Sunday, March 26, 2023
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भाजपा की मजबूती से डर कर एकजुट हुए लालू नीतीश : शाहनवाज

राजीव रंजन झा :

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन की ओर से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किये जाने के बाद भाजपा की ओर से अब तक स्थिति साफ नहीं है कि वह बिहार के चुनाव में नेतृत्व का चेहरा घोषित करेगी या नहीं। 

क्या ब्लैकमेल हो गये लालू?

अभिरंजन कुमार :

पूरी तरह से मर चुकी कांग्रेस और अधमरे जेडीयू ने बिहार में लालू यादव को ब्लैकमेल कर लिया। सच्चाई यह है कि चारा घोटाले में सज़ायाफ़्ता होने और 15 साल तक जंगलराज चलाने के आरोपों के बावजूद लालू यादव का जनाधार नीतीश की तरह क्षीण नहीं हुआ है।

वर्ष 2015 और देश की लकीरें!

क़मर वाहिद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :

तो आपका समय शुरू होता है अब! और ‘हॉट सीट’ पर हैं, नरेन्द्र मोदी, राहुल गाँधी, नीतीश कुमार और अरविन्द केजरीवाल! 2015 कोई मामूली साल नहीं है, जो हर साल की तरह बस आयेगा और चला जायेगा! यह लकीरों के बनने-बनाने और मिटने-मिटाने का साल है! इस साल को तय करना है कि देश किन लकीरों पर चलेगा?

सामाजिक न्याय की ताकतों की लीलाभूमि पर आखिरी जंग

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय : 

मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में पुराने जनता दल के साथियों का साथ आना बताता है कि भारतीय राजनीति किस तरह ‘मोदी इफेक्ट’ से मुकाबिल है।

ओय गुइयाँ, फिर जनता-जनता!

क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :

क्या करें? मजबूरी है! अभी ताजा मजबूरी का नाम मोदी है! यह जनता खेल तभी शुरू होता है, जब मजबूरी हो या कुर्सी लपकने का कोई मौका हो! इधर मजबूरी गयी, उधर पार्टी गयी पानी में!

बिहटा 7.86

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :

पटना पीछे छूट गया है। गाड़ी तेज़ी से बनारस की ओर भाग रही है। सड़क के दोनों ओर खेतों की हरियाली अब सोने में बदल चुकी है। गेहूं कटने लगा है।

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