एक भारतीय की पाती

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पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :

आज सभी से राजनीति से ऊपर उठ एक बात कहना चाहता हूँ कि आप लोगों की लाचारी देख मुझे ऐसा लग रहा है कि आप लोगों की हालत उन भारतीय सिपाहियों जैसी हो गयी है जो मुगलों और अंग्रेजों की सेनाओं में शामिल हो जाते थे और न चाहते हुए भी अपने सिद्धांतों से समझोता कर अपने ही लोगों के खिलाफ खड़े हो जाते थे और जबरन ज्यादती करते थे।

आपने हर सुख व दुःख के समय में कांग्रेस की सेवा की। उस गाँधी परिवार की सेवा की जिसका महात्मा गाँधी से कोई सम्बन्ध नहीं था, लेकिन आपने हमेशा उस परिवार को देशभक्त मानते हुए नेहरू-गाँधी परिवार लिखा ।

लेकिन भाइयों कहीं ऐसा तो नही इस अंधश्रद्धा और कुछ पाने की लालसा में आप भारत एंव इसकी संस्कृति के विरोधी एंव देशद्रोहियों के समर्थक हो गये जो हमारे देश की गरिमा को ठेस पहुँचाने में लगे हैं। 

आप घर में प्रभु श्री राम की पूजा करते हैं, अपने बच्चों को प्रभु श्रीराम जैसा बनने की सीख देते हैं। लेकिन कांग्रेस सरकार ने 2006 में यह कहा कि इस देश में राम जैसा कोई हुआ ही नहीं सभी मनगढ़ंत कहानियाँ है। 

जिस रामसेतु के विषय में हम और आप हजारों सालों से सुनते आ रहे थे, आप के गाँधी परिवार ने उस सेतु को तोड़ने की साजिशें की। यह मात्र एक सेतु तोड़ने की योजना नहीं थी बल्कि देश में जातिगत दंगे हों और देशवासियों का मनोबल तोड़ने की भी साजिश थी। प्रभु की कृपा से सेतु तो बच गया किन्तु प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में आप कभी अपने आराध्य के लिए मुँह भी नहीं खोल सके। वह कौन सी लालसा हो गयी कि अपने पुरखों के स्थान पर आप विदेशी के नाम की इमारत बनवा दें। आपके दिल में कई दफा अपने नेताओं के प्रति गुस्सा तो होता था, लेकिन पार्टी से निकाले जाने के डर से आप चुप रह जाते थे।

मेरे आदरणीय कांग्रेसी भाइयों अब तो हद हो चुकी है। JNU में भारत के खिलाफ नारेबाजी की गयी । अफजल गुरु के समर्थन में नारे लगाये गये। वही अफजल गुरु जिसने लोकतंत्र के मंदिर में हमला करवाया था। उस हमले में शहीद हुए जवानों की विधवाओं के घावों को फिर ताजा कर दिया।

भारत की बर्बादी तक जंग जारी रखने वालों के साथ आप की पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष खड़ा है। जिस पार्टी में अपने नेताओं के खिलाफ बोलने की आजादी नहीं है वह पार्टी जो धारा 370 हटाने की बात होने को साम्प्रदायिकता कहती है। जो पार्टी गौ हत्या पर रोक की माँग को असहिष्णुता कहती है, उसी पार्टी का उपाध्यक्ष देश विरोधी बयानों, हमारे संविधान को गाली देने वालो को बोलने की आजादी देने की बात करता है। और कहीं न कहीं आप सभी कार्यकर्ता उन देशद्रोहियों के साथ खड़े हो।

कितने अफजल मारोगे 

‘हर घर से अफजल निकलेगा’

और हमारे और आप के परिवार के लिए ही खतरा बनेगा।

अभी भी वक्त है भाइयों देश के लिए आगे आइये। तिरंगे का सम्मान करिये। देश की अखण्डता का सम्मान करिये इसी से हमें और आप को सम्मान मिलेगा ।

(देश मंथन, 13 मार्च 2016)

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