दिल्ली से लैंसडाउन – एक शांत हिल स्टेशन

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

दिल्ली से 300 किलोमीटर से कम दूरी पर किसी हिल स्टेशन पर जाना चाह रहे हों तो उसमें लैंसडाउन विकल्प हो सकता है। हालाँकि लैंसडाउन शिमला या मसूरी की तरह रौनक वाली जगह तो नहीं है पर यह एक शांत हिल स्टेशन है काफी कुछ डलहौजी की तरह। साम्यता यह है कि यहाँ भी कैंटोनमेट बोर्ड है।

दिल्ली से लैंसडाउन जाने के लिए रेल नेटवर्क के अलावा हमेशा बस की सुविधा उपलब्ध है। रेल से कोटद्वार तक ही जा सकते हैं। दिल्ली से गढ़वाल एक्सप्रेस सुबह 7.20 में खुलती है यह 238 किलोमीटर की दूरी तय करके दोपहर 2.15 बजे कोटद्वार पहुँचती है। दूसरी ट्रेन मसूरी एक्सप्रेस है जो रात 9.30 बजे खुलती है। यह सुबह 6 बजे कोटद्वार पहुँचाती है। कहीं और से आ रहे हैं तो निकटतम बड़ा रेलवे जंक्शन नजीबाबाद है। बरेली-हरिद्वार मार्ग पर स्थित नजीबाबाद से होकर काफी ट्रेनें गुजरती हैं।
दिल्ली से कोटद्वार बस से जाने के दो रास्ते हैं एक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ-बिजनौर-नजीबाबाद-कोटद्वार तो दूसरा दिल्ली-हापुड़-गजरौला-बिजनौर-नजीबाबाद-कोटद्वार। दोनों तरफ से दूरी 240 किलोमीटर के आसपास है। अमूमन दिल्ली से कोटद्वार के लिए हमेशा बसें मिल जाती हैं। पर रात को एक बजे के बाद से सुबह 5 बजे तक कम बसें हो सकती हैं। दिल्ली से पाँच घंटे का बस का सफर है कोटद्वार का। किराया 210 रुपये है। मेरठ कैंट के बाद बस मवाना रोड होते हुए बिजनौर पहुँचती है। मैं रात की बस से चल पड़ा हूँ। सुबह 4 बजे बस एक ढाबे में रूकती है। ढाबा यूपी रोडवेज द्वारा अनुबंधित है। पर ढाबे पर खाने पीने की वस्तुओं की दरें नहीं लिखी हैं। यानी ग्राहकों की जेब पर डाका। बिजनौर शहर से पहले सड़कों के किनारे गन्ने से बनने वाले गुड़ की खुशबू आती है। बिजनौर बड़ा गन्ना उत्पादक क्षेत्र है। बिजनौर शहर से पहले गंगा बैराज आता है। बस एनएच 119 पर दौड़ रही है। बिजनौर शहर में सुबह का उजाला फैल चुका है।
बिजनौर पार कर बस बसी कीरतपुर, जलालाबाद होते हुए नजीबाबाद पहुँच जाती है। नजीबाबाद बिजनौर जिले की तहसील है। पर बड़ा शहर और व्यस्त रेलवे स्टेशन है। यहाँ आकाशवाणी का केंद्र भी है। यहाँ से हरिद्वार सिर्फ 49 किलोमीटर है। नजीबाबाद के आसपास बीएसपी के झंडे ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। 2017 के चुनावों की आहट सुनाई दे रही है। नजीबाबाबाद के बाद सड़क के दोनों तरफ जंगल दिखाई देते हैं। कोटद्वार शहर के ठीक पहले तक उत्तर प्रदेश राज्य की सीमा है। कोटद्वार उत्तराखंड के पौड़ी जिले की तहसील है। बस सुबह 6 बजे कोटद्वार पहुँच गयी है।
कोटद्वार से लैंसडाउन जाने के लिए टैक्सियाँ ही विकल्प हैं। बसे कम चलती हैं। कुल 41 किलोमीटर दूरी के लिए टैक्सी का किराया 70 रुपये है। अमूमन एक घंटे का रास्ता है। पर टैक्सी दोपहर के बाद कम हो जाती हैं।
वहीं अगर आपको लैंसडाउन से लौटना तब शाम को 5 बजे के बाद टैक्सी मिलने की संभावना नहीं रहती है। दरअसल टैक्सी को 12 सवारी चाहिए सवारी पूरी नहीं होने पर टैक्सी वाले नहीं जाते। इसके बाद रिजर्व टैक्सी करने का ही विकल्प बचता है।
(देश मंथन 21 जून 2016)

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