विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
चेन्नई के आडयार समुद्र तट पर अष्टलक्ष्मी का सुंदर मंदिर स्थित है। अष्टलक्ष्मी मंदिर देवी लक्ष्मी के आठ रूपों को समर्पित है। इन सभी के बारे में माना जाता है कि यह धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की रूप है। देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी थी। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी लक्ष्मी हमारे जीवन में काफी महत्व है। अष्ट लक्ष्मी हमें धन, विद्या, वैभव, शक्ति और सुख प्रदान करती हैं।
इस मंदिर में लक्ष्मी की कुल आठ अलग-अलग मूर्तियाँ अलग-अलग तल पर स्थापित की गयी हैं। यहाँ आदि लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, धैर्य लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी, विजया लक्ष्मी, संतना लक्ष्मी और धन लक्ष्मी के दर्शन होते हैं। सभी देवियों के मंदिर घड़ी की सूई की दिशा में आगे बढ़ते हुए दिखायी देते हैं। सबसे अंत में नवम मंदिर है जो विष्णु और लक्ष्मी का है। इस मंदिर में विष्णु की तुलना में लक्ष्मी को प्राथमिकता दी गयी है।
इस मंदिर का निर्माण 1974 में आरंभ किया गया। मुकुर श्रीनिवास वरदचेरियार की अगुवाई बनी समिति ने इस मंदिर का निर्माण कराया। 5 अप्रैल 1976 से इस मंदिर में विधिवत पूजा आरंभ हुई। मंदिर का डिजाइन ओम के आकार का है। नवरात्रि और गोकुलअष्टमी मंदिर के प्रमुख त्योहार हैं।
मंदिर में आने वाले श्रद्धालु कमल का पुष्प चढ़ाते हैं। हर लक्ष्मी के लिए लोग अलग-अलग कमल पुष्प लेकर जाते हैं। मंदिर के ऊपरी हिस्से से समंदर का सुंदर नजारा दिखायी देता है। वहीं समंदर के तट से भी मंदिर काफी सुंदर नजर आता है। मंदिर का निर्माण तीन मंजिलों में हुआ है। मंदिर के चारों तरफ विशाल आंगन है। मंदिर परिसर में पूजा सामग्री की दुकान भी है।
पूजा काल
सुबह 6.30 बजे आरंभ होता है। दोपहर 12 बजे मंदिर बंद हो जाता है। शाम को 4 बजे रात्रि 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है। शुक्रवार से रविवार तक मंदिर दोपहर 1 बजे तक खुला रहता है।
कैसे पहुँचे
अष्टलक्ष्मी मंदिर चेन्नई के बेसेंट नगर में स्थित है। यह शहर के संभ्रात इलाके में गिना जाता है। चेन्नई सेंट्रल या शहर के हर कोने से बेसेंट नगर के लिए बसें उपलब्ध हैं। ब्राडवे से 21डी बस सीधे बेसेंट नगर जाती है। बस स्टाप से भी मंदिर आधा किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर से ठीक पहले एक सुंदर सा चर्च भी है।
(देश मंथन 30 नवंबर 2015)