शिमला में हनुमान जी का जाखू मन्दिर

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

जब आप शिमला घूमने जाएँ तो जाखू मन्दिर जरूर जाएँ। जाखू मन्दिर शिमला की सबसे ऊँची चोटी पर स्थित है।

शिमला के सबसे लोकप्रिय स्पॉट मॉल से जाखू मन्दिर के लिए रास्ता जाता है। आप जाखू पैदल भी जा सकते हैं।

अगर आप सेहतमन्द हैं तो जाखू की चढ़ाई आधे घंटे की है। थोड़े कमजोर हैं तो 45 मिनट। आराम आराम से जाना चाहते हैं तो एक घंटे। लेकिन पैदल नहीं जाना चाहते तो टैक्सी बुक करें। टैक्सी वाले तीन किलोमीटर के सफर का ढाई से 300 रुपये लेते हैं। आप किसी के साथ शेयर भी कर सकते हैं। या फिर शिमला शहर में नई शुरू हुई शेयरिंग टैक्सी सेवा से 10 रुपये में भी जा सकते हैं। जाखू मन्दिर के लिए ऐसी टैक्सी सेवा चर्च के पास से चलती है।

यहाँ हनुमान जी ने किया था विश्राम

खैर घने देवदार के पेड़ों के बीच जाखू मन्दिर हनुमान जी का ऐतिहासिक मन्दिर है। कहा जाता है कि हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे तब उन्होंने जाखू मन्दिर पर विश्राम किया था।

जाखू मन्दिर में 1837 की खींची गई मन्दिर की एक श्वेत श्याम फोटो लगी है। जाखू मन्दिर में अब हनुमान जी की विशाल प्रतिमा भी लगी है। ये प्रतिमा 2010 में लगाई गई है।

शिमला शहर में कहीं से भी आपको हनुमान जी दिखाई देते हैं। जाखू मन्दिर जब आप जाएँ तो यहाँ बन्दरों (हनुमान जी माफ करें) से सावधान रहें। मन्दिर के गेट पर इनसे बचने के लिए छड़ी भी मिलती है। लेकिन आप बन्दरों से कोई छेड़छाड़ नहीं करें। ये बन्दर कई बार आपकी तलाशी भी लेते हैं बिल्कुल पुलिस वाले की तरह। अगर कोई आपके पास खाने-पीने की चीज है तो तुरन्त इनके हवाले कर दें वर्ना खैर नहीं। बताया जाता है कि जाखू मन्दिर परिसर में सदियों से बन्दरों की टोलियाँ रहती हैं। ये हालाँकि श्रद्धालुओं का कुछ बुरा नहीं करते लेकिन उनकी अपेक्षा रहती है कि आप उनके लिए कुछ दाना पानी जरूर लेकर आएँ।

ऊँचाई से विहंगम नजारा 

जाखू मन्दिर की चोटी से शिमला शहर का विहंगम नजारा देखने का मजा ही कुछ और है। आप 2100 मीटर से ज्यादा की ऊँचाई पर हैं और यहाँ से कई किलोमीटर दूर तक परम पिता की अभिनव चित्रकारी का आनन्द उठा सकते हैं।

बजरंगबली की विशाल प्रतिमा

प्राचीन जाखू मन्दिर के पास अब एक और नई पहचान बन गई है विशाल हनुमान जी की प्रतिमा। जाखू मन्दिर के बगल में ही  बनाए गये हैं ये हनुमान जी। ये हनुमान जी साल 2010 में यहाँ विराजमान किये गये हैं। सिन्दूरी रंग के हनुमान जी पूरे शिमला शहर में हर जगह से दिखायी देते हैं। इस मुद्रा में हैं मानो वे भक्तों को आशीर्वाद दे रहे हों। अब शिमला आने वाले श्रद्धालुओं और सैलानियों के लिए हनुमान जी की ये विशालकाय मूर्ति भी आकर्षण का बड़ा केन्द्र बन गई है। 

(देश मंथन, 13 मई 2015)

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