खजियार – स्विटजरलैंड 6194 किलोमीटर…

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

खजियार यानी सपनीली दुनिया। दस से ज्यादा हिंदी फिल्मों में खजियार के सौंदर्य को समेटने की कोशिश फिल्मकारों ने की है। खजियार हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले का एक गाँव है, जिसे हिल स्टेशन का दर्जा प्राप्त है। यह 1920 मीटर की ऊँचाई पर है। यह डलहौजी से भी 24 किलोमीटर है और चंबा शहर से भी 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तीन किलोमीटर की परिधि में एक बड़ा हरा भरा ग्राउंड है। इस ग्राउंड के बीचों बीच झील है। इस झील को गाँव के लोग पवित्र और रहस्यमय भी मानते हैं।

इसमें शेषनाग का वास माना जाता है। गरमी के दिनों में भी दिन का तापमान यहाँ 25 डिग्री से ऊपर नहीं जाता। रात 15 डिग्री तक ठंडी होती है। सरदियों में बरफ गिरती है। तापमान शून्य से नीचे तक गिरता है। अपने मनोरम वातावरण के कारण इसे मिनी स्विटजरलैंड का दर्जा मिला है। 7 जुलाई 1992 को स्विटजरलैंड के टूरिज्म विभाग ने खज्जियार को मिनी स्विस का दर्जा देकर इस गाँव को पर्यटन के विश्व मानचित्र पर ला दिया। यहां होटल देवदार के पास इस आशय का एक प्रमाण पत्र लगाया गया है। इसमें मिनी स्विस दर्जा के साथ ही एक पथप्रदर्शक भी लगाया गया है। वैसा ही जैसा स्विटजरलैंड की सड़कों पर लगता है। यहाँ पर लिखा गया है- स्विटजरलैंड 6194 किलोमीटर। तो मुस्कुराइए कि आप मिनी स्विटजरलैंड में हैं। खजियार विश्व के उन 160 ऐसे स्थलों में शामिल है जिसका वातावरण स्विटजरलैंड से मिलता जुलता है।

कहाँ ठहरें 

खजियार ग्राउंड के सामने होटल पारुल, होटल पुरी के अलावा हिमाचल टूरिज्म का होटल देवदार, पीडब्लूडी का रेस्ट हाउस, वन विभाग का रेस्ट हाउस स्थित है। कुछ होटल चंबा रोड पर कुछ पुखरी गाँव वाले रोड पर हैं। कुछ होटल तीसरे रास्ते पर भी हैं। कुल 20 के आसपास ठहरने के ठिकाने हैं खजियार में। अच्छे होटलों में मिनी स्विस का नाम भी शामिल है। आप खजियार का मजा लेना चाहते हैं तो यहाँ एक दो दिन रुकें जरूर।

क्या देखें 

अति प्राचीन खजिनाग मंदिर, खजियार ग्राउंड, झील, पुखरी गाँव, आसपास के जंगलों की सैर। ग्राउंड में ढेर सारी मौज मस्ती और क्या। घुड़सवारी, लोकगीत सुनना, खाना पीना और क्या। 

बैंक, एटीएम और मेडिकल शॉप नहीं 

खजियार में किसी भी बैंक की शाखा या एटीएम नहीं है। नजदीकी बैंक एटीएम या शाखाएं डलहौजी या चंबा की तरफ सुलतानपुर में हैं। दोनों 20 किलोमीटर से ज्यादा दूर हैं। इसलिए खजियार आएं तो जेब में नकदी लेकर आएं। कोई दवा की दुकान भी नहीं है, इसलिए अपनी जरूरी दवाएं भी साथ लेकर आएं। कुछ जरूरी दवाएं यहाँ परचून की दुकानों में भी मिल जाती हैं। जैसे इनो, हाजमोला, सेनिट्री नैपकीन आदि मिल सकता है। पर खास दवाएं नहीं मिलेंगी। इसलिए अपनी ओर से एहतियात बरतते हुए ही आएं और मौसम का मजा लें। मुझे लगता कि स्टेट बैंक या पीएनबी को अपना एटीएम या विस्तार काउंटर यहाँ लगाना चाहिए। 

बिजली गुल, हुआ अंधेरा, मन में डर 

खजियार में पहले दिन दिन भर हो रही हल्की बारिश ने मई के महीने में ठंड बढ़ा दी थी। शाम होने पर बिजली चली गयी। होटल वाले ने बताया कि हिमाचल में तूफान आया है कहीं पेड़ गिर गये हैं इससे बिजली चली गयी है। कब आएगी पता नहीं। उन्होंने कमरे में रोशनी के लिए कुछ मोमबत्तियाँ और माचिस दी। बिजली नहीं तो टीवी नहीं चल रहा था। बाथरुम में पानी भी खत्म हो गया था। बिजली नहीं होने के कारण पानी नहीं चढ़ाया जा पा रहा था। 

होटल के फ्लोर प्रभारी ने हमें एक बाल्टी पानी नीचे से लाकर दिया। रात को बिजली गुल, अंधेरा, बारिश देखकर माधवी को एक बार कश्मीर याद आ गया जब सितंबर 2014 में हमलोग बाढ़ में श्रीनगर के होटल में फंसे थे। मन में थोड़ा डर भरा। हमारे मोबाइल पर मौसम विभाग का एसएमएस था हिमाचल और उत्तराखंड में तूफान चलने का। खैर रात में एक बजे के बाद बिजली आ गयी और मन का डर दूर हुआ।

(देश मंथन 01 जुलाई 2016)

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