आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
जुकरबर्गजी फेसबुक पर डिसलाइक का विकल्प देनेवाले हैं, इस विकल्प से सबसे ज्यादा हैरान-परेशान फेसबुक कवि हैं।
फेसबुक कवि होशियार ज्यादा हैं या बहादुर ज्यादा हैं, इस सवाल का जवाब तलाशना मुश्किल ही है।
एक फेसबुक कवि ने अपने भविष्य के फेसबुक-स्टेटस के बारे में कुछ यूँ बताया-
विकरालजी भारी उदीयमान कवि हैं। आपने अपनी कविता की शुरुआत जब की थी, तब आप को 10,000 डिसलाइक मिलते थे। आपने भारी प्रोग्रेस कर डाली है, अब आप को सिर्फ 1,000 डिसलाइक ही मिलते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आप पहले के मुकाबले दस गुना बेहतर कवि हो गये हैं।
(देश मंथन, 21 सितंबर 2015)