इति श्री रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) पुराण

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आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :

अमेरिका के अखबार वाल स्ट्रीट जनरल ने रॉबर्ट वाड्रा की जमीन की बात की है। भारतीय मीडिया रॉबर्ट वाड्रा की जमीन की बात करता रहता है। इतनी जमीन, उतनी कितनी जमीन, कांग्रेस में उनसे ज्यादा जमीन से जुड़ा नेता कौन है, बतायें?

 

वाल स्ट्रीट जर्नल, अमेरिका ने रॉबर्ट वाड्रा की जमीन-जायदाद की कीमत करीब 324 करोड़ रुपये बतायी है। यह देखकर टेलीकाम-घोटाली ए. के. राजा ने कहा – देखा मेरा पुरुषार्थ! मैंने बिना किसी ससुराली की मदद से 1.75 लाख करोड़ का खेल किया और एक यह वाड्रा सारी मारधाड़ करके तीन-सौ चार सौ करोड़ ही कर पाये। देखा, असल में पुरुषार्थ के ही परिणाम आते हैं, ससुरालियों के परिणाम तो तीन-चार सौ करोड़ से ज्यादा ना आते।

इत्ती प्रॉपर्टी, उत्ती प्रॉपर्टी, यहाँ प्रॉपर्टी, वहाँ प्रॉपर्टी। इंडिया के अखबारों में, अमेरिका के अखबारों में। रॉबर्ट वाड्रा ने इन खबरों से आजिज आकर बयान दिया है:

PROPERTY IS THE STATE OF MIND ONLY, प्रॉपर्टी तो सिर्फ मन की दशा है। कुछ नहीं है, सिर्फ मन की दशा है। मन की दशा व्यक्तिगत मामला है, प्लीज व्यक्तिगत मामले पर कमेंट ना करे कोई।

राहुल गांधी जीजाश्री के इस बयान को देखकर कन्फ्यूज्ड हैं कि जीजाश्री ने उनके इंटेलिजेंस (POVERTY IS THE STATE OF MIND ONLY, गरीबी सिर्फ मन की दशा है) को कॉपी किया है, या फिर जीजा उनकी मौज ले रहे हैं या फिर कतई ढिठाई दिखा रहे हैं कि जब ऐसे बयान पर राहुल का कोई कुछ ना कर पाया, तो कोई मेरा क्या करेगा!

कुछेक लाख से दो-चार साल में करीब 350 करोड़ रुपये रॉबर्ट वाड्रा ने बनाये। यह सुन कर यूएस के प्रेसिडेंट ओबामा ने अपने सलाहकारों को डपटा – देखो, मैं तो कहता था कि इंडियन कितने मेहनती, कितने प्रतिभाशाली होते हैं। बुलाओ रॉबर्ट वाड्रा को और अमेरिकी विश्वविद्यालयों में उसके लेक्चर कराओ।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने पहले शेड्यूल किया कि इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में रखें वाड्रा का लेक्चर। वाड्रा बोले, ये मैनेजमेंट क्या होता है?

हार्वर्ड ने कहा – ओके, इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरप्रेन्योरशिप में रख दें।

वाड्रा बोले – ये इंटरप्रेन्योरशिप क्या है?

हार्वर्ड से वाड्रा ने पूछा – आपके यहाँ कोई इंस्टिट्यूट लैंड माफिया वगैरह के बारे में पढ़ाता है क्या? हार्वर्ड ने कहा – फिलहाल तो नहीं है यह इंस्टिट्यूट। आप 350 करोड़ दे दें, हम नया इंस्टीट्यूट बना देंगे।

वाड्रा ने कहा है कि कुछेक लाख से 350 करोड़ बनाये हैं, मुझे बेवकूफ समझा है क्या? 350 करोड़ रुपये मैं नहीं दूँगा।

ओबामा परेशान हैं कि रॉबर्ट वाड्रा की प्रतिभा और मेहनत के लेक्चर अमेरिका में कैसे हों।

सोनिया गांधीजी ने अमेठी में तो यह घोषणा की – मैं अपना बेटा राहुल गाँधी अमेठी को सौंप रही हूँ। अमेठी को बेटा तो उन्होंने जोर-शोर से कह कर सौंपा। पर तरह-तरह की लैंड डील करने के लिए अपना दामाद रॉबर्ट वाड्रा उन्होंने राजस्थान और हरियाणा को एकदम चुपके से सौंप दिया।

इस बारे में सोनिया गांधी का कहना है कि वे आम तौर पर गुप्त-दान में यकीन करती हैं और नहीं चाहतीं कि उनके दिये गये हर आइटम की चर्चा हो।

मेरे पास कोठी है, कार है, बंगला हैं, बैंक बैलेंस है, तुम्हारे पास क्या है? और सुन, अब तो माँ भी मेरे पास ही रहती है, माँ को बुढ़ापे में टॉप फ्लोर पर दिक्कत होती है, सो अब माँ मेरे साथ ग्राऊंड फ्लोर के बंगले में ही रहती है।

अबे माँ की तड़ी किसे देता है, माँ का डायलाग पुराना हुआ। तेरे पास जो कुछ है, वो मेरे लिेए चिल्लर है, क्योंकि मेरे पास सासू माँ है।

अमिताभ बच्चन का जमाना गया साहब, रॉबर्ट वाड्रा का आ गया।

एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो, रमेश बाबू।

जानता हूं, बहुत सही तरह से जानता हूं, कोई एक चुटकी सिंदूर भरकर अब तक 350 करोड़ रुपये कमा चुका है। और पिक्चर अभी बाकी है दोस्त।

राजेश खन्ना का जमाना गया, अब रॉबर्ट वाड्रा का आ गया।

भारतीय स्कूली शिक्षा की श्रेष्ठता को दर्शाने वाला एक इश्तिहार सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन ने तैयार किया है। इसमें दर्शाया गया है – सिर्फ कक्षा दस तक भारतीय स्कूली शिक्षा लेने वाला भारतीय बच्चा भी किन ऊँचाईयों पर पहुँच सकता है। रॉबर्ट वाड्रा इसमें स्कूली शिक्षा की श्रेष्ठता के ब्रांड एंबेस्डर बने हैं।

राहुल गांधी कनफ्यूज्ड हैं कि जीजाजी की इज्जत-अफजाई हो रही है या उनसे मौज ली जा रही है।

प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का विरोध करने वालों को लोकसभा चुनाव के बाद पाकिस्तान जाना पड़ेगा, इस बयान से रॉबर्ट वाड्रा भी दहशत में आये, क्योंकि वाड्रा के पूर्वज पाकिस्तान के स्यालकोट से आये थे।

राहुल गांधी ने समझाया – जीजाजी ऐसा नहीं, जिसकी पास थोड़ी सी जमीन भी है इंडिया में उसे इंडियन माना जायेगा।

रॉबर्ट वाड्रा के चेहरे पर मुस्कान लौट आयी है – जमीन तो जहाँ कहोगे, वहाँ दिखा दूँगा। कन्याकुमारी के समंदर से लेकर एवरेस्ट तक की रजिस्ट्री अपने नाम है, द्वारिका गुजरात समंदर की रजिस्ट्री से लेकर पूरे अरुणाचल की जमीन अपने कब्जे में दिखा सकता हूँ।

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि उन्होंने जो भी किया है, सिर्फ अपने बूते पर किया है। अगर किसी की मदद ले रहे होते, तो वे बड़े काम कर रहे होते।

वाड्रा के इस बयान से चीन, बंगलादेश और नेपाल की सरकारें सतर्क हो गयी हैं। रॉबर्ट वाड्रा अगर अपने जानकारों की मदद से बड़े काम करवाने में समर्थ हो गये, तो इंडिया की 127 करोड़ की जनसंख्या को चीन, बंगलादेश और नेपाल में धकेल कर समूचे भारत को सस्ता प्लॉट मानकर महँगे लग्जरी अपार्टमेंट बनायेंगे। कांग्रेसी हलकों में ऐसा करने को विचारधारा बचाना कहा जाता है।

(देश मंथन, 21 अप्रैल 2014)

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