पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में कहा समय आ गया है अब कि देश में काला धन और हवाला पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को क्रिकेट सट्टेबाजी को अन्य देशों की तरह वैध कर देना चाहिए। जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गयी है उसमें साफ कहा गया है कि क्रिकेट सट्टेबाजी का पैसा हवाला के माध्यम से इधर से उधर पहुँचाया जाता है।
एक अनुमान के मुताबिक देश में क्रिकेट पर एक साल में सगभग तीन लाख करोड़ दाँव पर लगते हैं और यह समानांतर अर्थ व्यवस्था दिनों-दिन विकराल होती जा रही है।
बताने की जरूरत नहीं कि इससे फिक्सिंग को किस तरह बढ़ावा मिल रहा है। इसके कर्ताधर्ता दुबई, कराची, जोहान्सबर्ग, लिस्बन से संचालन कर रहे हैं। बीसीसीआई से जुड़े कुछ लोग भी इस धतकरम में शरीक हैं। यदि सरकार ने सट्टेबाजी वैध कर दी तो माफियाओं की ऐसी तैसी होगी ही, देश के खजाने में भी काफी रकम बतौर टैक्स आयेगी। दाँव जीतने वाले का 33% टैक्स के रूप में कट जायेगा और रकम सफेद रहेगी। यानी एक लाख करोड़ की रकम सरकार के पास जाएगी और यह पैसा धूल खा रही पुलिस- न्यायिक सुधार की फाइलों को सर्वोच्च वरीयता के आधार पर निबटाने के काम आये। यह व्यवस्था परिवर्तन के लिए जबरदस्त असर कारक साबित होगा। हवाला कारोबारियों की दुकाने बन्द हो जायेंगी। फिलहाल तो करोड़ टके का यही सवाल है क्या वर्तमान मोदी सरकार इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठायेगी?
(देश मंथन, 13 मई 2015)