सुशांत झा, पत्रकार :
हिंदी फिल्मों में प्रेमी-प्रेमिकाएँ एक दूसरे को जिस संबोधन से कम से कम गानों में पुकारते हैं, रीयल लाइफ में उसका कितना रिफ्लेक्शन है?
मिसाल के तौर पर- सजन, बलम, बलमा, सनम, जानेमन, प्रिये, प्रियतमे, पिया, महबूब, महबूबा, जानूं, स्वीटहार्ट, डार्लिंग इत्यादि-इत्यादि। देखा जाए तो इसमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल आखिर में लिखे गये कुछ शब्दों का ही होता है।
भोजपुरी इलाकों और पूरविया टाइप कुछ लोग अपने प्रिय को ‘बाबू’ कह कर बुलाते हैं। नब्बे वाले दशक में लोग प्यार से एक दूसरे से ‘अंकल’ और ‘आंटी’ भी बुलाते थे! कई बार ‘बेट्टा’ भी चलता था। मेरा एक दोस्त अपनी महबूबा को ‘बॉस’ बोलता था। मुझे कई बार ये कॉरपोरेट टाइप फील देता था। वैसे अगर कोई निष्पक्ष सर्वे करे तो सबसे ज्यादा TRP ‘जानूं’ या ‘बेबी’ शब्द का ही होगा।
इधर ‘love u’ की जगह ‘miss u शब्द ज्यादा यूज होने लगा है। प्यार से कई बार ‘hate u’ भी चलता है। कुछ लोग ‘kill u’ भी बोलते हैं और उससे भी आगे चले जाते हैं। लेकिन लड़का अगर दरभंगा टाइप हुआ तो कहता है-“कितनी अच्छी हो तुम”!
लेकिन कई लोगों को खास कर ट्रेनी किस्म के प्रेमियों को प्यार के ये जार्गन नहीं आते। पटना में मेरे दोस्त का एक भाई था उसका Bio-Tech में कई जगह इंट्रेन्स क्लीयर हो गया। JNU का बायोटेक सबसे अच्छा होता है, लेकिन उसने चुना जम्मू यूनिवर्सिटी। उसकी दोस्त थी एक छपरा वाली। तो उसने उसे डाकिया वाले जमाने में खत लिखा- “देखो मैं तुमसे प्यार करता हूँ, लेकिन तुमसे ज्यादा भारत माता को प्यार करता हूँ। इसीलिए JNU छोड़ कर जम्मू जा रहा हूँ, क्या पता एकाध आतंकी को धर-दबोचूं”। कहना न होगा, उस प्यार की वहीं पर भ्रूण-हत्या हो गयी।
मैं पूर्णिया में था तो वहाँ पर एक लड़का अपनी प्रेमिका को सोन-परी बुलाता था। कभी बुलबुल बोल देता था। मैंने उससे पूछा कि वो क्या बोलती है? तो उसने कहा कि वो पुराने खयालात की है, सो मुझे कभी ‘प्राण-प्रिय’ कहती है तो कभी ‘मालिक’। बड़ा अटपटा लगा सुन कर, लेकिन प्यार की दुनिया का ग्रामर तय करनेवाला मैं कौन होता हूँ।
इधर सुना है ज्यादातर कॉमरेड लोग अपनी प्रेमिका या प्रेमी को ‘पार्टनर’ या ‘साथी’ ही बोलते हैं। इससे प्यार में साम्यवाद पुख्ता होता है। संघी लोग भी प्यार करने लगे हैं लेकिन आमतौर पर उर्दू शब्दों के इस्तेमाल से बचते हैं। एक संघी ने कहा कि वो ‘जानेमन’ शब्द नहीं बोलता!
कुल मिलाकर प्यार की शब्दावली पर एक घनघोर लेख बन सकता है। आप भी कुछ इस तरह के शब्द सुझाएँ जो आजकल लव-बर्ड्स यूज कर रहे हैं।
(देश मंथन, 30 अप्रैल 2016)