Tag: Sandeep Tripathi
हर दिल जो प्यार करेगा, वो इश्क-क्लिक देखेगा

संदीप त्रिपाठी :
22 जुलाई को रिलीज होने जा रही फिल्म इश्क-क्लिक के निर्माता सतीश त्रिपाठी का कहना है कि जिस हृदय में प्रेम लेश मात्र भी होगा, उसे इश्क क्लिक जरूर अच्छी लगेगी। उन्होंने कहा कि यह फिल्म एक मासूम मोहब्बत की कहानी है जहाँ कोई गलत नहीं है। इश्क-क्लिक के निर्माता अजय जायसवाल-सतीश त्रिपाठी की जोड़ी के सतीश त्रिपाठी आज देश मंथन के कार्यालय आये और इश्क-क्लिक के बाबत ढेरों बातें कीं।
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए यूपी का दाँव

संदीप त्रिपाठी :
मोदी कैबिनेट के मंगलवार की सुबह 11 बजे होने वाले विस्तार के लिए सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश चेहरों की है। आइये, देखते हैं विभिन्न वेबसाइटों में क्या-क्या चर्चा चल रही है
स्वामी प्रसाद मौर्य के सीमित होते विकल्प

संदीप त्रिपाठी :
बसपा से बगावत कर स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहली गलती की थी, दूसरी गलती उन्होंने सपा को गुंडों की पार्टी कह के की। मौर्य की पहचान मौर्य-कुशवाहा समाज के नेता के रूप में कम, मायावती के सिपहसालार के रूप में ज्यादा रही है। सपा के विरुद्ध विषवमन के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा में शामिल होने की जुगत में जुटे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य सभी नपा-तुला बोल रहे हैं। स्वामी प्रसाद अब लखनऊ से दिल्ली के बीच दौड़ लगा रहे हैं।
बसपा नहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य नुकसान में

संदीप त्रिपाठी :
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों की सरगर्मी अभी से नजर आने लगी है।
उड़ता पंजाब : एक गंभीर विषय का सत्यानाश

संदीप त्रिपाठी :
अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित और अभिषेक चौबे द्वारा निर्देशित फिल्म उड़ता पंजाब पर मचे विवाद के बाद अवश्यंभावी था कि लोग यह फिल्म देखने जाते कि ऐसा क्या है जिस पर इतना विवाद है। उड़ता पंजाब देख लीजिये, फिर यही लगेगा कि इसे देखने के लिए ढाई घंटे खर्च करना वैसा ही है जैसे बर्फ देखने कोई गर्मियों में नैनीताल शहर या शिमला शहर चला जाये।
सम-विषम नियम के पीछे प्रदूषण पर रोक की नीयत नहीं

संदीप त्रिपाठी :
दिल्ली के प्रदूषण पर आईआईटी, कानपुर की रिपोर्ट
प्रदूषण नहीं, अपनी जवाबदेही से बचने का शोशा

संदीप त्रिपाठी :
देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के लिए तारीख के हिसाब से वाहन चलाने का नियम बनाये जाने से कई सवाल खड़े होते हैं। क्या वाकई दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण रोकने के प्रति गंभीर है? क्या दिल्ली सरकार ने यह फैसला पूरी ईमानदारी से सभी संभावित विकल्पों पर भली-भांति विचार करने के बाद लिया है? या क्या केवल अदालत को दिखाने के लिए एक ऊटपटांग फैसला दिल्ली की जनता पर थोप दिया गया है?
बिहार चुनाव के नतीजे : संभावित संभावनाएँ

संदीप त्रिपाठी :
बिहार विधानसभा के लिए सभी चरणों के मतदान संपन्न हो गये हैं। मतदान बाद के सर्वेक्षण भी आ चुके हैं। जिस सर्वेक्षण में जिस गठबंधन को बढ़त दिख रही है। उस गठबंधन के समर्थक उसी सर्वेक्षण को सही मान रहे हैं। अब इंतजार है नतीजों का। राजनीति संभावनाओं का खेल है और इसे असंतुलन को साधने की कला कहा जाता है। इस मोड़ पर एक विषय बहुत मौजू है कि कौन जीतेगा तो क्या होगा और कौन हारेगा तो क्या होगा। यहां पहले गालिब का एक शेर, फिर संभावनाओं पर बात -
लोकतत्व के अभाव में रचे साहित्य का विधवा विलाप

संदीप त्रिपाठी :
साहित्यकार कौन है? कहानियाँ, कविताएँ, नाटक, उपन्यास, ललित निबंध, व्यंग्य, आलोचना लिखने वाला साहित्यकार है? आप गोपाल दास नीरज, उमाकांत मालवीय़ को साहित्यकार मानते हैं? कुँवर बेचैन, सुरेंद्र शर्मा, काका हाथरसी, हुल्लड़ मुरादाबादी, चकाचक बनारसी साहित्यकार हैं या नहीं? ओमप्रकाश शर्मा, गुलशन नंदा, सुरेंद्र मोहन पाठक, वेदप्रकाश शर्मा साहित्यकार हैं या नहीं? राजन-इकबाल सिरीज लिखने वाले एससी बेदी क्या हैं? विज्ञान कथाएँ लिखने वाले गुणाकर मुले साहित्यकार माने जायेंगे या नहीं? बच्चों के लिए साहित्य रचने वाले क्या हैं?
गोकसी के बहाने : परंपरा नहीं, चरित्र है हिंदुत्व का आधार

संदीप त्रिपाठी :
बीते कुछ दिनों से गोकसी के मुद्दे पर हो रहे हँगामे और तमाम नकारात्मक बातों के बीच दो बयान बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये बयान हैं बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी और दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी के। इन दोनों ही प्रमुख मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने देश में गोकसी पर रोक लगाने की पैरवी की है।