अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बीजेपी का प्रचार अभियान इस बार जितना बड़ा है शायद उतना पहले कभी नहीं रहा है। इसका विस्तार टेलीविजन, अखबार, रेडियो और सड़कों पर लगे होर्डिंग में दिख रहा है।
पहली बार सोशल मीडिया को भी बीजेपी ने प्रचार के लिए जबर्दस्त ढंग से इस्तेमाल किया है। पहली बार प्रचार के लिए 3 डी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी ने प्रचार पर पानी की तरह पैसा बहाया है। कांग्रेस के मुताबिक बीजेपी ने चुनाव अभियान पर दस हज़ार करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च किया है। लेकिन क्या वाकई ऐसा है?
प्रचार अभियान से जुड़े कई नेता बातचीत में दावा करते हैं कि कांग्रेस ने जो आँकड़ा दिया है, बीजेपी ने अभी तक इसका दसवां हिस्सा यानी एक हजार करोड़ रुपया भी खर्च नहीं किया है। शायद मतदान के अंतिम दिन यानी 12 मई तक खर्च की गयी रकम हजार करोड़ के आसपास पहुँचे। पिछले हफ्ते तक प्रचार अभियान और नेताओं के हवाई दौरों पर खर्च की गयी रकम साढ़े छह सौ करोड़ रुपये के आसपास आ रही थी। इसमें चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों को पार्टी की ओर से दी गयी रकम भी शामिल है।
बीजेपी नेताओं के मुताबिक इस बार पार्टी ने प्रचार में सबसे ज्यादा खर्चा आउटडोर विज्ञापन यानी सड़कों पर लगे होर्डिंग पर किया है। देश के छोटे-बड़े हर शहर में नरेंद्र मोदी के फोटो वाले होर्डिंग लगाये गये हैं जिनमें पार्टी के अलग-अलग नारे होते हैं। ऐसा कम ही होता है कि किसी शहर या कस्बे की सड़कों पर गुजरते वक्त अबकी बार, मोदी सरकार की टैग लाइन वाले इन होर्डिंग पर नजर न पड़े। एक अंदाजे के मुताबिक बीजेपी ने करीब सौ करोड़ रुपये इन होर्डिंग पर खर्च किए हैं। बीजेपी ने महत्वपूर्ण जगहों पर लगे ज्यादातर होर्डिंग की बुकिंग पहले ही करा ली थी। इसीलिए कांग्रेस समेत दूसरे दलों को ऐन चुनाव के वक्त अपने विज्ञापनों के लिए ये होर्डिंग नहीं मिल सके। दिल्ली जैसे शहर में तो ये आलम था कि बीजेपी के दस से पंद्रह होर्डिंग एक ही सड़क पर लगे हुए थे। साथ ही शहर के बस स्टाप को भी मोदी के फोटो वाले विज्ञापनों से पाट दिया गया था।
प्रचार के पारंपरिक साधन जैसे टीवी, अख़बार और रेडियो पर बीजेपी ने दिल खोल कर खर्चा किया है। क्रिकेट मैच के प्रसारण के दौरान खेल चैनलों और मनोरंजन चैनलों पर सबसे ज्यादा विज्ञापन दिए गये। समाचार चैनलों में सबसे बड़ा हिस्सा हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के चैनलों को मिला। जबकि अंग्रेजी चैनलों पर रस्म अदाइगी की गयी। रेडियो पर आयी एफएम क्रांति का बीजेपी का बखूबी इस्तेमाल किया है। बड़े और छोटे शहरों में गाड़ियों और दुकानों में बज रहे एफएम रेडियो पर भी बीजेपी के विज्ञापन सुनाई दे रहे हैं। अखबारों को भी बीजेपी के विज्ञापन का एक बड़ा हिस्सा मिला है। प्रचार खत्म होने के बाद बड़े अखबारों में पार्टी ने पूरे पेज के विज्ञापन दिए हैं। बीजेपी नेताओं के मुताबिक पारंपरिक मीडिया में विज्ञापनों पर पार्टी ने 60-70 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
विज्ञापन के बजट का सबसे कम हिस्सा सोशल मीडिया पर खर्च किया गया है। फेसबुक और ट्विटर पर बीजेपी और नरेंद्र मोदी के अलावा कई दूसरे बड़े नेताओं की पोस्ट और ट्वीट को प्रमोट किया गया। कई बड़ी वेबसाइटों पर भी बीजेपी के डिजीटल विज्ञापन देखने में आये हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक सोशल मीडिया पर विज्ञापन की रकम दस करोड़ के आसपास होगी।
सबसे ज्यादा खर्चा नरेंद्र मोदी की 3 डी सभाओं पर आ रहा है। नरेंद्र मोदी एक ही दिन में करीब सौ जगह पर इन सभाओं को संबोधित करते हैं। अब तक 3 डी सभाओं के छह दौर हो चुके हैं। आज शाम सातवां दौर है जिसमें नरेंद्र मोदी कई राज्यों में सौ से भी ज्यादा जगहों पर प्रचार करेंगे। पार्टी नेताओं के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव में पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल प्रचार के लिए किया गया था। तब ये ज्यादा महँगी थी। अब थोड़ी सस्ती हुई है। इसके बावजूद अंदाजे के मुताबिक 12 मई तक पार्टी इन सभाओं पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी होगी।
नेताओं के हवाई दौरों के लिए हवाई जहाज़ और हेलीकाप्टरों पर भी काफी पैसा खर्च हो रहा है। रेलिगेयर, अडानी जैसी कई कंपनियों से ये किराये पर लिए जाते हैं। पार्टी इनका किराया चेक के माध्यम से चुकाती है। नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी जैसे बड़े नेताओं के लिए चार्टर प्लेन का इंतजाम किया गया है। दिलचस्प बात ये है कि पार्टी के कई बड़े नेता सिंगल इंजिन वाले हेलीकॉप्टर में उड़ान भरने के लिए मजबूर हैं क्योंकि उनके मुताबिक दो इंजन वाले कई हेलीकॉप्टर कांग्रेस ने बुक करा लिए हैं। लेकिन उन्हें उड़ाया नहीं जा रहा है।
(देश मंथन, 29 अप्रैल 2014)