झुमार का जम्मू नाग मंदिर – खजिनाग के बड़े भाई जम्मू नाग

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

हिमाचल और जम्मू कश्मीर में नाग मंदिरों की बड़ी श्रंखला है। पहाड़ों पर कहावत है 18 नारायण और 18 नाग। यानी बहुत सारे नारायण और बहुत सारे नाग। इसे 18 से इसलिए जोड़ते हैं क्योंकि यह एक पवित्र अंक है। हिमाचल प्रदेश में जगह-जगह नाग मंदिर हैं। नाग देवता की पूजा की परंपरा अति प्राचीन है। हो सकता है यह परंपरा उस काल से चली आ रही हो जब इंसान कबीलों में रहता था। इन नागों में बासुकि नाग सबसे बड़े माने जाते हैं। बासुकि नाग का एक मंदिर कांगड़ा में मैकलोड गंज के पास है।

चंबा क्षेत्र में भी कई नाग मंदिर हैं। इन नाग मंदिरों प्रमुख है जम्मू नाग मंदिर। चंबा से 14 किलोमीटर दूर झुमार में चंबा के नाग मंदिरों की श्रंखला में जम्मू नाग का मंदिर स्थित है। जम्मू नाग खज्जिनाग के बड़े भाई बताए जाते हैं। वे चार भाइयों में दूसरे नंबर पर आते हैं। इस मंदिर के प्रति स्थानीय लोगों में अगाध आस्था है। वर्तमान जम्मू नाग मंदिर 18वीं सदी का बना हुआ बताया जाता है। मंदिर का भवन ज्यादातर लकड़ी का बना हुआ है। देवदार की लकड़ी इस्तेमाल ज्यादा दिखाई देता है। मंदिर के मुख्य मंडप में जम्मू नाग देवता की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर प्रवेश द्वार के पास दो विशाल जानवरों के सिंग भी देखे जा सकते हैं। मंदिर के बरामदे में कई घंटियाँ भी लगी हैं। मंदिर के बगल में एक छोटी सी झील है। यह झील अब बुरे हाल में है। आसपास में घने जंगल हैं।  

आसपास के श्रद्धालु पदयात्रा करके जम्मू नाग के दर्शन करने आते हैं। मंदिर में सुबह शाम परंपरागत तरीके से पूजा होती है। इसमें स्थानीय वाद्य यंत्रों का प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है। जम्मू नाग मंदिर परिसर में बाद में भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा भी स्थापित की गयी है। शिव के गले में हमेशा नाग देवता विराजमान रहते हैं, इसलिए नाग मंदिर और शिव का अन्योन्याश्रय संबंध है।

चंबा के पास झुमार में स्थित ये जम्मू नाग मंदिर 7000 फीट यानी 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मौसम सालों भर सुहाना रहता है। सर्दियों में झुमार में बर्फबारी होती है। तब ये मंदिर बर्फ से ढक जाता है।

जम्मू नाग मंदिर परिसर में बच्चों का एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय संचालित होता है। स्कूल में 55 छात्र पढ़ते है। हम जब पहुँचे तो स्कूल की कक्षाएँ चल रही थीं। दो शिक्षक मौजूद थे। स्कूल के भवन पर प्रेरक वचन लिखे हुए थे। ये सरकारी स्कूल काफी व्यवस्थित लगा। मुझे प्रतीत हुए ये बच्चे भी बड़े किस्मत वाले हैं जो जम्मू नाग मंदिर परिसर में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

(देश मंथन 26 जुलाई 2016)

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