ट्रैक टू डिप्लोमेसी पर हाफिज का दाग

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
प्रधानमंत्री मोदी के साथ बाबा रामदेव। और बाब रामदेव के साथ प्रताप वैदिक। यह दो तस्वीरे मोदी सरकार से वेद प्रताप वैदिक की कितनी निकटता दिखलाती है। सवाल उठ सकते हैं।
अमेरिकी चकाचौंध का न्यौता क्या गुल खिलायेगा भारत में?

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
बजट में ऐसा क्या है कि दुनिया मोदी की मुरीद हो रही है। और बजट के अगले ही दिन दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश के राष्ट्रपति का न्यौता दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के पीएम को मिल गया।
काबुल में कोहराम

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
पिछले 40 साल में सत्ता का हस्तांतरण काबुल में कभी लोकतांत्रिक ढंग से नहीं हुआ। कभी खूनी तख्ता-पलट, कभी विदेशी हस्तक्षेप, कभी आंतरिक विद्रोह, कभी अराजकता- यही अफगान राजनीति का नजारा रहा है लेकिन इस बार ऐसा लग रहा था कि वहाँ भारत की तरह शांतिपूर्ण चुनाव होंगे और सत्ता का व्यवस्थित परिवर्तन होगा।
संघ का शाह के जरिये राजनीतिक शह-मात का खेल

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
जिस खामोशी से अमित शाह बीजेपी हेडक्वार्टर में बतौर अध्यक्ष होकर घुसे हैं उसने पोटली और ब्रीफकेस के आसरे राजनीति करने वालो की नींद उड़ा दी है। अध्यक्ष बनने के बाद भी खामोशी और खामोशी के साथ राज्यवार बीजेपी अध्यक्षों को बदलने की कवायद अमित शाह का पहला सियासी मंत्र है।
साईं बाबा: अंधविश्वास के फायदे

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद की इस राय को तर्कसम्मत ही माना जायेगा कि शिरडीवाले साईं बाबा को भगवान मानकर पूजना गलत है।
वाह, कुमारस्वामी!

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी की यों तो सब निंदा करेंगे, क्योंकि उन्होंने एक विधान परिषद उम्मीदवार से 40 करोड़ रुपये माँगे थे।
रोजों पर प्रतिबंध: मुठभेड़ की नीति

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
चीन की सरकार ने अपने सिंच्यांग प्रांत में रोजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उसने सिंच्यांग की जनता के नाम एक फरमान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों, अध्यापकों, पार्टी-सदस्यों और नौजवानों को न तो रोजे रखने दिए जायेंगे और न ही उन्हें नमाज के लिए कहीं भी बड़ी तादाद में इकट्ठा होने दिया जायेगा।
कश्मीर : आजादी हाँ, अलगाव ना

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
मैं आजकल के जिस टीवी चैनल पर जाता हूँ, कश्मीर का सवाल जरूर उठा दिया जाता है। जब मैं एंकरों और दूसरे साहबान से पूछता हूँ कि आप बताइये कश्मीर का हल क्या है तो उनके पास कोई ठोस, सगुण, साकार जवाब नहीं होता है।
भारत-पाक-अफगान त्रिकोण?

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
पाकिस्तान के जितने भी केंद्रीय मंत्रियों, नेताओं, नौकरशाहों, फौजियों और पत्रकारों से रोज मेरी भेंट होती है, उनसे मैं एक सवाल जरूर पूछता हूँ। अफगानिस्तान से छह माह बाद जब अमेरिका की वापसी होगी तो क्या होगा?
काबुल पर कब्जा कैसे करेंगे?

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
पिछले दस-बारह दिनों में पाकिस्तान में काफी हंगामा होता रहा, लेकिन उसके साथ-साथ मेरी बातचीत कई केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, पार्टी-नेताओं, राजदूतों और फौजी जनरलों से होती रही। पत्रकारों से तो लगातार संवाद बना ही रहता है।
कादिरी के बड़े नाटक का सुखांत

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
पाकिस्तान आवामी तहरीक के नेता डा ताहिरूल कादिरी को स्वदेश आगमन सोमवार को एक बहुत बड़ा नाटक बनकर पूरा हो गया। वे रविवार की रात लंदन से दुबई होते हुए सोमवार की सुबह इस्लामाबाद पहुँचे थे।
नेहरु के समाजवाद के छौंक की भी जरूरत नहीं मोदी मॉडल को

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
बात गरीबी की हो लेकिन नीतियाँ रईसों को उड़ान देने वाली हों। बात गाँव की हो लेकिन नीतियाँ शहरों को बनाने की हो। तो फिर रास्ता भटकाव वाला नहीं झूठ वाला ही लगता है। ठीक वैसे, जैसे नेहरु ने रोटी कपड़ा मकान की बात की।