विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
राजस्थान का जैसलमेर शहर यानी गोल्डेन सिटी। सुनहला शहर। सारा शहर पीले सोने की तरह दमकता दिखाई देता है। क्योंकि ज्यादातर इमारतें स्थानीय तौर पर मिलने वाले पीले रंग के पत्थरों से बनी हैं।
जैसलमेर का रेलवे स्टेशन भी इन्ही पत्थरों से बना किसी हवेली की तरह नजर आता है। जैसलमेर में पर्यटन की बात करें तो यह सिर्फ साल के चार महीने का है। नवंबर, दिसंबर, जनवरी और फरवरी। बाकी के आठ महीने यहाँ इतनी गर्मी पड़ती है कि एक भी सैलानी नहीं आता। वैसे मौसम ठीक होने पर यहाँ मार्च और अक्तूबर में भी आया जा सकता है। पर इन चार महीने में निवास के लिए जैसलमेर में 300 के करीब होटल और गेस्ट हाउस हैं।
जयपुर से जैसलमेर की दूरी 575 किलोमीटर है। जैसलमेर शहर की बात करें तो यह 3 वर्ग किलोमीटर में फैला है और आबादी 2011 की जनगणना मे महज 65 हजार थी। पर क्षेत्रफल में यह राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है। यह 38400 वर्ग किलोमीटर में विस्तारित है। वहीं देश के क्षेत्रफल में सबसे बड़े जिलों में यह कच्छ गुजरात और लेह के बाद तीसरे नंबर पर आता है।
अपने अनुपम वस्तुशिल्प, विपुल सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत और मधुर लोक संगीत के कारण कुछ लोग जैसलमेर को राजस्थान का सबसे खूबसूरत शहर कहते हैं। जैसलमेर राज्य की स्थापना मध्यकाल के आरंभ में 1178 ईश्वी यदुवंशी भाटी के वंशज रावल-जैसल के द्वारा किया गया। भाटी लोग इस प्रदेश के निवासी नहीं थे। वे अपनी जाति की उत्पत्ति मथुरा और द्वारिका के यदुवंशी इतिहास पुरुष कृष्ण के साथ जोड़ते हैं। रावल जैसल के वंशजों ने यहाँ 770 साल तक राज किया। देश आजाद होने पर जैसलमेर भारत का हिस्सा बना।
जैसलमेर में क्या देखें
शहर में – जैसलमेर का किला, पटवा हवेली, गढ़ीसर झील, नाथमल की हवेली, सलीम सिंह की हवेली, गवर्नमेंट म्युजियम। मंदिर पैलेस, जैन मंदिर आदि।
शहर के बाहर निकलें तो सैम सैंड ड्यून के रास्ते में कुलधरा गाँव, काभा का किला, नभ डूंगर राय का मंदिर देख सकते हैं। एक दिन समय है तो तनोट भवानी मंदिर भी जरूर जाएं। यह पाकिस्तान की सीमा पर जैसलमेर से 120 किलोमीटर आगे हैं।
आप जैसे ही जैसलमेर रेलवे स्टेशनसे बाहर निकलते हैं, टैक्सी वाले आपको घेर लेते हैं और जैसलमेर घुमाने के लिए अलग अलग पैकेज की बात करने लगते हैं। अगर आप जैसलमेर में रुकना नहीं चाहते तो दिन भर के लिए टैक्सी बुक कर लें जो आपको शहर के प्रमुख स्थल और शाम को सैम सैंड ड्यून्स घूमा कर वापस शहर छोड़ देगा। टैक्सी वाले पूरे दिन के लिए 2500 से 3000 रुपये तक ले सकते हैं। हालांकि सभी टैक्सी वाले आपको सैंड ड्यून्स में कैमल सफारी, लोक संगीत, टैंड में निवास, रात्रिभोज आदि का पैकेज लेने के लिए दबाव बनाते हैं क्योंकि इसमें उनका कमीशन बनता है। आपकी इच्छा पर निर्भर है कि आप इस तरह का पैकेज लें या नहीं। अगर आपने जैसलमेर में होटल बुक किया है तो होटल वाले भी आपके लिए टैक्सी और सैंड ड्यून्स में प्रवास का इंतजाम कर सकते हैं।
वैसे जैसलमेर में रियायती दरों पर ठहरना हो तो हनुमान जंक्शन पर भाटिया बगीची (02992-253742 ) में ठहर सकते हैं। यहाँ 100 रुपये 400 रुपये मे ठहरा जा सकता है। इसके अलावा आप मुख्य बाजार में जैन मंदिर के धर्मशाला ( 02992-252404) में भी ठहर सकते हैं। यहाँ वातानुकूलित कमरे रियायती दरों पर उपलब्ध हैं। जैन धर्मशाला में भोजनालय भी है, जहाँ 60 रुपये में शाकाहारी थाली उपलब्ध है।
(देश मंथन, 26 अप्रैल 2017)