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चोर मचाये शोर
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
विजय और रवि दोनों सगे भाई थे। एक दिन विजय और रवि के पिताजी घर छोड़ कर कहीं चले गये। वो मजदूरों के नेता थे। इस तरह अचानक उनके घर छोड़ कर चले जाने से नाराज कुछ लोगों ने विजय को पकड़ कर उसकी कलाई पर लिख दिया, "मेरा बाप चोर है।" विजय का बाप चोर नहीं था। लेकिन बड़ा होकर विजय चोर बन गया और रवि पुलिस अफसर।
बहन के साथ बिना इजाजत सेल्फी लेने वाले को आप सपोर्ट करेंगे?
अभिरंजन कुमार :
डीएम चंद्रकला ने क्या गलत कहा?
सचमुच इस देश के बुद्धि-विवेक को लकवा मार गया है। अगर हमारे काबिल दोस्त और पत्रकार भूपेंद्र चौबे सन्नी लियोनी से कुछ असहज करने वाले सवाल पूछ दें, तो हम उन्हें महिला की गरिमा के बारे में ज्ञान देने लगते हैं, लेकिन एक 18 साल का लड़का, जिसे नए कानूनों के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में किसी उम्रदराज जितनी ही सजा दी जा सकती है, अगर एक महिला डीएम के साथ बिना उनकी इजाजत सेल्फी बनाने लगे, उनके रोकने पर भी न रुके, फोटो डिलीट करने के लिए कहने पर भी डिलीट न करे और हीरोगीरी दिखाये, तो हम महिलाओं की गरिमा भूल कर उसके समर्थन में उतर आते हैं।
काम के प्रति लगाव रखें
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
एक भावी नेता ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि फलाँ पार्टी के अध्यक्ष से तो आपके अच्छे संबंध हैं, आप उनसे मेरी सिफारिश कीजिए। उनसे कहिए कि अगर उन्हें टिकट मिला तो वो हर हाल में चुनाव जीत जाएँगे।
‘व्यापम’ से डर लगता है जी
सुशांत झा, पत्रकार :
व्यापम की वेबसाइट देख रहा था कि इसमें मेडिकल या प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट है या नहीं। क्योंकि डॉक्टर भी मारे गये हैं, पत्रकार भी और चपरासी भी। बड़ा घालमेल है। इसका गठन तो हुआ था मेडिकल इंट्रेस एक्जाम के लिए, लेकिन बाद में किसी 'दिमाग' वाले CM ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा हटा दिया और उसके लिए अलग बोर्ड बना दिया।
मोदी जी ने विदेशी मोर्चे पर देश को निर्विवाद महिमा मंडित किया
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
दो दिन पहले मैं एक चैनल पर कांग्रेस के प्रवक्ता मीम अफजल को सुन रहा था..कह रहे थे, ' भारतीय प्रधान मन्त्री विदेश दौरे को इवेंट क्यों बना देते हैं। इतनी हाइप हो जाती है कि दौरे का उद्देश्य ही उसमें गुम होकर रह जाता है।' अफजल साहब खुद राजनयिक रहे हैं।
निजी राग-द्वेष खबर नहीं होती आउटलुक जी
नदीम एस अख्तर, वरिष्ठ पत्रकार :
आउटलुक वालों ने टाइम्स नाऊ वाले अर्नब गोस्वामी को विलेन बना दिया। घोषणा कर दी कि अर्णब ने भारत में टीवी न्यूज की हत्या कर दी।
ठीक है, मान लेते हैं कि आउटलुक वाले बहुत समझदार हो गये हैं, (विनोद मेहता के जाने के बाद) और मैगजीन निकालते-निकालते अब उन्हें टीवी न्यूज की भी अच्छी खासी समझ हो गयी है।