देश का आठवाँ आश्चर्य है शेखावटी की हवेलियाँ

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार : 

राजस्थान का शेखावटी इलाका अपनी हवेलियों के लिए जाना जाता है। शेखावाटी राजस्थान के सीकर, झुंझनू और चुरू  जिले आते हैं। वहीं ये इलाका देश में शिक्षा के बड़े केन्द्र के तौर पर भी जाना जाता है। अर्ध-रेगिस्तानी शेखावटी इलाका राव शेखाजी (1433-1488 ईस्वी) के नाम पर अस्तित्व में आया।

झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ शहर की स्थापना राव शेखाजी के वंशज ठाकुर नवल सिंह जी ने की थी। यहाँ सेकसरिया की हवेली और मोरारका की हवेली देखी जा सकती है।

शेखावटी की हवेलियों को राजस्थान की ओपन आर्ट गैलरी के नाम से भी पुकारा जाता है। शेखावटी की हवेलियों में रंग-बिरंगे भित्तिचित्र देखे जा सकते हैं। ज्यादातर हवेलियाँ 18वीं से 20वीं शताब्दी के बीच बनी हैं। इन हवेलियों के भित्तिचित्र बहुत-से ऐतिहासिक और पौराणिक प्रसंगों का चित्रण किया गया है। कई लोग इन हवेलियों को भारत का आठवाँ आश्चर्य भी मानते हैं।  सीकर,  झुंझनूं,  चुरू,  मुकंदगढ़, चिड़ावा, नवलगढ़, रामगढ़, महनसर, मंडावा, मंड्रेला डूंडलोद,  सूरजगढ़, फतेहपुर आदि में ऐसी हवेलियाँ देखी जा सकती हैं। शेखावटी में भले ही हरियाली नहीं नजर आती है, पर रंग-बिरंगी हवेलियों को देखने के लिए सैलानी यहाँ सालों भर पहुँचते हैं। कई हवेलियाँ तो होटलों में बदल दी गयी हैं, जहाँ सैलानी रुकना शान समझते हैं। दो शताब्दियों के बीच यहाँ के भित्ति चित्रकारों ने अपनी कूची का कमाल दिखाया। ज्यादातर भित्तिचित्र 1750 से 1930 के बीच बने हैं। झुंझनूं जिले के नवलगढ़ की हवेलियों की भित्तियों पर बारह मासे का भी सुन्दर चित्राँकन मिलता है। कहीं देवी-देवताओं के चित्र बने हैं तो कहीं पर विवाह संबंधी या फिर लोक पर्वों के साथ युद्ध, शिकार, कामसूत्र और संस्कारों के चित्र भी देखे जा सकते हैं। इन हवेलियों में विशाल चौक,बड़ी बैठकें, तहखाने आदि का भी निर्माण किया गया है।

झंझनूं में टीबडे वालों की हवेली एवँ ईसरदास मोदी की सैकड़ों खिड़कियों वाली हवेली भव्य इमारतें हैं। चुरू में भी मालजी का कमरा सुराणों का हवामहल,  रामविलास गोयनका की हवेली, मन्त्रियों की बड़ी हवेली और कन्हैयालाल बागला की हवेलियाँ देखी जा सकती हैं।

माँडवा की हवेली को अब रिसॉर्ट बना दिया गया है। जयपुर से 190 किलोमीटर की दूर यह कस्बा राजस्थान के झुंझुनू जिले में आता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इसे शेखावटी का दिल भी कहा जाता है। यह कस्बा शेखावटी के राजपूतों द्वारा 18वीं सदी में बनवाया गया था। 

शिक्षा का बड़ा केन्द्र 

शेखावटी के झुंझनू जिले में बिट्स, पिलानी शिक्षा का बहुत पुराना केन्द्र है। अब सीकर और चुरू जिले में कई आवासीय स्कूल, तकनीकी संस्थान और विश्वविद्यालय खुल गये हैं। शेखावटी शिक्षा का भी बड़ा केन्द्र बनता जा रहा है। सिंघानिया विश्वविद्लाय का परिसर पचेरी बारी में नजर आता है। ये विश्वविद्यालय झुंझनू से नारनौल के रास्ते में पड़ता है। वहीं लक्षमणगढ़ में मोदी विश्वविद्यालय खुल गया है। निजी क्षेत्र में कई नए संस्थान पिछले दो दशक में खुले हैं। क्षेत्र में आवासीय विद्यालयों की भी भरमार है।

(देश मंथन, 29 जुलाई 2015)

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