खुद को पहचानो

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संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :

मेरी पड़ोस की एक दीदी की शादी बहुत कम उम्र में हो गयी थी। 

दीदी बहुत सुंदर थी लेकिन जब शादी हुई थी, तब वो पंद्रह या सोलह साल से अधिक की नहीं थी। मुझे नहीं पता कि क्यों, लेकिन दीदी की सास दीदी की बहुत पिटाई करती थी। दीदी पिटती थी, रोती थी, चुप हो जाती थी। 

हमें तो पता भी नहीं चलता था कि ऐसा कुछ होता है। दीदी कभी किसी से शिकायत नहीं करती थी।

एक बार मैं दीदी के घर गया था। दीदी की हथेलियों से खून रिस रहा था, गाल पर पूरी हथेली का गहरा लाल निशान था। मैंने दीदी से पूछा, तो वो हँसने लगी।

मैं हैरान था। “दीदी आपको इतनी चोट लगी है और आप हँस रही हैं?”

“अरे पगले, मैं गिर गयी थी, चोट लग गयी।”

“नहीं दीदी, ये गाल पर हथेली का निशान कैसे?”

दीदी चौंकी। फिर थोड़ा रुक कर उसने बताया कि गिरते हुए उसकी हथेली गाल के नीचे आ गयी होगी, उसी का निशान है।

***

दीदी की सास उसे मारती रही। दीदी मार खाती रहीं।

एक बार दीदी की बहुत पिटाई हुई तो वो वहाँ से भाग कर अपने मायके चली आई। घर में लोगों को पता चला। सभी बहुत दुखी हुए। पर किसी ने कुछ नहीं कहा। सबने यही कहा कि अब शादी हो चुकी है, एडजस्ट करो। 

दीदी मेरी माँ से भी मिलने आयीं। 

माँ ने दीदी को देखा और बिलख पड़ी। “अरे ये क्या हुआ?”

दीदी ने माँ को सारी बात बताई। माँ ने कहा कि तुम्हें ये सब नहीं सहना चाहिए था। तुम पुलिस के पास चली जाती। दीदी ने कहा कि घर के लोग कहते हैं कि कोई अपने घर वालों के खिलाफ पुलिस के पास जाता है क्या?

समस्या बड़ी थी। दीदी भी परेशान थी। वो माँ से पूछ रही थी कि आखिर उसे करना क्या चाहिए?

माँ ने दीदी को पास बिठाया और राजा की बिल्ली की कहानी सुनायी।

***

एक घर में चूहों ने उत्पात मचा रखा था। वो किसी से नहीं डरते थे। घर का मालिक एक दिन कहीं से तलवार लेकर आया। उसने तलवार से चूहों को डराने की कोशिश की। वो तलवार लेकर इधर से उधर चूहों पर हमला करता। पर चूहे फुदक कर भाग जाते। 

फिर वो राजा के पास गया। राजा ने उस आदमी को अपनी बिल्ली दी। वो आदमी राजा की बिल्ली लेकर घर आया। वो एक शिकारी बिल्ली थी। पर जैसे ही चूहों ने बिल्ली की आँखों में झाँका, उसी पर हमला बोल दिया। बिल्ली बेहोश होकर गिर पड़ी। 

पूरे राज्य में हल्ला मच गया कि राजा की बिल्ली की चूहों को देख कर बेहोश हो गयी। 

अजीब बात थी। बिल्ली चूहों से डर गयी थी। 

आखिर में बिल्ली से पूछा गया कि अब तुम्हीं बताओ कि इन चूहों का इलाज क्या है?

बिल्ली ने कहा कि आप एक आम बिल्ली ले आइए। वो इन चूहों को भगा देगी। 

आदमी एक आम बिल्ली ले आया। बिल्ली सारा दिन सोती रहती। पर मजाल जो चूहे उसके पास भी फटक पाएँ! चूहे उस बिल्ली से डरते थे। 

बिल्ली जब भी घर में घूमती, तो चूहे बिल में छुप जाते। 

आखिर एक दिन सारे चूहे उस बिल्ली के डर से घर छोड़ कर भाग गये। 

जब सारे चूहे चले गये, तो आदमी ने बिल्ली से पूछा कि राजा की बिल्ली से चूहे नहीं डरे, पर तुमसे डरते थे, ऐसा क्यों?

बिल्ली ने कहा कि राजा की बिल्ली एक शिकारी बिल्ली थी। चूहों ने उसकी आँखों में पढ़ लिया था कि ये शिकार के गुर जानती है। चूहे उस गुर से बचने की कला जानते थे। पर मैं एक साधारण बिल्ली हूँ। मुझे शिकार के गुर बिल्कुल नहीं आते। पर मुझे ये पता है कि मैं बिल्ली हूँ, वो म हैं। बस मेरा इतना जानना ही मेरे लिए काफी था।

***

बदमाश की शक्ति तो दुनिया जानती है। पर शरीफ आदमी की शक्ति के विषय में किसी को पता नहीं होता। 

माँ कह रही थी, “बिल्ली को बस पता होना चाहिए कि वो बिल्ली है। चूहे डरने लगेंगे।”

(देश मंथन, 08 जनवरी 2016)

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