Tuesday, April 30, 2024
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अकिंचन देह में फास्फोरस

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार  :

डाक्टर गंभीर किस्म के मेडिकल टेस्टों के बोल दे, तो दिमाग एक खास दशा में चला जाता है। गंभीर मेडिकल टेस्टों की डाक्टर बोल दे, तो मैं एकदम सन्यास मोड में चला जाता हूँ। देह नश्वर है, अकिंचन है, क्या रखा है। स्वस्थ रह कर ही कौन से तीर मार लेंगे, बीस-तीस साल और जी जायेंगे। सीरियस बीमारी हुई, बीस-तीस साल पहले टें बोल लेंगे। इस किस्म के निहायत जीवन-निरपेक्ष विचार आने लगते हैं।

प्रतिष्ठा पर चोट पहुँचाने से सत्य को जानना जरूरी

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :

अगर मैंने ये कहानी अपने कानों से नहीं सुनी होती तो मुझे कभी अपने पत्रकार होने की शर्मिंदगी के उस अहसास से नहीं गुजरना पड़ता, जिससे मैं दो दिन पहले गुजरा हूँ। कहानी मुझे एक डॉक्टर ने सुनाई और पहली बार मुझे इस कहानी को सुनते हुए आत्मग्लानि सी हो रही थी। मुझे लग रहा था कि कहीं चुल्लू भर पानी मिल जाए तो फिर कभी किसी को अपना मुँह भी न दिखाऊँ। 

जिन्दगी जीने के 10 नुस्खे

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :

बचपन में जब मैं प्रेमचंद के किसी उपन्यास को पढ़ता तो मेरे मन में यही ख्याल दौड़ता कि मैं बीए तक पढ़ाई करूंगा। 

उनकी किताबों में लिखा रहता था - प्रेमचंद, बीए।

तरक्की की राह

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :

पता नहीं किसने, लेकिन संजय सिन्हा फेसबुक परिवार के ग्रुप में किसी ने इस कहानी को साझा किया था। कहानी किसने लिखी है, पता नहीं। पर मुझे बहुत जरूरत थी इस कहानी की।

मैंने अपने एक परिजन की बीमारी के बीच लगातार अस्पतालों के चक्कर काटते हुए तीन दिनों से प्राइवेट अस्पताल और डॉक्टरों के भ्रष्टाचार की कहानी आपको सुना रहा हूँ।

चोर मचाये शोर

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक : 

विजय और रवि दोनों सगे भाई थे। एक दिन विजय और रवि के पिताजी घर छोड़ कर कहीं चले गये। वो मजदूरों के नेता थे। इस तरह अचानक उनके घर छोड़ कर चले जाने से नाराज कुछ लोगों ने विजय को पकड़ कर उसकी कलाई पर लिख दिया, "मेरा बाप चोर है।" विजय का बाप चोर नहीं था। लेकिन बड़ा होकर विजय चोर बन गया और रवि पुलिस अफसर।

बाड़ ही अब खेत खाने लगी

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 

करीब पंद्रह साल पहले मेरी एक परिचित के पेट में बहुत तेज दर्द उठा। वो भाग कर दिल्ली के एक बहुत बड़े अस्पताल में पहुँच गयीं। वहाँ डॉक्टरों ने पूरी जाँच की और बताया कि उन्हें एपेंडिसाइटिस की समस्या है और फौरन ऑपरेशन करना पड़ेगा। एपेंडिसाइटिस की समस्या बहुत आम समस्या है। अपेंडिक्स आंत का एक टुकड़ा है। इसे डॉक्टरी भाषा में एपेंडिसाइटिस कहते हैं।

‘व्यापम’ से डर लगता है जी

सुशांत झा, पत्रकार :

व्यापम की वेबसाइट देख रहा था कि इसमें मेडिकल या प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट है या नहीं। क्योंकि डॉक्टर भी मारे गये हैं, पत्रकार भी और चपरासी भी। बड़ा घालमेल है। इसका गठन तो हुआ था मेडिकल इंट्रेस एक्जाम के लिए, लेकिन बाद में किसी 'दिमाग' वाले CM ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा हटा दिया और उसके लिए अलग बोर्ड बना दिया। 

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