Saturday, May 31, 2025
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तलवों में हो रहे दर्द से हैं परेशान? इस धातु से मालिश करने से मिलेगा आराम

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Bronze Bowl Massage

अगर शरीर में कमजोरी हो या फिर ज्यादा शारीरिक मेहनत की हो, तो पैरों में तेज दर्द सामान्य बात है। ऐसे में तलवों में भी दर्द होने लगता है। खास कर तलवों में दर्द कमजोरी की वजह से भी होने लगता है। ऐसे में तलवों की मालिश करने से थोड़ी राहत जरूर मिलती है। क्या […]

अगर शरीर में कमजोरी हो या फिर ज्यादा शारीरिक मेहनत की हो, तो पैरों में तेज दर्द सामान्य बात है। ऐसे में तलवों में भी दर्द होने लगता है। खास कर तलवों में दर्द कमजोरी की वजह से भी होने लगता है। ऐसे में तलवों की मालिश करने से थोड़ी राहत जरूर मिलती है। क्या आपने काँसे के बर्तन से कभी मालिश की है? अगर नहीं तो एक बार इसे जरूर आजमायें, फिर आपको खुद ही अंतर मालूम पड़ेगा।

काँसे से मालिश प्राचीन चिकित्सा पद्धति का हिस्सा है। इसमें चेहरे, पीठ और पैरों, खास कर तलवों की मालिश की जाती है। यह मालिश मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करती है। काँसा एक ऐसा धातु है, जिसमें कई औषधीय गुण होते हैं। इसकी मालिश से दिमाग और शरीर दोनों को आराम मिलता है।

कैसे करें मालिश

काँसे से मालिश के लिए आपको काँसे की एक कटोरी या लोटा लेना होगा। इस मालिश के लिए आप नारियल तेल, तिल का तेल या कोई अन्य हर्बल तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे मालिश करना बेहद आसान हो जाता है। सबसे पहले आप अपने तलवों को अच्छी तरह से धो लें। फिर उसमें घी या तेल लगायें। अब आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है। आप बस काँसे के बर्तन को तलवों पर हल्का-हल्का घुमा कर मालिश करना शुरू कर दें। ऐसा करने से आपको काफी राहत महसूस होगी। कुछ देर तक आप ऐसे ही मालिश करते रहें, फिर आपके तलवों में गर्मी आने लगेगी और आपके तलवों में हो रहे दर्द से आपको राहत मिलने लगेगी।

काँसे की मालिश से थकान तो मिटेगी ही, पैरों की सूजन और दर्द भी दूर होगा। साथ ही अगर आँखों के नीचे काले घेरे होने लगे हैं, तो वे भी कम होने लगेंगे और और रात में नींद अच्छी आयेगी। हालाँकि, इस मालिश के बाद आपको एक बात का विशेष ध्यान रखना है कि आप अगले 2 घंटों तक पैरों को न धोयें।

(देश मंथन, 1 नवंबर 2024)

नारियल तेल में मिला कर लगायें दो चीजें, थम जायेगा बालों का गिरना

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Hairfall

बालों के झड़ने की समस्या से अधिकांश लोग परेशान रहते हैं। कई लोगों के बाल कम उम्र में ही गिरने शुरू हो जाते हैं, जिसको लेकर वे अक्सर परेशान रहते हैं और तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। कई बार इनके दुष्प्रभाव (Side effetcs) भी नजर आते हैं। ऐसे में कोई भी उत्पाद (Product) इस्तेमाल करने […]

बालों के झड़ने की समस्या से अधिकांश लोग परेशान रहते हैं। कई लोगों के बाल कम उम्र में ही गिरने शुरू हो जाते हैं, जिसको लेकर वे अक्सर परेशान रहते हैं और तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। कई बार इनके दुष्प्रभाव (Side effetcs) भी नजर आते हैं। ऐसे में कोई भी उत्पाद (Product) इस्तेमाल करने से पहले उससे होने वाले नुकसान के बारे में भी जान लेना चाहिए। ऐसी कई चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल किया जाये तो बालों का झड़ना कम हो सकता है। उनमें से एक है करी पत्ता, जिसे बालों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।

बालों के झड़ने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप नारियल के तेल में मेथी के दाने और करी पत्ते मिला कर तेल बना सकते हैं। इस तेल को बनाने के बाद इसे ठंडा होने दें। फिर इसे सिर पर लगा कर हल्के हाथों से मालिश करें और इसके एक घंटे बाद शैंपू से बालों को धो लें। इस तेल का इस्तेमाल करने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बालों के सिरों तक चमक आती है। आप इसे हफ्ते में 2-3 बार लगा सकते हैं। कुछ हफ्तों तक इसके इस्तेमाल के बाद आपको फर्क नजर आने लगेगा।

बालों की देखभाल के लिए आप करी पत्ता पीस कर, दही में मिला कर एक हेयर मास्क तैयार कर सकते हैं। इसके बाद इस हेयर मास्क को बालों पर लगा कर आधे घंटे तक रखें। फिर इसे ठंडे पाना से धो लें। यह मास्क आप हफ्ते में एक बार लगा सकते हैं। इससे भी बालों के गिरने की रफ्तार कम होती है और साथ ही बालों में चमक भी बनी रहती है। अगर आप इस तरीके को नियमित रूप से आजमाते हैं, तो आप खुद देखेंगे कि बालों के गिरने की रफ्तार कम हुई है।

दरअसल करी पत्ता विटामिन सी, विटामिन बी, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो बालों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे खनिजों का भी अच्छा स्रोत है। इसलिए, यह नारियल तेल में मिलाने के बाद बालों की सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है।

(देश मंथन, 1 नवंबर 2024)

कहीं आप तो गलत तरीके से नहीं खाते हैं भींगे बादाम?

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Almond

बादाम का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लगभग हर घर में बादाम का सेवन करने वाले मिल जायेंगे। यह मांसपेशियाँ (Muscles)  बनाने से लेकर याददाश्त को तेज रखने में भी काफी कारगर होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो शरीर में कैंसर रोधी एजेंट के तौर पर काम करता […]

बादाम का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लगभग हर घर में बादाम का सेवन करने वाले मिल जायेंगे। यह मांसपेशियाँ (Muscles)  बनाने से लेकर याददाश्त को तेज रखने में भी काफी कारगर होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो शरीर में कैंसर रोधी एजेंट के तौर पर काम करता है। कई रिसर्च में यह सामने आ चुका है कि बादाम से दिल की सेहत भी अच्छी रहती है। हालाँकि इसके सेवन का तरीका गलत नहीं होना चाहिए, जो कि अधिकांश लोगों में देखने को मिलता है।

बादाम को पानी में भिगो कर रखा जाता है और सुबह उसका छिलका उतार कर उसका सेवन किया जाता है। लोगों को लगता है कि छिलके में ज्यादा गर्मी होती है। वहीं कुछ लोग इसे कच्चा भी खा लेते हैं। लेकिन, बादाम का सेवन किस तरह से करना चाहिए, यह जानना जरूरी है। वैसे, बादाम को भिगो कर खाना सबसे उचित तरीका माना जाता है।

बादाम के सेवन का क्या है सही तरीका

बादाम को भिगो कर खाने से इसके पोषक तत्व हमारे शरीर द्वारा अधिक आसानी से अवशोषित किये जा सकते हैं। भिगोने से बादाम का छिलका नर्म हो जाता है और हमारे शरीर द्वारा कई पोषक तत्वों को अवशोषित करने में बाधा डालने वाला फाइटिक एसिड निकल जाता है।

भिगोने से बादाम का फाइटिक एसिड निष्क्रिय हो जाता है, जिससे शरीर पोषक तत्वों को अधिक आसानी से अवशोषित कर पाता है। इसलिए, भिगोये हुए बादाम को छिलके सहित खाना फायदेमंद होता है, क्योंकि छिलके में कई पोषक तत्व होते हैं। फिर भी, कुछ लोगों को छिलके को निकाल कर ही बादाम खाना चाहिए।

इन लोगों को छिलका निकाल कर खाना चाहिए

बादाम के छिलके में कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं जो कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में छिलके के साथ बादाम खाने से एलर्जी, पेट खराब, दर्द, अपच या दस्त जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। यदि आपको एलर्जी या पाचन संबंधी कोई समस्या है, तो बेहतर होगा कि आप बादाम का छिलका निकाल कर ही खायें।

(देश मंथन, 16 अक्टूबर 2024)

इन गलतियों की वजह से बढ़ सकता है यूरिक एसिड (Uric Acid), रखें इन बातों का ध्यान

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Uric Acid Pain

आजकल किसी भी आयु वर्ग के लोगों का यूरिक एसिड बढ़ सकता है। इसकी वजह से जोड़ों में दर्द होने लगता है। साथ ही और भी कई दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। समय रहते इसको नियंत्रित नहीं किया गया तो आगे चल कर यह परेशानी बहुत बड़ी हो सकती है। यूरिक एसिड बढ़ने की स्थिति […]

आजकल किसी भी आयु वर्ग के लोगों का यूरिक एसिड बढ़ सकता है। इसकी वजह से जोड़ों में दर्द होने लगता है। साथ ही और भी कई दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। समय रहते इसको नियंत्रित नहीं किया गया तो आगे चल कर यह परेशानी बहुत बड़ी हो सकती है। यूरिक एसिड बढ़ने की स्थिति में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि खान-पान सही नहीं होने के कारण ही यूरिक एसिड बढ़ जाता है। अगर आपका यूरिक एसिड का स्तर बढ़ गया है, तो यह जानना जरूरी है कि ऐसे में किन चीजों का सेवन करने से बचना चाहिेए।

क्या नहीं खायें

यूरिक एसिड की समस्या से परेशान लोगों को अमचूर, इमली, कच्चा टमाटर और कच्चे आम के पन्ने जैसी खट्टी चीजों से दूर रहना चाहिए। हालाँकि डॉक्टरों का कहना है कि नींबू या आँवला जैसे खट्टे फल यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकते हैं।

इन चीजों से करें परहेज

बाहर का खाना, खास कर तली हुई चीजें और माँसाहार हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक होते हैं। इनमें इस्तेमाल होने वाले पाम तेल (Palm Oil) और अत्यधिक मसालों से कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं। बेसन की कचौड़ी और समोसे जैसे तले खाद्य पदार्थों में मौजूद तेल हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। इसी तरह, मांसाहारी खाने में भी अधिक तेल और मिर्च का इस्तेमाल होता है जो यूरिक एसिड की समस्या को बढ़ा सकता है।

दाल का सेवन करने से पहले याद रखें ये बातें

यूरिक एसिड के मरीजों को दालों का सेवन सोच-समझ कर करना चाहिए। दाल, प्रोटीन से भरपूर होती है, जो यूरिक एसिड को बढ़ा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें दाल को लंबे समय तक बाहर नहीं छोड़ना चाहिए। डॉक्टरों के मुताबिक, दाल को फ्रिज में रख कर सुरक्षित किया जाना चाहिए। बाहर रखी दाल यूरिक एसिड को तेजी से बढ़ा सकती है।

(देश मंथन, 16 अक्टूबर 2024)

इन 5 तरह के मेवों का करें सेवन, मांसपेशियों को मिलेगी मजबूती

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Dry Fruits

आजकल खराब दिनचर्या के कारण खुद को स्वस्थ रखना सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए, खुद को स्वस्थ रखने के लिए लोग तरह-तरह के खाद्य पदाथों का सेवन और व्यायाम करते हैं। इसी तरह कुछ मेवों के सेवन से मांसपेशियाँ ताकतवर रहती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पिस्ता में आयरन, फाइबर, प्रोटीन और विटामिन सी […]

आजकल खराब दिनचर्या के कारण खुद को स्वस्थ रखना सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए, खुद को स्वस्थ रखने के लिए लोग तरह-तरह के खाद्य पदाथों का सेवन और व्यायाम करते हैं। इसी तरह कुछ मेवों के सेवन से मांसपेशियाँ ताकतवर रहती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि पिस्ता में आयरन, फाइबर, प्रोटीन और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो मांसपेशियों को ताकतवर बनाने का काम करते हैं। ऐसे में पिस्ता का रोजाना सेवन करने से मांसपेशियाँ ताकतवर तो होंगी ही, रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी बढ़ेगी।

काजू को भी शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसमें आयरन, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी और स्वस्थ वसा भरपूर मात्रा में होते हैं। यह न केवल तुरंत ऊर्जा देता है, बल्कि मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।
इसी प्रकार, अखरोट में प्रोटीन, कैल्शियम, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ई, बी6 और कैलोरी जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं। यह दिल की सेहत के लिए भी अच्छा होता है और मांसपेशियों के विकास में भी मदद करता है।

बादाम न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं। इसमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन ई और आयरन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो मांसपेशियों के विकास में मदद करते हैं। आप इन्हें सूखा या भिगो कर खा सकते हैं। नियमित रूप से बादाम खाने से न केवल शरीर की चर्बी कम होती है, बल्कि याददाश्त भी तेज होती है।

मांसपेशियाँ जितना मजबूत होंगी, शरीर उतना ही फिट रहेगा। ऐसे में अगर आप अपनी मांसपेशियों को मजबूत करना चाहते हैं तो मूंगफली का भी सेवन करें। मूंगफली में कैल्शियम, जिंक, विटामिन ई और विटामिन बी6 जैसे कई पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो इसे ऊर्जा बढ़ाने का शानदार स्रोत बनाते हैं। मूंगफली खाने से न सिर्फ मोटापा कम होता है, बल्कि शरीर भी स्वस्थ रहता है।

(देश मंथन, 15 अक्टूबर 2024)

 

अच्छा कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol) बढ़ाने के लिए इन चीजों का करें सेवन

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Good Cholesterol

आजकल सही खान-पान और सही दिनचर्या न होने के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियाँ हो रही हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि कम उम्र में लोग दिल के मरीज (Heart Patient) बन रहे हैं। हार्ट अटैक की घटनाएँ आम हो गयी हैं। ऐसे में अपनी सेहत को ठीक कैसे रखा जाये, […]

आजकल सही खान-पान और सही दिनचर्या न होने के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियाँ हो रही हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि कम उम्र में लोग दिल के मरीज (Heart Patient) बन रहे हैं। हार्ट अटैक की घटनाएँ आम हो गयी हैं। ऐसे में अपनी सेहत को ठीक कैसे रखा जाये, इसका ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है। सही दिनचर्या न होने से हमारे शरीर में बुरा कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholestrol) बढ़ जाता है और यह दिल के लिए ठीक नहीं होता है।

शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाये जाते हैं – एचडीएल (HDL) और एलडीएल (LDL)। इनमें एचडीएल को अच्छा कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल को बुरा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। एलडीएल बढ़ जाने पर यह धमनियों (Artery) में जम कर एक परत (प्लाक) जमा लेता है। इस परत के जमा होने से धमनियाँ संकरी हो जाती हैं और इससे दिल पर दबाव बढ़ने लगता है।

वहीं दिल को स्वस्थ रखने के लिए गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाना बहुत जरूरी है। गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए हमें स्वस्थ वसा (Healthy Fat) का सेवन करना चाहिए। आइए जानते हैं कि किन खाद्य पदार्थों में अच्छे वसा पाये जाते हैं, जो हमारे शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं।

इन चीजों का करें सेवन

बादाम, अखरोट और काजू जैसे मेवे ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) से भरपूर होते हैं, जो स्वस्थ वसा है। शाकाहारी लोगों के लिए ये मेवे अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का एक बेहतरीन तरीका हैं। साथ ही अलसी, कद्दू के बीज और चिया के बीज भी स्वस्थ वसा से भरपूर होते हैं। इनका सेवन करने से अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद मिलती है।
शरीर में स्वस्थ वसा बढ़ाने के लिए सोया दूध बहुत फायदेमंद है।

इसके अलावा, टोफू भी एक अच्छा विकल्प है, जो सोया दूध से ही बनाया जाता है। टोफू न केवल स्वस्थ वसा का एक अच्छा स्रोत है, बल्कि इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन भी पाया जाता है।

बुरे कोलेस्ट्रॉल को कैसे करें नियंत्रित

जिन लोगों में बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, उन्हें तला-भुना भोजन कम-से-कम खाना चाहिए। तले-भुने भोजन में संतृप्त वसा (Fat) की मात्रा अधिक होती है और इससे शरीर में बुरा कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। इसके बजाय, जैतून का तेल (Olive Oil), एवोकाडो तेल, चिया के बीज का तेल और तिल का तेल (Sesame Oil) जैसे तेलों का उपयोग करना चाहिए।

कुल मिला कर, आपके भोजन में अच्छे कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को चुनना चाहिए, पर वह भी सीमित मात्रा में। साथ ही, बुरा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम-से-कम करना चाहिए। हर व्यक्ति के अपने स्वास्थ्य, उम्र आदि को ध्यान में रखते हुए इनकी सही मात्रा तय करने के लिए डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह लेना उचित रहता है।

(देश मंथन, 15 अक्टूबर 2024)

घंटों कुर्सी पर बैठने से बढ़ रही पेट की चर्बी (Belly Fat) ? करें ये व्यायाम

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Belly Fat

आजकल भाग-दौड़ भरी जिंदगी में खुद को फिट रखना बहुत बड़ी चुनौती है। इसमें भी खुद को छरहरा (Slim) रखना और भी बड़ी चुनौती है, क्योंकि घंटों ऑफिस में काम करने के बाद कई लोगों के पेट की चर्बी (Belly Fat) बढ़ जाती है। इस पर ध्यान नहीं देने के कारण देखते-ही-देखते मोटापा उन पर […]

आजकल भाग-दौड़ भरी जिंदगी में खुद को फिट रखना बहुत बड़ी चुनौती है। इसमें भी खुद को छरहरा (Slim) रखना और भी बड़ी चुनौती है, क्योंकि घंटों ऑफिस में काम करने के बाद कई लोगों के पेट की चर्बी (Belly Fat) बढ़ जाती है। इस पर ध्यान नहीं देने के कारण देखते-ही-देखते मोटापा उन पर हावी हो जाता है। दरअसल, यह केवल कुर्सी पर बैठने से ही नहीं, बल्कि खराब जीवन शैली और गलत खान-पान के कारण भी होता है।

कुछ लोग मिताहार (Dieting) और व्यायाम के जरिये पेट की चर्बी को कम करने की कोशिश करते हैं। वहीं कुछ और भी तरीके हैं, जिनके जरिये पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है।

मीठा खाने से करें परहेज

स्वस्थ रहने और वजन घटाने के लिए सुबह मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। मीठी चीजें खाने से ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव होता है और शरीर में चर्बी जमा होने लगती है। इसलिए नाश्ते में साबुत अनाज, प्रोटीन और ताजे फलों का सेवन करना चाहिए।

व्यायाम (Exercise)

अगर आप कैलोरी खर्च करना चाहते हैं तो रोजाना व्यायाम करना बहुत जरूरी है। आप सुबह उठ कर कुछ देर के लिए टहल सकते हैं, या घर पर ही कुछ आसान व्यायाम (Exercise) कर सकते हैं। यह आदत आपको पेट की चर्बी (Belly Fat) कम करने में मदद करेगी।

गुनगुना पानी पीना

सुबह उठ कर सबसे पहले गुनगुना पानी पीना अच्छी आदत है। यह पाचन क्रिया (Digestion) को बेहतर बनाने के साथ-साथ उपापचय (Metabolism) को भी बढ़ाता है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है और कब्ज (Constipation) जैसी समस्याएँ भी दूर होती हैं।

अच्छी नींद

सुबह उठने के बाद हम अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त हो जाते हैं और ऐसे में पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है। इस वजह से हमारा शरीर थका हुआ महसूस करता है। विशेषज्ञों के अनुसार रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना हमारे शरीर के लिए आवश्यक है।

(देश मंथन, 14 अक्टूबर 2024)

इन चीजों से बना लें दूरी, आपकी हड्डियों को कर देंगी कमजोर!

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Weak bone

स्वस्थ रहने के लिए लोग कई तरह के नुस्खे अपना रहे हैं, क्योंकि जब आप स्वस्थ रहेंगे तभी कोई काम अच्छे से कर पायेंगे। ऐसे में स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। दरअसल, आजकल कई बीमारियाँ बेहद आम हो गयी हैं और इनका उम्र से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। ऐसे में हर आयु वर्ग […]

स्वस्थ रहने के लिए लोग कई तरह के नुस्खे अपना रहे हैं, क्योंकि जब आप स्वस्थ रहेंगे तभी कोई काम अच्छे से कर पायेंगे। ऐसे में स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। दरअसल, आजकल कई बीमारियाँ बेहद आम हो गयी हैं और इनका उम्र से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। ऐसे में हर आयु वर्ग के लोगों को अपनी सेहत पर ध्यान देना जरूरी होता है। स्वस्थ रहने के लिए शरीर के सभी अंगों का स्वस्थ रहना जरूरी है। ऐसे में जरूरी है कि आपके शरीर की हड्डियाँ मजबूत हों।

हड्डियों के कमजोर होने की समस्या भी एक ऐसी समस्या है, जो आज हर आयु वर्ग के लोगों में देखने को मिल रही है। इसकी वजह हमारी दिनचर्या भी है। हड्डियों में कमजोरी को दूर करने के लिए खान-पान को ठीक रखना होगा। साथ ही, हमें उन चीजों का सेवन करने से परहेज करना होगा, जो हड्डियों को कमजोर करती हैं।

ज्यादा नमक का सेवन

नमक एक ऐसी चीज है, जिसके बिना कोई भी खाना फीका लगता है। लेकिन इसका ज्यादा सेवन आपकी हड्डियों को कमजोर कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा नमक के सेवन से हड्डियों का कैल्यिशम कम होने लगता है और इस वजह से शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है। इसलिए, नमक के सेवन में हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए।

एनर्जी ड्रिंक और कैफीन

सोडा और अन्य एनर्जी ड्रिंक का सेवन भी आपकी हड्डियों को कमजोर कर सकता है। वहीं, कैफीन का ज्यादा सेवन भी हड्डियों को नुकसान पहुँचाता है। ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन करने से शरीर कैल्शियम को पूरी तरह अवशोषित नहीं कर पाता और हड्डियाँ कमजोर पड़ने लगती हैं। हड्डियों पर ही पूरे शरीर का भार होता है। ऐसे में हड्डियाँ कमजोर हो जायेंगी तो शरीर का बोझ उठाना उनके लिए मुश्किल होता जायेगा।

शराब

शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में लोग इसका सेवन करते हैं। शराब न केवल लिवर के लिए, बल्कि हड्डियों के लिए भी नुकसानदेह होती है। इसलिए, शराब का सेवन ना करके आप न केवल अपने लिवर, बल्कि हड्डियों को भी कमजोर होने से बचा सकते हैं।

(देश मंथन, 14 अक्टूबर 2024)

सर्वोच्च न्यायालय की सख्त टिप्पणी के बीच बुलडोजर कार्रवाई जारी

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Supreme Court

देश में बुलडोजर कार्रवाई (bulldozer action) को लेकर पिछले दिनों सियासत गरमायी रही थी। खास कर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम समेत भाजपा शासित राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई पर लगातार सवाल उठे हैं। वहीं गुजरात के सोमनाथ मंदिर के आस-पास अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने का मामला भी सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) पहुँच चुका […]

देश में बुलडोजर कार्रवाई (bulldozer action) को लेकर पिछले दिनों सियासत गरमायी रही थी। खास कर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम समेत भाजपा शासित राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई पर लगातार सवाल उठे हैं। वहीं गुजरात के सोमनाथ मंदिर के आस-पास अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने का मामला भी सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) पहुँच चुका है। पटनी मुस्लिम समाज की तरफ से इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की गयी है।

दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई (1 अक्टूबर) तक बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। लेकिन, इसी बीच बहराइच में भी अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला और सोमनाथ मंदिर के पास कथित तौर पर अवैध निर्माण को ढहाया गया। इसके बाद कोर्ट की अंतरिम रोक के आदेश का हवाला देते हुए सोमनाथ मंदिर के पास पुरानी मस्जिदों और मकबरों को तोड़ने के खिलाफ याचिका दायर की गयी। स्थानीय प्रशासन ने 36 बुलडोजर और 1,400 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में अवैध निर्माण को ढहाया था।

न्यायालय ने पहले भी जतायी थी आपत्ति

इसके पहले, सर्वोच्च न्यायालय ने बुलडोजर कार्रवाई पर आपत्ति जाहिर की थी। न्यायालय ने पूछा था कि दोषी होने पर भी किसी का मकान कैसे ढहाया जा सकता है। न्यायालय ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। वहीं इस मामले में आगे की सुनवाई करते हुए मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने एक बड़ी टिप्पणी की है।

सर्वोच्च न्यायालय की सख्त टिप्पणी

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था सर्वोपरि है। न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक संपत्तियों, जैसे सड़क, जल निकायों और रेलवे लाइन पर अतिक्रमण के मामलों में हमने पहले ही अपना रुख साफ कर दिया है। अगर बीच सड़क पर कोई धार्मिक स्थल है तो यह बाधक नहीं बन सकता है। यह निर्णय भारत के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत के अनुरूप है और यह सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होगा।

न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि जहाँ जनता की सुरक्षा की बात होगी, ऐसे मे चाहे मंदिर हो या दरगाह, सार्वजनिक स्थल से उसे हटाना ही होगा। बुलडोजर कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि कार्रवाई के आदेश से पहले एक तय समय-सीमा होनी चाहिए।

बुलडोजर कार्रवाई पर घमासान जारी

दरअसल, बीते कुछ समय से बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। कई राज्यों में संगीन अपराधों में लिप्त अभियुक्तों के घरों-दुकानों आदि पर बुलडोजर चला है। इसका विरोध करने पर सरकार और पुलिस-प्रशासन की तरफ से कहा जाता है कि यह कार्रवाई उस अपराध के लिए नहीं, बिना नक्शे या अतिक्रमण करके किये गये निर्माण के कारण की गयी है।

वहीं पिछले कुछ मामलों में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर विपक्ष लगातार भाजपा शासित राज्यों की सरकारों पर यह आरोप लगाता रहा है कि भाजपा सरकारें धर्म के आधार पर कार्रवाई करती हैं। हालाँकि, उन राज्यों की भाजपा सरकारें ऐसे आरोपों को खारिज करती रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि जिस वक्त सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही थी, उस वक्त भी राजस्थान में अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चला है। इसको लेकर भी राजनीतिक बयानबाजी हो रही है।

(देश मंथन, 2 अक्तूबर 2024)

आँखें सूखने (Dry Eyes) पर आप भी पानी से धोते हैं बार-बार? जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

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Dry Eyes

हमारी व्यस्त दिनचर्या का असर आँखों पर भी पड़ता है और इसकी वजह यह है कि हम सभी मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं। वहीं ऑफिस में कंप्यूटर या लैपटॉप पर नजरें गड़ाये रहते हैं। इस कारण हमारी आँखें बोझिल हो जाती हैं। धीरे-धीरे एक वक्त ऐसा आता है, जब आँखें सूखने लगती हैं। गर्मी […]

हमारी व्यस्त दिनचर्या का असर आँखों पर भी पड़ता है और इसकी वजह यह है कि हम सभी मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं। वहीं ऑफिस में कंप्यूटर या लैपटॉप पर नजरें गड़ाये रहते हैं। इस कारण हमारी आँखें बोझिल हो जाती हैं। धीरे-धीरे एक वक्त ऐसा आता है, जब आँखें सूखने लगती हैं। गर्मी के दिनों में तेज धूप में बाहर निकलने के कारण आँखें लाल हो जाती हैं या धूल आदि के कण आँखों में चले जाते हैं। ऐसे में हम पानी से आँखों को धोते हैं। इससे थोड़ी राहत मिलती है। लेकिन, सूख चुकी आँखों (Dry Eyes) को बार-बार धोना चाहिए या नहीं, इसके बारे में किसी विशेषज्ञ से भी सलाह लेने की जरूरत होती है।

आँखों का सूखना एक बहुत आम समस्या है। इस कारण होने वाली जलन की वजह से अक्सर लोगों का मन किसी काम में नहीं लगता है। बार-बार उनका ध्यान आँखों में होने वाले दर्द और जलन पर ही जाता है।

कृत्रिम (आर्टिफिशियल) टियर ड्रॉप (Tear Drop) का इस्तेमाल

नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार अगर आपकी आँखें सूखी रहती हैं, तो आप दिन में 3-4 बार कृत्रिम टियर ड्रॉप (Tear Drop) इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन अगर यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाये, तो आपको हर घंटे ड्रॉप डालने की जरूरत पड़ सकती है। जिन लोगों को आँखें बहुत ज्यादा सूखती हैं, उन्हें डॉक्टर कई बार ड्रॉप डालने के बदले आँखों के जेल (Eye Gel) की सलाह देते हैं। यह जेल आँखों में ड्रॉप्स के मुकाबले ज्यादा देर तक नमी बनाये रखता है।

बार-बार पानी से आँख धोना हो सकता है हानिकारक

विशेषज्ञों का कहना है कि आँखों को सूखने पर बार-बार पानी से धोना हानिकारक हो सकता है। नल का पानी अशुद्ध होता है। इन अशुद्धियों के कारण आँखों में संक्रमण होने और जलन बढ़ने का खतरा रहता है। ऐसे में डॉक्टरों की सलाह के बिना बार-बार पानी से आँखों को नहीं धोना चाहिए।

साथ ही कई डॉक्टर ऐसे मामलों में मोबाइल और लैपटॉप आदि का सीमित इस्तेमाल करने की सलाह भी देते हैं, ताकि आँखों को थोड़ा आराम मिले। इससे भी आँखों में होने वाली जलन कम होती है।

(देश मंथन, 2 अक्टूबर 2024)

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