जार्ज पंचम, जार्ज टाउन, मद्रास और चेन्नई

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

चेन्नई के ब्राडवे बस स्टैंड के पास एनसी बोस रोड पर ब्रिटेन के सम्राट रहे जार्ज पंचम की विशाल प्रतिमा लगी है। चेन्नई में उनके नाम से जार्ज टाउन नामक इलाका भी है। यह चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के पास स्थित चेन्नई का सबसे पुराना नगरीय क्षेत्र है। पर जार्ज टाउन का नाम कभी ब्लैकटाउन हुआ करता था।

अंग्रेजों ने मद्रास में फोर्ट सेंट जार्ज बनवाया था, जिसे ह्वाइट टाउन कहा गया। पर 1911 में जब जार्ज पंचम भारत के बादशाह घोषित किये गये तब ब्लैकटाउन का नाम बदल कर उनके सम्मान में जार्ज टाउन रखा गया। चेन्नई शहर के बनने का इतिहास फोर्ट सेंट जार्ज म्युजियम में देखा जा सकता है। भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपनी पहली फैक्ट्री सूरत में आरंभ की थी। पर दक्षिण भारत में वे पाँव पसारने के लिए उचित अवसर तलाश रहे थे। 1640 में मद्रासपट्टनम गाँव में इसकी शुरुआत हुई। इस तरह से मद्रास शहर बसना आरंभ हुआ। 

तकरीबन 14 साल लगे 1653 में फोर्ट सेंट जार्ज बन कर तैयार हुआ। फोर्ट सेंट जार्ज के उत्तर में एक कालोनी बसी, जिसमें खास तौर पर रंगरेज और बुन कर बसाए गये। इसका नाम दिया गया ब्लैकटाउन जो 1911 में जार्ज टाउन कहलाने लगा। यहाँ शुरू से हर धर्म के लोग थे। यहाँ बड़ी संख्या में राजस्थान और सौराष्ट्र से लोग आकर बसे थे। एक जमाने से यहाँ होली और दिवाली उत्साह से मनायी जाती है। उन्नीसवीं सदी में यहाँ हिंदू मंदिर, मस्जिद और जैन मंदिर बन चुके थे। 1772 में इस इलाके में पहली बार वाटर सप्लाई सिस्टम की शुरुआत की गयी। 22 अगस्त 2014 को चेन्नई शहर ने अपनी 375वीं वर्षगांठ मनायी।

जार्ज पंचम की प्रतिमा 

1938 में चेन्नई के फ्लावर बाजार पुलिस स्टेशन के पास (एनसी बोस रोड पर) जार्ज पंचम की विशाल प्रतिमा लगायी गयी। ये प्रतिमा किंग की ताजपोशी की रजत जयंती के मौके पर लगायी गयी। इस प्रतिमा के शिल्पी एमएस नागप्पा थे। जार्ज पंचम ने 6 मई 1910 से 20 जनवरी 1936 तक ब्रिटेन और उसके उपनिवेशों पर शासन किया। जार्ज पंचम का भारत से भी बहुत लगाव था। अपने भारत यात्रा के दौरान उन्होंने कई क्षेत्रों का भ्रमण किया था। 

अब जार्ज पंचम की प्रतिमा के पास रोज सुबह बड़ा फूलों का बाजार लगता है। पास में ही ब्राडवे (पैरीज) का बड़ा लोकल बस टर्मिनल भी है। वेल्स के व्यापारी थामस पैरी के नाम पैरीज कार्नर यहाँ मौजूद है। उन्होंने 1787 में यहाँ अपनी बैंकिंग कंपनी स्थापित की थी। पैरीज को भारत में पहली बार फर्टिलाइजर बनाने का श्रेय भी जाता है। ये देश की सबसे पुरानी कंपनियों में शामिल है जो आज भी संचालन में है। आजकल यह चीनी और बायो प्रोडक्ट का निर्माण करती है। अब यह कंपनी मुरगप्पा समूह के अंतर्गत आती है।

बदला नाम शहर का 

जार्ज टाउन में चन्न केशव पेरूमाल मंदिर स्थित है। 1996 में मद्रास का नाम बदल कर चेन्नई किया गया। वास्तव में तमिल सरकार विदेशी आवरण से मुक्त होना चाहती थी। इसलिए फोर्ट सेंट जार्ज के आसपास के इलाके चन्नपट्टनम के नाम पर इसका नाम बदल कर चेन्नई किया गया। इसका शाब्दिक अर्थ चेन्नप्पा का शहर है, जबकि मद्रास के बारे में कहा जाता है कि पुर्तगाली शब्द से बना था। 

चन्न केशव पेरूमाल मंदिर

यह भी माना जाता है कि चेन्नई का नाम चन्नकेशव पेरूमाल मंदिर के नाम पर रखा गया। इस मंदिर का निर्माण 1762 में ब्रिटिश सहायता से किया गया था। यह भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है। चन्न का तमिल में मतलब चेहरा है। यानी भगवान विष्णु का चेहरा तो ये है चेन्नई। 

(देश मंथन 01 दिसंबर 2015)

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