लोकदेवता – पशुपालकों के पूज्य भुइंया बाबा

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

उत्तर बिहार के वैशाली जिला ही नहीं बल्कि इसके आसपास के जिले के लोगों के बीच भुइंया बाबा काफी लोकप्रिय हैं। आस्था ऐसी है कि भुइंया बाबा इस क्षेत्र में लोक देवता की बन चुके हैं।

वैशाली जिले के ही नहीं बल्कि आसपास के सैकड़ों गाँव के लोग हर रोज पानापुर लंगा गाँव स्थित भुइंया बाबा के स्थान पर दूध चढ़ाने के लिए जाते हैं। सैकड़ों साल से यहाँ पशु पालकों द्वारा देवता को दूध अर्पित किया जाता है। वैशाली तथा आसपास के जिले में कृषि एवँ पशुपालन से जुड़े लोगों के लिए भुइंया बाबा के स्थान का बहुत ज्यादा सम्मान है। खास तौर पर भैंस या गाय का पहला दूध तो जरूर ही भुइंया बाबा को अर्पित किया जाता है। बाबा के मन्दिर में सोमवार और शुक्रवार को दूध चढ़ाने वालों की भीड़ ज्यादा उमड़ती है।

वसन्त पंचमी और दशहरा पर मेला 

पानापुर लंगा स्थित मन्दिर परिसर में वसन्त पंचमी के दिन विशाल मेला लगता है। आमतौर पर वसन्त पंचमी के दिन 30 हजार से ज्यादा लोग दूध चढ़ाने पहुँचते हैं। अब भुइंया बाबा के मन्दिर क विकास के लिए बाबा बसावन ट्रस्ट बना दिया गया है और यहाँ पर भव्य मन्दिर का निर्माण किया गया है।

कौन थे भुइंया बाबा 

मानर के धुन पर भक्त लोग भुइंया बाबा का गीत गाते हैं, जिसमें उनकी बहादुरी की दास्तान होती है। गीतों में बाबा बसावन, बाबा बख्तौर और माता गहिल की कहानी सुनायी जाती है। इसमें कहानी कुछ साफ-साफ पता नहीं चल पाती है। लेकिन अनुमान लगाया जाता है कि बाबा बसावन मुगल काल में हुये थे। उन्होंने अपने पशुओं की रक्षा के लिए दुश्मनों से बड़ी लड़ाइयाँ लड़ीं। गीतों में उनकी बहादुरी का बखान होता है। गीतों में बाबा बख्तौर का नाम आता है, जिन्हे यदुवंश का शिरोमणि कहा जाता है। बाबा बख्तौर यदुवंश के बड़े योद्धा हुये। आजकल बाबा बख्तौर की बहादुरी के किस्से वाले आडियो कैसेट भी बनने लगे हैं।

साल 2013 में पानापुर लंगा स्थित बाबा भुइंया के मन्दिर और और भव्य रूप प्रदान किया गया। यहाँ बाबा भुइयां स्थान मन्दिर में त्रिदेव मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। बाबा बसावन मन्दिर के प्रवेश द्वार के उपरी तल पर अवस्थित नए गर्भ गृह में बाबा बसावन और की मूर्ति प्रतिस्थापित की गई। यहाँ लोग पशुपालक बाबा बसावन, बाबा बख्तौर एवँ माँ गहिल की मूर्ति का दर्शन कर सकेंगे। 

कैसे पहुँचे

भुइंया बाबा वैशाली जिला के मुख्यालय हाजीपुर से 10 किलोमीटर दूर स्थित पानापुर लंगा गाँव में बाबा भुइंया स्थान है। हाजीपुर महुआ मार्ग पर सेंदुआरी गाँव से पूर्व दिशा में पानापुर लंगा गाँव स्थित है जहाँ भुइंया बाबा का स्थान है। यहाँ अब भव्य मन्दिर बन चुका है।

(देश मंथन 13 जून 2015)

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