पलटन बाजार से पुलिस बाजार तक

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

गुवाहाटी से मेघालय की राजधानी शिलांग की दूरी सड़क मार्ग से तकरीबन 90 किलोमीटर है। नेशनल हाईवे नंबर 40 दोनों शहरों को जोड़ती है। यह सड़क अब हर मौसम के लिए मुफीद है। अगर आप बिना रूके चलें तो दो से ढाई घंटे में शिलांग पहुँच जाते हैं। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पलटन बाजार वाले बस स्टैंड के आसपास से शिलांग के लिए टैक्सी और सूमो आदि मिलती हैं। अगर आप छोटी टैक्सी शेयरिंग में करते हैं तो किराया 300 रुपये है और सूमो में किराया 170 रुपये प्रति व्यक्ति है। 

वैसे मेघालय ट्रांसपोर्ट और असम रोडवेज की बसें भी गुवाहाटी से शिलांग के बीच चलती हैं। पर बसें कम हैं। अगर आप वायु सेवा से आते हैं। गुवाहाटी एयरपोर्ट से ही सीधे शिलांग के लिए टैक्सी मिल जाती है। गुवाहाटी से शिलांग के बीच चलने वाली टैक्सियाँ आमतौर पर गुवाहाटी में पलटन बाजार से चलती हैं और शिलांग में पुलिस बाजार में जा कर खत्म होती हैं।

गुवाहाटी पहुँचने वाली तमाम रेलगाड़ियों से सवारियों के उतरने के बाद पलटन बाजार इलाके मे शिलांग जाने वाले टैक्सी और सूमो वाले सवारी ढूंढना शुरू कर देते हैं। गाड़ी भरते ही चल पड़ते हैं शिलांग की ओर। अगर जीएस रोड पर जाम नहीं हुआ तो आप जल्द ही शहर से बाहर निकल जाएँगे। पलटन बाजार के बाद दिसपुर आता है। रास्ते में गुवाहाटी का साइंस सेंटर और जू भी है। थोड़ा आगे खानपाड़ा में जो गुवाहाटी का बाहरी इलाका कहा जा सकता है असम एग्रीकल्चर यूनीवर्सिटी का कैंपस आता है। यह यूनीवर्सिटी का पोस्ट ग्रेजुएट कैंपस है। सुबह मे सड़क खाली दिखायी देती है पर शाम को खानपाड़ा से पलटन बाजार के बीच भारी जाम लगता है।

शिलांग की ओर 

नए साल की नई सुबह। अभी सूरज नहीं निकला है। मैं एक सूमो में जगह लेता हूँ। ड्राइवर साहब बिहार के मोतिहारी के रहने वाले हैं। लंबे समय से गुवाहाटी में ही सूमो चला रहे हैं। सूरज निकलने के साथ ही टैक्सी नेशनल हाईवे नंबर 40 पर दौड़ना शुरू कर देती है। गुवाहाटी और शिलांग के बीच में आता है नोंगपो। नोंगपो ( NONGPOH) 48वें किलोमीटर पर आता है। यहाँ सड़क के किनारे बाजार है। नोंगपो मेघालय के रीभोई जिले का मुख्यालय है। भोई खासी आदिवासी होते हैं उनके नाम पर जिले का नाम रखा गया है। ज्यादातर शिलांग जा रही टैक्सियाँ चाय नास्ते के लिए नोंगपो में रूकती हैं। पर हमारे ड्राईवर साहब ने नहीं रोका। सुबह-सुबह नोंगपो में एक भी दुकान नहीं खुली थी। कुछ यात्री नहीं रोकने पर नाराज हुए। वे बिहारी अंदाज में बोले- एको दुकान नहीं खुला है…आलू छीलने के लिए रूकें क्या..

शिलांग का पुलिस बाजार

खैर उन्होंने आगे गाड़ी रोकी। उमियाम लेक यानी बड़ा पानी के पास। यह विशाल झील है शिलांग से तकरीबन 20 किलोमीटर पहले। यहां लोग वाटर स्पोर्ट्स के मजे लेने आते हैं। स्थानीय लोगों में बड़ापानी के नाम से मशहूर इस जगह में लोग बोटिंग, वाटर स्पोर्ट्स और कैंपिंग का आनंद उठाते हैं। यहाँ से शिलांग के एयरपोर्ट के लिए रास्ता बदलता है। बड़ापानी के बाद आप राजधानी शिलांग की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। शहर मे सबसे पहले आटो मार्केट आता है। उसके बाद आगे बढ़ने पर सिविल हास्पीटल चौराहा। काफी गाड़ियाँ यहीं पर खत्म हो जाती हैं। बहुत सी टैक्सियाँ पुलिस बाजार तक जाती हैं। एमएसटी का बस स्टैंड भी पुलिस बाजार में ही है। हमारे टैक्सी वाले ने आग्रह पर मुझे पुलिस बाजार छोड़ा। पुलिस बाजार मतलब शिलांग का दिल।

(देश मंथन, 21 मार्च 2016)

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