आयोग सितम्बर -अक्तूबर माह में चुनाव कराने की तैयारी में जुट गया है। लेकिन अभी तक राजनीतिक समीकरण साफ नहीं हैं। वैसे तो बीजेपी बनाम जनता परिवार के बीच की लड़ाई बनाने की तैयारी है। लेकिन वह अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।
रिटेल एफडीआई पर केन्द्र सरकार के यू-टर्न के मायने क्या हैं

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने खुदरा व्यापार में 51% एफडीआई के पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय को जारी रखने का फैसला किया है।
भाजपा : वाणी को कर्म में बदलने की चुनौती

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
भारतीय जनता पार्टी की बेंगलूरू कार्यकारिणी के संदेश आखिर क्या हैं? क्या पार्टी नई चुनौतियों से जूझने के लिए तैयार है? बदलते देश की बड़ी उम्मीदों पर सवार भाजपा सरकार के लिए वास्तव में कुछ कर दिखाने का समय है।
सिगरेट निर्माता कंपनी की दलाली कर रहे हैं भाजपा सांसद?

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
यह हो क्या रहा है! भाजपा के दो तंबाकू प्रेमी सांसदों का दावा है कि तंबाकू से कैसर नहीं होता और इस संदर्भ में सरकार को सर्वे कराना चाहिए।
बिहार बीजेपी वाया गिरिराज सिंह@ फेयर-इन-लवली

सुशांत झा, पत्रकार :
गिरिराज ने जो टीवी फुटेज खाया है उसमें उनकी पार्टी और उनका दोनों का हित सधता है। पहचान(!) का संकट बिहार में उन्हें पहले भी नहीं था, अब तो वो पहचान घनीभूत हो गयी है।
भाजपा-पीडीपी के सामने हालात को बदलने की चुनौती

संजय द्विवेदी, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय :
कश्मीरः इतिहास में अटकी सूईयाँ
कश्मीर में भाजपा ने जिस तरह लंबे विमर्श के बाद पीडीपी के साथ गठबंधन की सरकार बनाई, उसकी आलोचना के लिए तमाम तर्क गढ़े जा सकते हैं। किसी भी अन्य राजनीतिक दल ने ऐसा किया होता तो उसकी आलोचना या निंदा का सवाल ही नहीं उठता, किंतु भाजपा ने ऐसा किया तो महापाप हो गया।
जमीन छीन लीजिए पर संवाद तो कीजिए

संजय द्विवेदी :
भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आते ही जिस तरह भूमि अधिग्रहण को लेकर एक अध्यादेश प्रस्तुत कर स्वयं को विवादों में डाल दिया है, वह बात चौंकाने वाली है। यहाँ तक कि भाजपा और संघ परिवार के तमाम संगठन भी इस बात को समझ पाने में असफल हैं कि जिस कानून को लम्बी चर्चा और विवादों के बाद सबकी सहमति से 2013 में पास किया गया, उस पर बिना किसी संवाद के एक नया अध्यादेश और फिर कानून लाने की जरूरत क्या थी?