क्या यूके की मतदाता सूची में भी नाम है राहुल गांधी का?

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राजीव रंजन झा : 

जब इस बात के दस्तावेज सामने आये कि यूके में अपनी एक कंपनी के निदेशक के रूप में राहुल गांधी ने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया तो कांग्रेस की ओर से सफाई आयी कि यह टाइपिंग की भूल है। लेकिन अगर राहुल गांधी का नाम यूके की मतदाता सूची में भी दिखे, तो क्या कांग्रेस इसे भी टाइपिंग की भूल बता कर रफा-दफा कर सकती है?

देश मंथन की टीम ने यूके की मतदाता सूची प्रकाशित करने वाली कुछ वेबसाइटों पर जा कर खंगाला तो यह सामने आया कि राहुल गांधी का नाम वहाँ दर्ज है। हालाँकि यह स्पष्ट कर दें कि ये निजी वेबसाइटें हैं, न कि यूके की कोई सरकारी वेबसाइट। देश मंथन इन वेबसाइटों पर उपलब्ध जानकारियों के प्रामाणिक होने की पुष्टि नहीं करता है। 

देश मंथन ने यूके के नागरिकों की मतदाता सूची तलाशने की सुविधा उपलब्ध कराने वाली वेबसाइट www.freefindpeopleuk.co.uk पर जा कर तलाश किया तो अलग-अलग पतों पर राहुल गांधी नाम से दर्जन भर से ज्यादा व्यक्तियों के विवरण सामने आये। मगर इनमें से दो नाम बिल्कुल उन्हीं पतों के मिले, जो पते कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की यूके वाली कंपनी बैकऑप्स लिमिटेड के थे। इनमें से पहला पता है 51 SOUTHGATE STREET, WINCHESTER, SO23 9EH, HAMPSHIRE का। इसके अलावा 45 वर्ष के एक राहुल गांधी 2 FROGNAL WAY, LONDON, NW3 6XE, LONDON के पते पर भी दिखाये गये हैं। गौरतलब है कि 2 FROGNAL WAY का यह पता कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कंपनी बैकऑप्स लिमिटेड का पहला पता था, जिसे बदल कर बाद में 51 SOUTHGATE STREET किया गया था। 

बिल्कुल इसी तरह के विवरण हमें एक और वेबसाइट www.searchelectoralroll.co.uk पर भी मिले। दोनों वेबसाइटों को देखने से यह साफ लगता है कि उनका स्रोत एक ही है। तो क्या इन दोनों वेबसाइटों पर उपलब्ध सूची का स्रोत यूके की आधिकारिक मतदाता सूची है? इन दोनों वेबसाइटों पर लोगों के नाम और पते के आगे इलेक्टोरल रॉल लिखा है, लेकिन आगे की जानकारी केवल सब्सक्रिप्शन आधारित है। 

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इससे पहले ब्रिटेन में पंजीकृत कंपनी बैकऑप्स लिमिटेड के दस्तावेजों को सामने रखते हुए खुलासा किया था कि इन दस्तावेजों में राहुल गांधी ने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया है। इन दस्तावेजों के आधार पर स्वामी ने माँग की थी कि भारत सरकार राहुल गांधी की नागरिकता समाप्त करे। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किये जाने की भी माँग की थी। हालाँकि बाद में कांग्रेस की ओर से यह सफाई पेश की गयी कि राहुल गांधी की ओर से दाखिल इन दस्तावेजों में टाइपिंग की भूल हो गयी थी। इस तरह कांग्रेस ने इन दस्तावेजों के असली होने के बारे में कोई संदेह जाहिर नहीं किया, बल्कि यह पक्ष रखा कि इनमें नागरिकता का कॉलम गलत भर दिया गया। 

ब्रिटिश सरकारी विभाग कंपनीज हाउस ने इस विवाद पर अपने स्पष्टीकरण में कहा कि राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक दिखाया जाना महज टाइपिंग की गलती हो सकती है। कंपनीज हाउस ने संभावना जतायी कि हो सकता है कि यह गलती जानकारी दाखिल करने वाले की तरफ से की गयी हो। कंपनीज हाउस के बयान में कहा गया कि हमारे पास यह अधिकार नहीं है कि हम दस्तावेज में दर्ज जानकरियों की पुष्टि करें। कंपनियाँ जो भी सूचनाएँ भेजती हैं, उन्हें सार्वजनिक कर दिया जाता है और इसका यह मतलब नहीं होता कि हमने उन्हें जाँचा है और उनकी पुष्टि की है। 

कंपनीज हाउस ने अपने इस बयान के जरिये दस्तावेज में दी गयी जानकारी सच्ची होने की जवाबदेही दस्तावेज जमा करने वाले (यानी राहुल गांधी) पर डाली है। 

अब यह सवाल खड़ा होता है कि भले ही बैकऑप्स लिमिटेड के दस्तावेज में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक लिखे जाने को टाइपिंग की गलती मान लिया जाये, लेकिन अगर यूके की मतदाता सूची में भी वास्तव में उनका नाम हो तो वह किसी टाइपिंग की गलती से भला कैसे हो सकता है? उसके लिए तो बाकायदा मतदाता सूची में नाम डालने का आवेदन किया गया होगा! 

जहाँ तक यूके की मतदाता सूची दिखाने वाली इन दो वेबसाइटों की प्रामाणिकता का सवाल है, उसकी कोई पुष्टि देश मंथन नहीं करता है। लेकिन वेबसाइटों की लोकप्रियता दिखाने वाली वेबसाइट एलेक्सा के मुताबिक यूके की वेबसाइटों में http://www.searchelectoralroll.co.uk/  का स्थान 7,281 पर और www.freefindpeopleuk.co.uk का स्थान 19,554 पर है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि ये दोनों वेबसाइटें लोगों के बीच प्रचलन में हैं। 

सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों के बारे में कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने देश मंथन से कहा कि उनकी पार्टी ने स्पष्टीकरण दे दिया है कि यह टाइपिंग की गलती है। उन्होंने कहा, “अगर स्वामी के पास कोई सबूत है तो वे देश के सामने रखें। स्वामी के तो बड़े लंबे हाथ हैं, सरकार के पास जा कर दस्तावेज निकलवा लें।”

जब अल्वी से राहुल गांधी का नाम यूके की मतदाता सूची में दिखने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मतदाता सूची की प्रति देश के सामने रखें। अगर वहाँ पर आयकर रिटर्न भरे हैं तो उसकी प्रति सामने रखें। अगर ऐसा है तो फिर राहुल गांधी के पास ब्रिटिश पासपोर्ट भी होना चाहिए, वे वहाँ से ब्यौरा निकलवायें। 

हालाँकि जब राशिद अल्वी को देश मंथन ने यूके की मतदाता सूची दिखाने वाली वेबसाइटों पर बैकऑप्स लिमिटेड वाले पते पर ही राहुल गांधी का नाम मिलने के बारे में बताया तो उन्होंने इसका लिंक भेजने को कहा। देश मंथन ने उन्हें लिंक और स्क्रीन-शॉट ईमेल से भेज दिये हैं। अब इस नये खुलासे पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।

(देश मंथन, 18 नवंबर 2015)

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