पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
यह हो क्या रहा है! भाजपा के दो तंबाकू प्रेमी सांसदों का दावा है कि तंबाकू से कैसर नहीं होता और इस संदर्भ में सरकार को सर्वे कराना चाहिए।
एक हैं दिलीप गांधी और दूसरे हैं श्याम बीड़ी के अधिष्ठाता श्यामा चरण गुप्ता। मैं किसी सर्वे को नहीं जानता। मैं तो अपने चाचा पं. बैकुंठ पति शर्मा (गीगा गुरु) को इसी तंबाकू की वजह से खो चुका हूँ। हर वक्त उनके मुँह में गुटके के साथ पान घुला रहता था। मुँह का कैंसर हो गया। कोलकाता स्थित अपोलो अस्पताल में आपरेशन हुआ। लोगों से यही कहते थे ‘ कभी तंबाकू-गुटका मत खाना। चंद महीने ही जी सके। पतंजलि (हरिद्वार) भी मैं ले गया था उन्हें। वहाँ से बैरंग लौटा दिया।
यही नहीं मेरी फुफेरी बहन आरती परी जैसी थी पर हाय इसी तंबाकू ने उसका क्या बुरा हाल कर रखा था दो बार आपरेशन हो चुका था। जिंदगी जहन्नुम से गयी गुजरी हो चुकी थी और ये ‘दलाल’ सांसद किस तरह की बकवास कर रहे हैं! मित्रों, आपसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना है कि तंबाकू मिश्रित किसी भी चीज का सेवन न करें। करते हों तो त्याग दें। इच्छा शक्ति हो तो आप एक झटके में इस दुर्व्यसन से निजात पा सकते हैं। मैं कोई संत महात्मा नहीं हूँ। साधारण सा इंसान हूँ। कभी हजारों रुपये इसी कुआदत में बहा करते थे। बनारस मे दो दुकानों से बंधी का पान आता था। पान मसाला अलग से और आफिस में पान आता सो बताने की जरूरत नहीं।
एक दिन की बात है.. एक चैनल लाँच होने को था उस टीम में मैं भी था। एक दिन प्रोमो बन रहा था और मैं स्वामी क्रिकेटानंद महाराज के गेटअप में था। एक शाट में पाया कि बोलते समय एक सिट्टी मुँह से गिरती नजर आयी। शर्म के मारे पानी-पानी हो गया। भागा-भागा गया वाशरूम और कुल्ला करने के दौरान संकल्प लिया कि बस आज के बाद कुछ नहीं। तत्काल दूसरा प्रोमो बनवाया। इस बात को छह बरस होने को आए… हाँ, बनारस जाता हूँ तो मित्र है लल्लू तीन दशक तक बंधी का पान खिलाया था, एकाध बीड़ा जमा लेता हूँ बिना सुर्ती के। कभी बैडमिंटन खेलने के बाद सरस्वती फाटक स्थित उसकी दुकान पर आधा घंटे की बैठकी हुआ करती थी। बैठकी तो अब भी होती है पर बिना पान घुलाए ही। औसत साल मे महज दो पान का ही होगा। पहले हालत यह थी कि जरा सी भी गरम चीज हो, नहीं खा पाता था, सू-सू करने लगता था, मिर्च तो देख भी नहीं सकता था। मैं भी गीगा चाचा और शरद पवार (शतायु हों) की राह पर बढ़ चला था। समय पर होश आ गया। आज सब कुछ आराम से खाता हूँ जिंदगी मौज बन गयी।
संसद का सत्र शुरू होने दीजिए इन सांसदों की थुक्का फजीहत देखने लायक होगी।
नोट : हमारे काठमांडो स्थित अनुज मानवेंद्र शर्मा ‘पप्पू’ ने अभी-अभी बताया कि कुछ दिन पहले आरती नारकीय कष्ट से मुक्ति पा कर भगवान को प्यारी हो गयी.. कर्सियांग (दार्जीलिंग) में रहती थी। दिन भर तंबाकू वाली सुंघनी और गुड़ाकू ही करती थी। परमात्मा उसकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
(देश मंथन 04 अप्रैल 2015)