आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
इस मुल्क के हर बड़े आदमी का स्टेटस इन दिनों इस बात पर टिका है कि उसे ओबामा के सम्मान में आयोजित होने वाले लंच-डिनर का निमंत्रण मिला कि नहीं। एक बड़े स्टार के बेटे की शादी हाल में हुई थी। मेरे पड़ोसी को इस शादी का निमंत्रण मिला था। वे मुझसे नक्शेबाजी कर रहे थे कि देखिये आप को तो ना बुलाया गया उस शादी में। मुझे बुलाया गया। मेरा स्टैंडर्ड आपसे ऊँचा है।
मैंने उनसे पूछा – ओबामाजी को दिये जाने वाले लंच-डिनर का कोई न्यौता क्या आपके पास आया है?
उन्होंने कहा, नहीं और पलट-पूछा – क्या आपके पास ओबामा को दिये जाने वाले लंच का न्यौता आया है?
मैंने कहा – नहीं। मेरे पास भी नहीं आया है, इसलिए मेरा और आपका स्टैंडर्ड एक सा है।
इन ओबामामय दिनों में आप भी अपनी इज्जत इसी तरह से बचा सकते हैं।
(देश मंथन, 27 जनवरी 2015)