विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
एक सपनीली दुनिया है खजियार मैदान में। खजियार ग्राउंड को देख कर कई फिल्मों के दृश्य अचानक ही जेहन में याद आने लगते हैं। अपने अनूठे सौंदर्य के कारण खजियार का सौंदर्य बालीवुड के निर्माताओं को हमेशा अपनी ओर खींचता है। 1942 लव स्टोरी फिल्म का गीत…एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा…जैसे खिलता गुलाब…के कुछ दृश्यों खजियार के नजारे दिखाई देते हैं। इ
सके बाद सुपर हिट फिल्म गदर में भी खजियार दिखाई देता है। आपको फिल्म कुछ कुछ होता है तो याद होगा..इसमें शाहरुख खान जब बच्चों के कैंप में पहुँचते हैं। कुछ कुछ होता है कि कई नजारे खजियार में शूट किए गये हैं। विशाल भारद्वाज की फिल्म ब्लू अंब्रेला में खजियार दिखाई देता है। इसलिए जब आप खजियार पहुँचते हैं को एक सपनीली दुनिया जीवंत हो उठती है।
खजियार ग्राउंड का सबसे लोकप्रिय मनोरंजन घुड़सवारी है। ग्राउंड का पूरा चक्कर लगाएँ तो यह तीन किलोमीटर का फेरा होता है। इस दौरान घोड़े वाले आपको फिल्मों की शूटिंग में कैद हुए नजारों के बारे में बताते हैं। घोड़े वाले एक व्यक्ति को घुमाने का 300 रुपये माँगते हैं। आप दरों में मोलभाव कर सकते हैं।
यहाँ आप मूविंग बैलून राइड का मजा ले सकते हैं। सफेद रंग के बैलून में दो लोग एक साथ चक्करघिन्नी करते हुए घूम सकते हैं। हालाँकि यह कई लोगों को मुश्किल भरा लगता है। एक आदमी के लिए शुल्क है 200 रुपये। इसके अलावा आप पारा ग्लाइडिंग का भी मजा ले सकते हैं।
बच्चों के लिए यहाँ हवा में उछलने वाले गेम हैं। पचास रुपये में 20 मिनट उछलने का मजा लें। अनादि तो 20 से बजाए 50 मिनट तक झूलते रहे। अगर कुछ नहीं करना है तो पार्क में पैदल यहाँ से वहाँ घूमते रहें। झील के आसपास बैठने के लिए बेंच बनाई गयी है। इसके ऊपर शेड्स भी हैं। इन शेड में बैठ कर आप झील की मछलियों को चहलकदमी करते हुए देख सकते हैं।
खजियार में खाना पीना
अगर भूख लग गई है तो कुछ खाने का आनंद लें। झाल मूड़ी मिल जाएगी। अगर कुछ स्वस्थकर खाना चाहते हैं तो पहाड़ी मूली का मजा लें। इसके साथ ही भुट्टा भी खा सकते हैं।
होटलों के अलावा पार्किंग की तरफ कुछ खाने पीने के स्टाल हैं यहाँ पर आप पराठे, चावल, चाय, अंडा, आमलेट आदि का स्वाद ले सकते हैं। यहाँ एक हिम बुन कर का भी स्टाल हैं जहाँ से कुल्लू के शाल और दूसरे गर्म कपड़े खरीद सकते हैं।
बेटे अनादि को खजियार इतना पसंद आ गया कि बोले कि यहाँ के स्कूल में मेरा एडमिशन करा दो मैं यहीं रह जाऊंगा। पर ग्राउंड में एक प्राइमरी स्कूल है जहाँ पाँचवी तक के बच्चे पढ़ते हैं। खजियार में हमारा तीसरा दिन था। हल्की हल्की बारिश ने ठंड बढ़ा दी है। होटल से चेकआउट कर हम बस का इंतजार कर रहे हैं। बस स्टाप पर वर्षा आश्रय स्थली नहीं बनी है। हमलोग भींग रहे हैं। हमें वही बस मिली जिससे हम कुछ दिन पहले यहाँ आए थे। अब हम चंबा जा रहे हैं। ग्राउंड खत्म होने के बाद भी कुछ होटल और गेस्ट हाउस दिखाई देते हैं। यहाँ पर शिव की एक विशाल मूर्ति लगायी गयी है। हम शिव को प्रणाम कर आगे के सफर पर चल पड़ते हैं।
(देश मंथन 05 जुलाई 2016)