देश में पहली ट्राम सेवा मुंबई में

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कराची की सड़कों पर ट्राम।

विद्युत प्रकाश :

देश की पहली ट्राम मुंबई में 1873 में परेल से कोलाबा के बीच चली थी। इस ट्राम को 6 से 8 घोड़े खींचा करते थे। मुंबई में ट्राम सेवा को खींचने के लिए 900 घोड़े अस्तबल में बहाल किए गये थे। बाद में ट्राम सेवा महाराष्ट्र के नासिक शहर में भी शुरू की गयी थी लेकिन ये 1933 में बंद कर दी गयी।

वहीं चेन्नई में चलने वाली ट्राम सेवा को 1950 में बंद किया गया। उत्तर प्रदेश के बड़े शहर कानपुर में भी 1907 में ट्राम सेवा आरंभ हुई थी जिसे 1933 में बंद कर दिया गया। वहीं ऐतिहासिक शहर कराची जो तब ब्रिटिश भारत का हिस्सा हुआ करता था, में भी ट्राम की सेवा काफी लोकप्रिय थी।

पटना की सड़कों पर ट्राम

उन्नीसवीं सदी के अंतिम कालखंड में बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक अशोक राजपथ पर ट्राम दौड़ा करती थी। पर ये ट्राम कोलकाता या दिल्ली के ट्राम सेवाओं थोड़ी अलग थी। गंगा नदी के समांतर गांधी मैदान से बांकीपुर की तरफ चलने वाली ट्राम को मुंबई की तरह ही घोड़े खींचा करते थे। तब ये प्रदूषणमुक्त सेवा पटना शहर की शहरी ट्रांसपोर्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करता था। कभी पटना शहर की सड़के सजीले टमटम और रंगीले कोचवानों के लिए जानी जाती थी। घोड़ों की मदद से चलने वाली इस ट्राम सेवा का पूर्वी टर्मिनल सब्जीबाग (पीरबहोर थाने के पास) हुआ करता था। तब पटना शहर में नगरपालिका हुआ करती थी जो इस ट्राम सेवा का संचालन करती थी। पर लोकप्रियता में कमी के कारण 1903 में इस ट्राम सेवा को बंद कर दिया गया। हालाँकि तब इसे इलेक्ट्रिक इंजन से चलाने और अन्य मार्गों पर विस्तार का भी प्रस्ताव आया था। पटना में ट्राम सेवा के दुबारा शुरू करने की योजना थी पर ये कभी परवान नहीं चढ़ सकी।

(देश मंथन, 06 अगस्त 2014)

 

 

 

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