24वें तीर्थंकर का अनूठा दिगंबर जैन मन्दिर

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार : 

जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर श्री महावीर का अदभुत मन्दिर राजस्थान के करौली जिले में स्थित है। इस मन्दिर के नाम पर ही मथुरा सवाई माधोपुर के मध्य श्री महावीर जी नामक रेलवे स्टेशन है। यह मन्दिर दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध है। देश भर के दिगंबर जैन मतावलंबियों की इस मन्दिर में अगाध श्रद्धा है।

इस मन्दिर के बारे एक कथा प्रचलित है। गाँव चंदनपुर में मन्दिर में स्थापित भगवान महावीर की मूर्ति 16वीं या 17वीं शताब्दी में मिली थी। यह मूर्ति खुदाई के दौरान मिली थी। कहा जाता है कि एक गाय अपने घर से प्रतिदिन सुबह घास चरने के लिए निकलती थी और शाम को घर लौट आती थी। कुछ दिन बाद जब गाय घर लौटती थी तो उसके थन में दूध नहीं होता था। एक दिन उसके मालिक चर्मकार ने सुबह गाय का पीछा किया और पाया कि एक विशेष स्थान पर वह गाय अपना दूध गिरा देती थी। यह चमत्कार देखने के बाद चर्मकार ने इस टीले की खुदाई की। खुदाई में भगवान महावीर  की पाषाण प्रतिमा मिली। हालाँकि ये मूर्ति गुप्तकालीन प्रतीत होती है। पर यह किसी टीले में मिट्टी के अंदर दब गयी थी। इस मूर्ति का निर्माण बलुआ पत्थर से हुआ है। 

बाद में इसी स्थल पर भव्य मन्दिर का निर्माण कराया गया। मन्दिर के गर्भ गृह में स्थित भगवान महावीर की मूर्ति पद्मासन में है। ये मन्दिर गंभीर नदी के किनारे स्थित है। हालाँकि नदी आजकल ज्यादातर सूखी रहती है। नदी तट पर भव्य मन्दिर का निर्माण अमर चंद बिलाला (बासवा, जयपुर) की ओर से कराया गया। मन्दिर के गर्भ गृह में अति सुंदर नक्काशी की गयी है। अब इस मन्दिर की व्यवस्था प्रबंधन समिति देखती है।

मन्दिर परिसर में संदेश लिखा है। इस परिसर में आने के बाद रात में भोजन न करने और पानी को छान कर पीने का संकल्प लेकर जाएँ। मन्दिर परिसर में जैन धर्म का प्रसिद्ध जीओ और जीने दो संदेश लिखा गया है। मन्दिर परिसर में आर्युवेदिक दवाओं का स्टाल भी है।

मेला 

चैत्र शुक्ल एकादशी पर तीर्थंकर महावीर के जन्मदिन के समय यहाँ विशाल मेला लगता है। ये मेला पाँच दिनों तक चलता है। इस मौके पर विशाल रथयात्रा का आयोजन होता है। इस मेले में राजस्थान के गुर्जर और मीणा समुदाय के लोग भी हिस्सा लेते हैं।

कैसे पहुँचे 

श्री महावीर जी रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 7 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन से हर ट्रेन के आने के बाद टाटा मैजिक जैसे वाहन मन्दिर के लिए जाते रहते हैं। मन्दिर के पास राजस्थान रोडवेज का बस स्टैंड भी है। पर यहाँ के लिए बसें बहुत कम ही हैं। आपको लंबी दूरी की बसें खेड़ा से और ट्रेन श्री महावीर जी रेलवे स्टेशन से मिल सकेगी।

कहाँ ठहरें 

मन्दिर प्रबंधन की ओर से भोजनालय और आवासीय सुविधा उपलब्ध है। पर इसके लिए शुल्क देना पड़ता है। यहाँ 750 रुपये में वातानुकूलित कमरे उपलब्ध हैं। आप आवास की बुकिंग ऑनलाइन भी करा सकते हैं। मन्दिर के भोजनालय में बिना लहसुन-प्याज का जैन भोजन मिलता है। मन्दिर के आसपास कुछ दुकाने हैं जहाँ भोजन नास्ता आदि उपलब्ध होता है।

(देश मंथन, 11 सितंबर 2015)

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