संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
महिलाएँ या तो सुन्दर होती हैं, या बहुत सुन्दर।
पूरी दुनिया में इससे इतर कोई महिला नहीं होती। अब आप कहेंगे कि संजय सिन्हा सुबह-सुबह ये क्या पहेली बुझा रहे हैं।
मैं कहूँगा कि कोई पहेली नहीं बुझा रहा। सच यही है कि महिलाएँ या तो सुन्दर होती हैं, या बहुत सुन्दर।
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पूरा मामला बताने से पहले आपको एक शहर की यात्रा पर ले चलना चाहता हूँ।
शहर का नाम है अल्जीयर्स। यह शहर दुनिया भर में बहुत लोकप्रिय नहीं है, पर इसकी दो खासियत इसे दुनिया के बाकी शहरों से अलग करती है। पहली बात तो ये कि इस शहर के नाम पर ही पूरे देश का नाम पड़ा है। यानी यह अल्जीरिया की राजधानी है।
इस तरह पहली खासियत इस शहर का नाम है। दूसरी खासियत यहाँ की लड़कियाँ हैं।
यहाँ की लड़कियों की खासियत की वजह से ही मशहूर चित्रकार पाब्लो पिकासो की बनाई एक पेंटिंग, ‘अल्जीयर्स की औरतें’ दुनिया में सबसे ज्यादा महँगी बिकने वाली पेंटिंग में से एक रही है। न्यूयार्क में हुई एक नीलामी में यह पेंटिंग करीब 17.9 करोड़ डालर में बिकी थी।
मैंने आज शुरू में ही कह दिया है कि दुनिया में दो तरह की महिलाएँ होती हैं। सुन्दर या बहुत सुन्दर।
पिकासो ने सुन्दर औरतों की तस्वीर बना कर खुद को तो अमर कर ही लिया, अल्जीरिया की महिलाओं की खूबसूरती को भी उसने विश्व मंच पर पहुँचा दिया।
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पिकासो जी की निगाह तो सिर्फ सुन्दर महिलाओं पर पड़ी थी। अब मैं आपको ले चलता हूँ ‘बहुत सुँदर’ महिला से मिलाने।
यह कहानी भी अल्जीयर्स की है।
अल्जीयर्स में एक सज्जन बहुत दिनों से उस लड़की के पीछे पड़े थे। वो लड़की ‘बहुत सुन्दर’ थी। पिकासो की पेंटिंग वाली लड़की से ज्यादा सुन्दर।
सज्जन ने उस लड़की को विवाह करने के लिए राजी कर लिया। शुभ मुहुर्त देख कर उससे शादी भी कर ली।
आदमी को और क्या चाहिए, अगर बहुत सुन्दर लड़की से विवाह हो जाए तो!
जनाब गाजे-बाजे के साथ उसे ब्याह कर अपने घर ले आये। दोनों दिन भर की शादी की रस्म से थक गये थे। घर आये, थोड़ी-बहुत और जरूरी रस्में पूरी हुईं और फिर आँखें झपकीं तो दोनों में से किसी को होश ही नहीं रहा। दोनों सो गये।
गहरी नींद थी। अचानक आदमी की नींद खुली। लेकिन जैसे ही अपने बगल में सोई महिला पर उनकी निगाह गयी, तो उनकी चीख निकल पड़ी। उन्होंने देखा कि कोई और महिला उनके बगल में सोई है। पूरा घर उन्होंने सिर पर उठा लिया। महिला जागी।
आदमी ने पूछा, “तुम कौन हो?”
महिला ने कहा, “अरे इतनी जल्दी भूल गये? मैं तुम्हारी पत्नी हूँ। बहुत सुन्दर लड़की।”
“पत्नी? बहुत सुन्दर लड़की? लेकिन मैंने तो किसी और से शादी की थी। तुम वो नहीं हो। तुम कोई और हो।”
बात बढ़ गयी। बढ़ क्या गयी, बिगड़ गयी। मामला अदालत तक गया और शादी टूट गयी।
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दरअसल हुआ क्या?
हुआ ये कि उन जनाब ने उस लड़की को जितनी बार देखा, जितनी बार उससे मिले वो उन्हें हमेशा मेकअप में मिली। एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया कि वो बहुत सुन्दर लड़की उन्हें बिना मेकअप के मिली हो। उसकी उसी बहुत सुन्दरता पर फिदा हो कर वो उसे ब्याह लाये। फुल मेकअप में दुल्हन घर आयी थी। रात में जब थक कर वो सो गयी तो उसका मेकअप उतर गया और इसी बीच पति महोदय की नींद खुल गयी, तो उन्होंने अपनी बहुत सुन्दर पत्नी को देख कर शोर मचा दिया। उस पर धोखेबाजी का मुकदमा दर्ज करा दिया और सुना है कि 20 हजार डॉलर के हर्जाने की माँग भी की है।
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बहुत साल पहले दिल्ली के एक उद्योगपति ने एक मशहूर फिल्म स्टार की सुन्दरता पर फिदा हो कर उससे शादी कर ली थी। फिर खबर आयी कि एक सुबह जगने के बाद वह मशहूर कारोबारी अपनी स्टार पत्नी के दुपट्टे को पंखे में बाँध कर खुद उस पर लटक गया। तब इस बात की बहुत चर्चा थी कि उस व्यापारी ने जिस बहुत सुन्दर महिला से शादी की थी, उसे तो उसने पहले सिर्फ रूपहले पर्दे पर देखा था। फिर जब भी उससे मिला, लंबे काले घने बाल, बड़ी-बड़ी पलकें और चटख गुलाबी होंठ, नशीली आँखों को देखता हुआ ही मिला। पर जब शादी हो गयी, तो रात में उसके बाल ड्रेसिंग टेबल की शोभा बढ़ा रहे थे। पलकें शीशे के सामने पड़ी खुद को निहार रही थीं। पाउडर, क्रीम, फाउंडेशन सब धुल गये थे। हीरोइन सो रही थी। बेचारा सदमे में चला गया।
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पिकासो ने जो पेंटिंग बनायी थी, वो अल्जीरिया की सुन्दर महिलाएँ थीं। मेरी पोस्ट में आज का जो नायक है, उसने सुन्दर से चार कदम आगे बढ़ कर ‘बहुत सुन्दर’ की तलाश की और इतना परेशान हुआ।
मैंने शुरू में ही कह दिया है कि दुनिया में दो ही तरह की महिलाएँ होती हैं। सुन्दर और बहुत सुन्दर।
यह आप पर निर्भर है कि आप किसे चुनते हैं।
अंग्रेजी में एक कहावत है ‘एक्सेस ऑप एवरिथिंग इज बैड’। अर्थात अति हर चीज की बुरी होती है। चाहे वो सुन्दरता की ही क्यों न हो!
(देश मंथन, 07 अगस्त 2015)