महिलाओं को गिफ्ट में प्यार चाहिए

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संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :

सिनेमा और हकीकत में कोई अंतर नहीं होता है। 

याद कीजिए फिल्म सत्ते पे सत्ता का वो सीन जब अमिताभ बच्चन को हेमा मालिनी से प्यार हो जाता है, और वो उनसे पहली बार जब मिलने जाते हैं, तो अपने साथ बतौर गिफ्ट एक तरबूज लेकर जाते हैं। अमिताभ की इसी अदा पर वो मर मिटी थीं और उन्होंने फिल्म में अमिताभ बच्चन से शादी कर ली थी। 

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मेरी शादी हो चुकी थी। शादी के 11 महीने बाद पत्नी का जन्मदिन आया। अब मुझे कोई न कोई गिफ्ट तो देना ही था। क्या गिफ्ट दूँ, यह सोचता रहा। फिर मैं दुकान तक गया और वहाँ मेरी निगाह अचानक शतरंज पर पड़ी। मैंने तय कर लिया कि पत्नी को शतरंज का बोर्ड गिफ्ट करूँगा। ठीक से याद नहीं, पर इतना याद है कि मैं शतरंज का गेम खरीद कर ले आया था, और उसे हैप्पी बर्थ डे कहते हुए मैंने गिफ्ट कर दिया था। 

मेरी पत्नी शतरंज खेलना नहीं जानती। गिफ्ट पाकर वो खूब हँसी थी, पर उसने उस गिफ्ट को बहुत संभाल कर रख लिया था। 

हालाँकि मेरी पत्नी ने तब तो कुछ नहीं कहा था, पर अब जब भी मैं किसी के जन्मदिन के लिए उपहार खरीदने जाता हूँ, तो पत्नी समझाती है कि ऐसा उपहार देना चाहिए, जो उसकी पसंद की हो। खैर, संसार के किस पुरुष ने सीख लिया है कि पत्नी को क्या गिफ्ट देना चाहिए, जो मैं सीख लेता। पिछले 25 जन्मदिन के मौके पर मैंने करीब-करीब बीस बार ऐसे ऊटपटांग उपहार ही दिये होंगे।

हालाँकि मैं मन ही मन हर बार सोचता हूँ कि उसे जन्मदिन पर क्या गिफ्ट दूँ। कपड़े, गहने की उसे दरकार नहीं, गाड़ी-घर की चिंता नहीं। कैश देने का कोई मतलब नहीं। फिर एक पति अपनी पत्नी को क्या गिफ्ट दे? 

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पिछले दिनों भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) वाली मेरी दोस्त Swati Sani का हैप्पी बर्थ डे था। वैसे स्वाति सानी मेरी दोस्त तो हैं, पर पत्नी की दोस्त ज्यादा हैं। मैं तो जब आईआईएमएसी में पढ़ाई कर रहा था, उससे पहले मेरी नौकरी ‘जनसत्ता’ में लग चुकी थी। इसका मतलब ये हुआ कि मैं कॉलेज जाता तो था, पर टाइम पास करके चला आता। मैं दूरदर्शन पर आने वाले ‘फौजी’ सीरियल की शूटिंग देखने शाहरुख खान के साथ कहीं-कहीं निकल जाता। अपने दोस्तों को पार्टी देता। मेरे लिए उस पढ़ाई का कोई अर्थ था ही नहीं। एब जब पढ़ाई से मतलब नहीं था, तो स्वाति सानी से कहाँ मिलता। जाहिर है, मैं तब स्वाति सानी से नहीं मिला था।

खैर, स्वाति सानी से मेरी मुलाकात दो-तीन साल पहले आईआईएमसी के पुराने साथियों के मिलन समारोह में हुई थी। उन्होंने खुद ही बताया कि वो मेरी पत्नी की दोस्त हैं। बस फिर क्या था, हम भी दोस्त हो गये। 

स्वाति एक बेहद जहीन, पढ़ी-लिखी और सुलझी हुई महिला हैं। वो संतरों के शहर यानी नागपुर में रहती हैं। हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी भाषाओं पर उनकी गहरी पकड़ है। खाना पकाने और खिलाने का अद्भुत शौक है उन्हें। उनकी पाक विद्या की जानकारी का तो मैं दीवाना हूँ। वो साइकिल चलाती हैं, म्युजिक सुनती हैं और खूब पढ़ती और लिखती हैं। 

पिछले दिनों उनका हैप्पी बर्थ डे था। 

ढेर सारे लोगों ने उन्हें हैप्पी बर्थ डे कहा। बर्थ डे वाले दिन उन्होंने अपनी फेसबुक वाल पर एक तस्वीर डाली थी कि उनके पति ने उन्हें इस बार जन्मदिन पर एक गोभी का फूल बतौर उपहार दिया है। 

अब आप सोचेंगे कि गोभी के फूल में ऐसी क्या बात है, जिसकी मैं यहाँ चर्चा कर रहा हूँ। 

जी, खास बात है। मिस्टर सानी ने अपनी पत्नी के लिए अपने हाथों से गोभी का फूल उगाया। उसे महीनों तक सींचा। और ठीक जन्मदिन वाले दिन जब फूल पूरी तरह खिल उठा, तो उसे पत्नी को बतौर उपहार दे दिया। 

ये होता है तोहफा।

अब मैं समझ गया हूँ कि महिलाओं को गिफ्ट में प्यार चाहिए होता है, बाकी तो सब कहने की बातें हैं। 

(देश मंथन, 12 मार्च 2016)

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