देश मंथन डेस्क :
भाजपा नीत राजग सरकार के सत्तासीन होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए इसे खत्म करने की बात कही थी और इसकी जगह एक गतिशील संस्था की सिफारिश कर थी और नये वर्ष के पहले दिन ही इसको अमलीजामा पहना दिया गया है।
मोदी सरकार में योजना आयोग अब नीति आयोग में बदल गयी है। नीति का फुल फॉर्म है नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया। हालाँकि इसके काम-काज और ढांचे में किस तरह का बदलाव किया जाएगा, इसका औपचारिक ऐलान बाकी है। इस संबंध में सरकार ने 1 जनवरी को एक संशोधित संकल्प की घोषणा कर दी है।
प्रधानमंत्री समर्थित रिपोर्ट के मुताबिक नीति आयोग में सलाहकारों का एक विशेषज्ञ दल होगा, जो अमेरिकी शैली की आर्थिक सलाहकार परिषद् की तरह काम करेगी। इसके चेयरमैन प्रधानमंत्री होंगे। नीति आयोग के वाइस चेयरमैन को प्रधामंत्री मनोनीत करेंगे।
नीति आयोग के तहत एक राष्ट्रीय परिषद होगा और 5 क्षेत्रिय परिषद होंगे। क्षेत्रिय परिषद में मुद्दों के आधार पर राज्यों का समूह होगा। इस आयोग में राज्यों के मुख्यमंत्री सदस्य होंगे।
नीति आयोग के स्थाई ढांचे में 5 स्थाई सदस्य होंगे, जबकि 2 कार्यकारी सदस्य होंगे। इसमें 4 एक्स ऑफिशिल सदस्य होंगे और एक सीओओ होगा और सीओओ सचिव स्तर का अधिकारी होगा।
गौरतलब है प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक में योजना आयोग की कार्यशैली में बदलाव की चर्चा की थी और टीम इंडिया कांसेप्ट के तहत सोवियत शैली में एक ऐसी संस्था विकसित करने की सिफारिश की थी, जो राज्यों को एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के विकास में बड़ी भूमिका देगी।
उल्लेखनीय है 15 अगस्त, वर्ष 2014 को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने 64 वर्ष पुराने योजना आयोग को अप्रसांगिक बताया था और इसे खत्म करने और एक नयी संस्था विकसित करने लिए आम जनता से भी राय माँगी थी।
(देश मंथन, 1 जनवरी, 2015)