जेटली के बजट पर असीम उम्मीदों का बोझ
राजीव रंजन झा :
बजट चाहे देश का हो या एक आम आदमी के घर का, वह हमेशा संतुलन बनाने का खेल होता है। असीम जरूरतों का संतुलन उपलब्ध संसाधनों के साथ।
रेल यात्री नहीं देख रहे कोई बदलाव
राजेश रपरिया :
रेल मंत्री सुरेश प्रभु की नींद आजकल उड़ी हुई है। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह कहते हैं कि केवल पेट्रोल डीजल के दामों में आयी गिरावट से हर परिवार को डेढ़ हजार से साढ़े चार हजार रुपये तक की बचत हुई है।
नौकरीपेशा वर्ग की बजट से उम्मीद, 3 लाख हो टैक्स छूट
देश मंथन डेस्क :
इस बार के बजट से नौकरीपेशा लोग काफी बड़ी उम्मीदें लगा रहे हैं। उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा किए गये एक विस्तृत सर्वेक्षण के मुताबिक देश का अधिकांश नौकरीपेशा वर्ग इस बार के बजट में टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रूपये करने की उम्मीद रख रहा है।
भारत-अमेरिकी दोस्ती का कारोबार
राजीव रंजन झा :
आम तौर पर जब दो राष्ट्राध्यक्ष मिलते हैं तो उनकी बातों और बयानों के अल्पविराम और पूर्णविराम तक की गहन कूटनीतिक समीक्षा होती है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तात्कालिक सफलता यह है कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे को इन बारीकियों से निकाल कर दोनों देशों के आपसी संबंधों में आती गर्माहट पर केंद्रित कर दिया। हालाँकि यह सफलता तात्कालिक ही है, क्योंकि अंततः सफलता इसी पैमाने पर आँकी जायेगी कि यह गर्माहट दोनों देशों के आपसी कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्तों को कितना आगे बढ़ा पाती है।
मेक इन इंडिया पर टिका देसी मोबाइल कंपनियों का भविष्य
राजेश रपरिया :
मोदी सरकार देश के आर्थिक विकास के लिए अपनी तमाम मंशाएँ जता चुकी है। 28 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में उन्हें कैसे मूर्त रूप मिलता है, इस पर भारतीय कॉर्पोरेट जगत की निगाहें टिकी हुई हैं।
स्पाइसजेट की घर-वापसी
राजेश रपरिया
हिंदूवादी संगठनों के घर-वापसी अभियान पर मोदी और उनकी सरकार भले ही खुल कर कुछ कहने में असमर्थ हो, लेकिन देश की तीसरी सबसे बड़ी उड्डयन कंपनी स्पाइस जेट की घर-वापसी के लिए मोदी सरकार की सहृदयता चकित करने वाली है।
योजना बंद, अब नीति (NITI) आयोग करेगी काम
देश मंथन डेस्क :
भाजपा नीत राजग सरकार के सत्तासीन होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए इसे खत्म करने की बात कही थी और इसकी जगह एक गतिशील संस्था की सिफारिश कर थी और नये वर्ष के पहले दिन ही इसको अमलीजामा पहना दिया गया है।
जीएसटी : कर जंजाल से मिलेगी राहत
देश मंथन डेस्क :
महँगाई कब तक? जब तक समोसे में आलू!
राजीव रंजन झा :
सुबह-सुबह एक मित्र बरस पड़े, खाक अच्छे दिन आये हैं! ठीक है कि आलू-प्याज सस्ते हो गये, लेकिन समोसा कब सस्ता होगा? गाड़ी में डालने का तेल ही नहीं, खाने का तेल भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में सस्ता हो चला है। फिर यहाँ समोसा सस्ता क्यों नहीं हुआ?
गले पड़ गया 100 दिनों का वादा
राजीव रंजन झा :
एनडीए सरकार के लिए 100 दिनों में विदेशों से काला धन वापस लाने का वादा उसी तरह गले पड़ गया है, जैसे यूपीए सरकार के लिए 100 दिनों में महँगाई घटाने का वादा गले पड़ गया था। अब 100 दिनों के बदले 150 से ज्यादा दिन गुजर चुके हैं और लोग पूछ रहे हैं कि सरकार बतायें, विदेशों से वापस लाया हुआ काला धन कहाँ है?
सुना है कि महँगाई घट गयी है
राजीव रंजन झा :
यह खबर सुनने में आपको अच्छी लगेगी कि महँगाई दर घट कर पाँच वर्षों के सबसे निचले स्तर पर आ गयी है।
कोई दो आँसू तो बहाता योजना आयोग के इस अंत पर!
योजना आयोग जैसी कद्दावर संस्था का यूँ मौन अंत बड़ा निरीह लग रहा है। गणतंत्र बनने के तुरंत बाद इस संस्था का गठन नये भारत के निर्माण के लिए हुआ था।