आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार
सलमान खान
वाऊ, पीएम मोदी तो सिर्फ सिटीज को स्मार्ट डिक्लेयर कर रहे हैं, पर बिना डिक्लेयर किये इंडिया की जेलें कितनी स्मार्ट हो गयी हैं। संजय दत्त ने जेल में अपनी बाडी सिक्स-पैक-एब्सवाली बना ली। कर्नाटक की एक जेल में अभी रिपब्लिक डे पर एक डांसर का नाच हुआ। कसम से, ऐसी ही जेलें और स्मार्ट होती रहीं, तो अगली बार अपने सारे मामलों में मैं खुद ही जेल जाने की डिमांड कर लूँगा।
बट नो, मैं तो जेल जाने से राहत ही माँग सकता हूँ यह कह कर कि सिक्स पैक एब्सवाली बाडी तो मेरी पहले से ही है और डांस तो मैं जिसके साथ उसके साथ कर सकता हूँ। इस सबके लिए किसी जेल में जाने की जरूरत ही क्या है।
दाऊद इब्राहीम
बहुत कच-मच मचती रहती है, मेरी इंडिया वापसी को लेकर।
इंडियन जेलों में दारु है, चरस है, डांस है, संजय दत्त जैसी सिक्स पैक एब्सवाली बाडी के इंतजाम है, तो मैं भी सोच रहा हूँ कि इंडिया चला ही जाऊँ। बस जेल में एक कमरा मिल जाये, स्मगलिंग हेड-क्वार्टर के लिए, मैं इंडिया लौट जाऊँगा।
यह सबूत होगा, मेरे सुधरने का कि मैं अब आतंक का कारोबार नहीं, सिर्फ स्मगलिंग करता हूँ।
शरद पवार
इंडियन क्रिकेट की हालत सुधारने के लिए कुछ ठोस करना पड़ेगा।
जो प्लेयर ठीक तरीके से ना खेल पाये, उसे अमिताभ बच्चन-अभिषेक बच्चन की कबड्डी टीम में ट्रांसफर कर दो। अभिषेक तक को बॉस कहना पड़ जाये, तो समझ में आ जायेगा कि कायदे से कैसे खेलना चाहिए।
जो प्लेयर इसके बाद भी ना सुधरे, उसके बारे में मान ही लेना चाहिए कि अब इसके सुधार की कोई गुंजाइश ना बची।
अभिषेक बच्चन
तुषार कपूर को और उनकी फिल्मों को देख कर उम्मीद बंधती है, जब यह तक चल जाता है, तो मेरा भी भला हो ही जायेगा। पर तुषार कपूर को देख कर अपने साथ होनेवाले अन्याय पर गुस्सा भी आता है कि इसकी तक साल में दो-तीन फिल्में आ जाती हैं, पर मेरी एक भी ना आ पाती।
तुषार कपूर
उफ्फ हाल में आयी मेरी एडल्ट-कामेडी फिल्म देख कर कई लोग इतना नाराज हैं कि उनकी डिमांड है कि सलमान खान और संजय दत्त की जगह तुषार कपूर को जेल भिजवा दिया जाये।
मेरा डर यह है कि इस माँग को भारत की सारी पब्लिक मंजूर ना कर ले।
(देश मंथन 01 फरवरी 2016)