विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
वैसे तो मेघालय पूर्वोत्तर का वैसा राज्य है जहाँ ईसाई संस्कृति हावी है। पर यहाँ आपको उत्तर भारतीय भोजन का स्वाद लेने में कोई परेशानी नहीं आएगी। खास तौस पर शिलांग शहर में कई ऐसे भोजनालय और मिठाइयों की दुकानें है जहाँ पर उत्तर भारतीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं।
सबसे पहले बाद पुलिस बाजार में स्थित दिल्ली स्वीट्स की। दिल्ली स्वीट्स शिलांग की मिठाइयों की सबसे लोकप्रिय दुकान है। इतनी लोकप्रिय की यहाँ बैठने की जगह के लिए इंतजार करना पड़ जाता है। मिठाइयों का स्वाद बिल्कुल यूपी या दिल्ली जैसा है और दरें भी काफी वाजिब हैं। दिल्ली स्वीट्स के नाम पर मत जाएँ यहाँ मिठाइयों के अलावा समोसा, चाट, पूड़ी, मासाला डोसा आदि सब कुछ मिल जाता है। बैठ कर खाने के अलावा टेक अवे यानी लेकर जाने का भी इंतजाम है। काउंटर पर हमेशा भीड़ रहती है। आपको आर्डर दे कर इंतजार करना पड़ सकता है। दिल्ली स्वीट्स के चाट और समोसे का स्वाद लाजवाब है। साफ सफाई भी काफी बेहतर है। इन सबके बीच दरे भी वाजिब हैं। 30 रुपये की चाट की प्लेट का स्वाद याद रहता है।
मारवाडी बासा
जैसा की नाम से ही जाहिर है मारवाड़ी बासा खाने के लिए बेहतरीन जगह है। यहाँ पर खाने की शाकाहारी थाली मिलती है। संभवतः यहाँ थाली 80 रुपये की है। हालाँकि मैं जिस दिन पहुँचा मारवाड़ी बासा का भोजनालय बंद था। इसके प्रोपराइटर बाहर खड़े थे उन्होंने ही मुझे शाकाहारी थाली के लिए हरिओम भोजनालय जाने की सलाह दी। वैसे मारवाड़ी बासा शिलांग का आवासीय होटल भी है। यहाँ सस्ते आवासीय कमरे उपलब्ध हैं पर यहाँ के कमरे अटैच टायलेट वाले नहीं हैं। फिर भी शिलांग में रहने के लिए यह प्राइम लोकेशन पर सस्ती और अच्छी जगह है।
हरिओम होटल
हरिओम होटल क्विंटन रोड पर स्थित है। यह भोजनालय के साथ एक आवासीय होटल भी है। पर यहाँ खाने में थाली नहीं मिलती, आप अपनी पसंद के अलग-अलग व्यंजन मंगा सकते हैं। मैं दोपहर में यहाँ खाने पहुँचा तो मैंने रोटी, दाल और मिक्स वेजीटेबल आर्डर किया पर मैंने देखा काफी स्थानीय लोग यहाँ आकर दोपहर में भी पराठे का आर्डर दे रहे थे। शायद उनका पराठा लोगों को पसंद आता है। नीचे भोजनालय है तो उपर आवासीय होटल है। यहाँ पर भी सस्ते कमरे उपलब्ध हैं, पर कमरे अटैच टायलेट वाले नहीं हैं। पर हिंदी प्रदेश से आने वाले लोगो को ये होटल काफी पसंद है।
यूपी स्वीट एंड मीट
मुख्य बाजार में यूपी स्वीट एंड मीट दिखायी देता है। यहाँ पर कई किस्म की मिठाइयाँ उपलब्ध हैं। इसके साथ ही समोसे और पूड़ी आदि का भी आर्डर दे सकते हैं। यहाँ भी स्थानीय निवासी बड़ी संख्या में खाने-पीने पहुँचते हैं।
आलू मूरी का स्वाद
लेडी हैदरी पार्क पास मिले एक युवक जो बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले हैं। यहां पर सालों से आलू मूरी बेचते हैं। वे आलू उबालते हैं रात को। उसमें मसाले मिलाते हैं, दिन भर मूरी (दाना) के साथ मिला कर बेचते हैं। उनकी आलू मूरी के दीवाने स्थानीय खासी लोग भी इस कदर हैं कि पैक करा कर घर भी ले जाते हैं। पुलिस बाजार के चौराहे पर सुबह-सुबह अंडा, आमलेट, पूड़ी, पराठे बेचने वालों की भरमार रहती है। ज्यादातर दुकानदार बिहार के हैं। हालाँकि यहाँ पर खाने के स्टाल पर साफ सफाई थोड़ी कम दिखायी देती है।
(देश मंथन, 26 मार्च 2016)