रायते में डूबे समोसे का क्या कहना

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार : 

दो समोसे दही के शानदार रायते में डूबे हुए। पत्ते के दोने में परोसे गये। यह है ओरछा की सुबह का नास्ता। हालाँकि रायता समोसा बुंदेलखंड कई शहरों का लोकप्रिय नास्ता है पर जैसा रायता समोसा ओरछा में मिलता है वह और कहीं नहीं मिलेगा। राजा राम मंदिर के सामने चौराहे पर कई मिष्टान भंडार में आपको यह नास्ता मिल जाएगा। समोसे तो आपने अक्सर चटनी के साथ खाये होंगे पर इसे बूंदी रायता में डूबा कर खाने का आनंद कुछ अलग ही है। 

बाजार के चौराहे पर कुशवाहा जी के दो मिष्टान भंडार हैं और एक यादव जी का, जहाँ आप ये स्वाद पा सकते हैं। और इसकी कीमत महज 15 रुपये। 10 रुपये का दो नग समोसा और 5 रुपये का रायता। लाजवाब। वैसे आप इसके साथ जलेबी को भी जोड़ सकते हैं। आनंद बढ़ाने के लिए। पाँच रुपये का समोसा दिल्ली के 8 या 10 रुपये वाले समोसे से स्वाद में बेहतर है। ओरछा की दुकानों में खोया भरी मीठी गुझिया भी मिल जाती है वह भी पाँच रुपये में। और गोलगप्पे महज 10 रुपये में आठ। और क्या क्या खाएँगे आप।

आबादी में छोटे आकार के शहर ओरछा में खाने-पीने के लिए सीमित विकल्प मौजूद हैं। कई ओपन स्काई रेस्टोरेंट विदेशी सैलानियों को लुभाने के लिए बनाये गये हैं। पर खाने के लिए होटल, ढाबा कम संख्या में दिखायी देते हैं। राजा राम मंदिर चौराहे के आसपास कई भोजनालय हैं पर मैं जा पहुँचता हूँ नगर पंचायत के बगल में राजावत रेस्टोरेंट में।

अलग-अलग तरह के आर्डर के अलावा यहाँ पर 60 रुपये में थाली का विकल्प भी मौजूद था। तंदूरी रोटियाँ (चाहे जितनी खाएँ) चावल, दाल, दो सब्जियाँ और सलाद। राजावत भोजनालय की थाली अच्छी है। खासतौर पर बिना मैदा गेहूँ की बनी रोटियाँ। सब्जियों में लगायी गयी छौंक उसका स्वाद बढ़ाती हैं। सब्जियाँ दुबारा परोसने से स्टाफ मना नहीं करता। स्टाफ का व्यवहार अच्छा है। डायनिग हाल भी साफ सुथरा है।

आप कभी ओरछा में हों तो यहाँ के भोजन का स्वाद ले सकते हैं। इस रेस्टोरेंट के मालिक रणवीर सिंह राजावत बड़े दिलचस्प इंसान हैं। ओरछा शहर के अलावा बुंदेलखंड के इतिहास में गहरी रूचि रखते हैं। उनके पास बातों का खजाना है जो कभी खत्म नहीं होता।

(देश मंथन, 29 अक्तूबर 2015)

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