Tag: Meghalaya
युद्ध में बहादुरी की दास्तां बयां करता एयरफोर्स म्यूजियम
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
लड़ाकू विमान हंटर के साथ जिसने पाकिस्तान के साथ दो युद्धों में जलवा दिखाया....
कब बजेगी शिलांग में रेल की सिटी
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
वह साल 2014 में 29 नवंबर का दिन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेघालय के लिए पहली ट्रेन को झंडी दिखा कर रवाना किया। इसके साथ ही आजादी के छह दशक से अधिक समय बाद मेघालय देश के रेल नक्शे पर आ गया।
शिलांग में लें उत्तर भारतीय खाने का स्वाद
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
वैसे तो मेघालय पूर्वोत्तर का वैसा राज्य है जहाँ ईसाई संस्कृति हावी है। पर यहाँ आपको उत्तर भारतीय भोजन का स्वाद लेने में कोई परेशानी नहीं आएगी। खास तौस पर शिलांग शहर में कई ऐसे भोजनालय और मिठाइयों की दुकानें है जहाँ पर उत्तर भारतीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं।
युद्ध में बहादुरी की दास्ताँ बयाँ करता एयरफोर्स म्यूजियम
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मेघालय की राजधानी शिलांग भ्रमण के दौरान वायु सेना म्युजियम देखना न भूलें। वास्तव में शिलांग में वायु सेना के ईस्टर्न कमांड (पूर्वी कमांड) का मुख्यालय है। पूरे देश में वायु सेना के पाँच कमांड हैं। इसकी स्थापना 1958 में हुई थी। इस कमांड का युद्ध और शांति दोनों की काल में बहुत बड़ा योगदान रहता है। युद्ध के समय आर्मी को हर तरीके से मदद करना तो शांति काल में फंसे हुए लोगों की मदद करने में वायु सेना की बड़ी भूमिका रहती है।
पलटन बाजार से पुलिस बाजार तक
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
गुवाहाटी से मेघालय की राजधानी शिलांग की दूरी सड़क मार्ग से तकरीबन 90 किलोमीटर है। नेशनल हाईवे नंबर 40 दोनों शहरों को जोड़ती है। यह सड़क अब हर मौसम के लिए मुफीद है। अगर आप बिना रूके चलें तो दो से ढाई घंटे में शिलांग पहुँच जाते हैं। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पलटन बाजार वाले बस स्टैंड के आसपास से शिलांग के लिए टैक्सी और सूमो आदि मिलती हैं। अगर आप छोटी टैक्सी शेयरिंग में करते हैं तो किराया 300 रुपये है और सूमो में किराया 170 रुपये प्रति व्यक्ति है।
मेघालय यानी बादलों का घर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मेघालय यानी मेघों (बादलों) का घर। घर इसलिए की सबसे ज्यादा बारिश वाला इलाका चेरापूंजी मेघालय में ही आता है। 21 जनवरी 1972 को ये छोटा सा राज्य अस्तित्व में आया। साल 2011 की जनगणना में आबादी 30 लाख के करीब है। इसकी सीमाएँ असम और बांग्लादेश से लगती हैं।