भैया, यह वासेपुर है। कबूतर भी एक पंख से उड़ता है तो दूसरे पंख से इज्जत ढकता है। यहाँ अब इज्जत ढकने का सवाल नहीं है। जिंदा लोगों के लाशों में तब्दील होने की जंग है। इस बार जंग में शामिल है जेल में सजा काट रहे फहीम खान की सल्तनत के लिए चुनौती बन कर उभरा छोटे सरकार उर्फ प्रिंस खान। इस जंग में ड्रामा है, थ्रिल है, सस्पेंस है…
बंद दुकानें, सुनसान गलियाँ, पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील। शनिवार, 7 मई की रात को वासेपुर में ऐसे ही दृश्य देखने को मिले। झारखंड के धनबाद जिले में मुख्यालय से सटे वासेपुर की ये तस्वीरें बता रही हैं कि शायद आसमानी तपिश कुछ घटी हो, लेकिन वासेपुर का तापमान अभी और बढ़ेगा। शनिवार, 7 मई की रात डब्लू अंसारी नामक युवक को तीन गोलियाँ मारी गयीं। स्वाभाविक तौर पर इसमें फरार चल रहे प्रिंस खान का नाम आया।
फहीम खान को प्रिंस खान की चुनौती
वासेपुर के इस पार्ट थ्री गैंगवार में मामा फहीम खान और भांजा प्रिंस खान आमने-सामने हैं। प्रिंस ने खुलेआम वीडियो जारी कर चुनौती दी है कि वह मामा फहीम की सल्तनत को तहस-नहस कर देगा। कोलफील्ड में अब सिर्फ छोटे सरकार की चलेगी। प्रिंस खुद को छोटे सरकार कहता है। हुक्का पीते डांस बार से वह अक्सर वीडियो जारी कर धनबाद पुलिस के लिए परेशानी का कारण बनता है। उसने धनबाद एसएसपी से कहा, 30 मिनट का वक्त दें, फहीम के बेटे इकबाल को ठिकाने लगा कर सरेंडर कर देंगे। उसने यह भी कह दिया कि पुलिस में दम है तो उसे पकड़े, एनकाउंटर कर दे। उसकी धमकी है कि घरवालों को परेशान करेंगे तो धनबाद के चौक-चौराहों में कश्मीरी सेब गिरायेंगे, इतना बम गिरायेंगे कि लाशों की गिनती मुश्किल हो जायेगी। प्रिंस की इस धमकी के बाद ही 7 मई को डब्लू अंसारी को गोली मार दी गयी।
लाला खान की हत्या से शुरू हुई अदावत
12 मई 2021 को ईद की खरीदारी करने निकले थे जमीन कारोबारी लाला खान। फहीम के भांजे प्रिंस खान का लाला के कारोबार में अच्छा निवेश था। जब्बार मस्जिद के पास गोलियों की तड़तड़ाहट होती है और लाला वहीं ढेर हो जाते हैं। प्रिंस खान कहता है कि फहीम ने इस घटना को अंजाम दिया है। उसका कहना है कि वह फहीम के लोगों और लाला खान के हत्यारों को चुन-चुन कर मारेगा। शनिवार को जिस डब्लू अंसारी पर गोली चली, उस पर लाला खान की हत्या के समय रेकी करने का संदेह है। डब्लू उक्त हत्याकांड में जेल गया था। सात दिन पहले हाईकोर्ट के आदेश पर जमानत लेकर वह लौटा और गोलियों का शिकार बन गया।
लाला खान के बाद हुई नन्हे की हत्या
लाला खान की हत्या के छह माह बीते होंगे कि 24 नवंबर 2021 को फहीम के करीबी नन्हे का कत्ल हो गया। प्रिंस ने इसकी जिम्मेदारी ली। वह कहता है कि वासेपुर में अब छोटे सरकार की चलेगी। रेलवे, कोयला और जमीन के कारोबार में उसकी अनुमति के बगैर पत्ता भी नहीं खड़केगा। उसने कोयला कारोबारी इस्राफिल को भी धमकी दी। उसके घर पर बमबाजी की। कहा, अब तुमसे रुपया नहीं लेंगे, तुम्हें ऊपर भेजेंगे। उसने उस हथियार को भी वीडियो में दिखाया, जिससे हत्या करने की धमकी दी गयी है।
गैंग्स ऑफ वासेपुर की कहानी
आपने गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म देखी होगी। दरअसल अस्सी के दशक में यह लड़ाई मछलियों के कारोबार को लेकर शुरू हुई थी। शफी बनाम असगर की इस लड़ाई में अनगिनत जानें गयीं। वर्ष 1983 में बरवाअड्डा में शफी को गोलियों से भून डाला गया। फिर असगर मारा गया। वासेपुर के पार्ट टू की लड़ाई फहीम बनाम साबिर के बीच शुरू हुई। दोनों पार्ट की लड़ाई में अंज़ार, शमीम, नजीर, जफर, फहीम की माँ और मौसी, सुल्तान, वाहिद और इरफान की हत्याएँ हो गयीं।
वासेपुर गैंग्स के बीच अमन सिंह की दखल
वासेपुर के इन गिरोहों के बीच यूपी के शूटर अमन सिंह की भी दखल हुई है। वासेपुर के समानांतर अमन गिरोह ने कोलफील्ड के उद्यमियों, कारोबारियों और डॉक्टरों की नींद हराम कर दी है। इस गिरोह के कई सदस्यों के पकड़े जाने के बाद जनता को कुछ राहत मिली थी। लेकिन कई उद्यमियों को धमकी देने, डॉ. समीर कुमार के धनबाद छोड़ देने, झरिया में व्यवसायी रंजीत साव और भागा में रेलवे ठेकेदार बबलू सिंह की हत्या के बाद प्रशासन सतर्क है। आईएमए ने कामकाज बंद करने की चेतावनी दी है। सिंह मेंशन के विवाद के बीच अमन का प्रवेश हुआ था। सिंह मेंशन के ही रघुकुल के नीरज सिंह समेत तीन की हत्या हुई। आरोपी चचेरे भाई पूर्व विधायक संजीव सिंह बनाये गये। संजीव स्व. सूर्यदेव सिंह के बेटे हैं, जबकि नीरज उनके भतीजे थे। वर्तमान में स्व. नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह झरिया से विधायक हैं। अमन सिंह जेल में बंद है। संजीव भी उसी केस में जेल में हैं। लाला खान हत्याकांड में पहले अमन सिंह का ही नाम आया था। बाद में प्रिंस खान को पता चला कि लाला को साफ़ कराने में मामा फहीम का हाथ है तो वह अदावत में उतर गया।
फहीम खान के लोग है निशाने पर
फहीम खान झारखंड के घाघीडीह जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। हालाँकि उसकी सल्तनत बरकरार है। कभी उसके साथ रहा भांजा प्रिंस खान आज मामा से खफा है। दरअसल लाला खान की हत्या प्रिंस की आर्थिक रीढ़ तोड़ने के लिए की गयी थी। इसी से खफा होकर प्रिंस अब खुलेआम चुनौती देकर आर-पार की लड़ाई के मूड में है। फहीम खान एक दिन के पैरोल पर वासेपुर लौट रहा है। प्रिंस से उसे खतरा है। पुलिस की इससे परेशानी बढ़ गयी है। एक तो पंचायत चुनाव, ऊपर से गिरोहों की सक्रियता से प्रशासन की किरकिरी हो रही है। प्रिंस खान उर्फ छोटे सरकार खुलेआम वीडियो और मैसेज वायरल कर पुलिस कप्तान से कहता है कि आधा घंटा वक़्त दीजिए, फहीम के बेटे इकबाल को साफ करने के बाद खुद सरेंडर कर देंगे। वह कहता है कि इकबाल पर सीसीए मत लगायें, मारने में दिक्कत होगी। सीवान के सांसद रहे शहाबुद्दीन ने कैसे गाली देकर फहीम को निकाला था, मैसेज में उसका भी जिक्र है।
वासेपुर बदल रहा था…
दो किस्तों की लड़ाई के बाद वासेपुर तेजी से बदल रहा था। जीशान कादरी की कहानी पर जब यहाँ के गिरोहों पर फिल्म बनी तो लोगों ने आपत्ति की। हालाँकि वासेपुर को पूरी दुनिया जान गयी। धनबाद की पहचान में कोयला के साथ वासेपुर भी जुड़ गया। हालाँकि वासेपुर का एक अलग चेहरा भी बना। गैंगस्टरों के इतर यहाँ से राजदूत, जज, आईएएस और आईआरएस भी बने हैं। फिरोज अमीर, साहब सिददीकी, अबू इमरान… ऐसे कई नाम हैं जिन्होंने वासेपुर को अलग पहचान दी। जीशान कादरी ने रुपहले पर्दे पर इसे लाया तो चर्चा होने लगी, पर बदनामी में भी तो नाम है।
भैया, यह वासेपुर है। कबूतर भी एक पंख से उड़ता है तो दूसरे पंख से इज्जत ढकता है। यहाँ अब इज्जत ढकने का सवाल नहीं है। जिंदा लोगों के लाशों में तब्दील होने की जंग है। इस बार जंग में शामिल है जेल में सजा काट रहे फहीम खान की सल्तनत के लिए चुनौती बन कर उभरा छोटे सरकार उर्फ प्रिंस खान। इस जंग में ड्रामा है, थ्रिल है, सस्पेंस है… सब कुछ है, लेकिन साथ में सवाल भी उठता है कि देश जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो क्या धनबाद इसी तरह गैंगवार की धरती बन कर रह जायेगा?
क्या कहते हैं एसएसपी
जिले के एसएसपी संजीव कुमार कहते हैं कि कुछ घटनाएँ जिले में हुई हैं, लेकिन सभी मामलों में आरोपी बुक किये गये हैं। अमन सिंह जेल में बंद है। प्रिंस के अधिकांश लोग पकड़ लिये गये हैं। प्रिंस फरार है। अपना बाजार बनाने के लिए वह वीडियो जारी कर रहा है। डॉ. समीर से मोबाइल पर रंगदारी माँगने के मामले में सारे लोगों का पता लगा लिया गया है। सभी जेल भेजे गये हैं। उन्होंने व्यवसायियों और उद्यमियों से निर्भीक होकर काम करने की अपील की है।
(देश मंथन, 11 मई 2022)