प्लीज, कम इनफोर्मेशन दें

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आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :

स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, एमेजन, मायंत्रा के आनलाइन शापिंग के जमाने में घणी फँसावटें हैं।

बंदा अपना आइटम खरीद फारिग होना चाहे, तो सटाक से नीचे से इनफोर्मेशन आ लेती है-जिन्होने ये आइटम खरीदे, उन्होने ये, ये, ये और वो आइटम भी खरीदे। ये वाला मोबाइल लिया, तो वो वाला ब्लू-टूथ, ये वाला मोबाइल-कवर भी खरीदा।

इन्हे भी देख लो, देख क्या लो, सरासर उकसावा है-इन्हे भी खरीद ही लो।

यहीं मुझे लोकल गुप्ता स्टोर अच्छा लगने लगता है। स्टोर से माल खरीद लो, तो गुप्ताजी की इच्छा होती है कि ग्राहक दुकान खाली करे, निकल ले। गुप्ताजी कतई ना बताते कि जिन्होने ये मक्खन खरीदा, उन्होने बगल की दुकान से सिगरेट भी खरीदी और फिर बरसों-बरस उसके बगल की दुकान से वो कोलस्ट्रोल कम करने की दवाइयाँ भी खरीदते रहे।

हमें जो खरीदना है, हम खरीद लेंगे, भइया बताओ कायको कि उन्हे ये ले लिया, उन्होने वो लिया।

कंप्यूटर डेटा-विश्लेषण करने वाला मेरा मित्र मुझे बता रहा था कि अभी रुक जाओ, हर बंदे की इतनी ऑनलाइन धरपकड़ हो गयी है कि कुछ दिनों बाद जैसे ही मिसेज शर्मा कोई आइटम ऑनलाइन मान लो, साड़ी खरीदेंगी, तो फौरन इनफोर्मेशन नीचे कूद लेगी-आपकी किटी पार्टी की मिसेज वर्मा ने इससे महँगी साड़ी खरीदी है। उसके सामने यह साड़ी कतई डल लग रही है। महँगी साड़ी खरीदें।

शोध बताती है कि करीना कपूर खरीद ले साड़ी, तो मिसेज शर्मा प्रोत्साहित ना होतीं, उसके मुकाबले महँगी साड़ी खरीदने को, पर किटी पार्टी की कंपटीटर खरीद ले महँगी साड़ी, तो मिसेज शर्मा एक झटके में प्रोत्साहित हो जाती हैं, उससे महँगी साड़ी खरीदने को।

ब्रांड-एंबेसडरों का स्थानीयकरण होने की उम्मीद है। हर बंदे के कंप्यूटर में आसपास के खरीदार ही दिखेंगे कि उनने खरीदा और इनने ये खरीदा।

कोई मिस्टर सिंह ऑनलाइन मोबाइल फोन खरीदेंगे, तो फौरन नीचे इनफोर्मेशन कूद लेगी-शर्म, आपके पड़ोसी मिश्राजी ने इसी फोन का नया मॉडल कल खरीदा है। उस मॉडल के आगे आपका खरीदा हुआ मॉडल कतई पुराना लग रहा है। बेइज्जती खराब होगी आपकी, आप भी नया मॉडल लें।

प्लीज, थोड़ी कम इनफोर्मेशन दो ऑनलाइन माल बेचने वालों, सिर्फ अपने मतलब के आइटम खरीद कर गरीबों को स्टोर से बाहर जाने दो।

(देश मंथन, 07 अक्तूबर 2015) 

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