चंबा का लक्ष्मीनारायण मंदिर समूह

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

हिमाचल प्रदेश का छोटा सा शहर चंबा मंदिरों का नगर है। वैसे चंबा के आसपास कुल 75 प्राचीन मंदिर हैं। छोटे से शहर में ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के कई मंदिर हैं। इन मंदिरों में प्रमुख है लक्ष्मीनारायण मंदिर समूह। यह चंबा शहर का सबसे विशाल मंदिर समूह है।

मंदिर मुख्य बाजार में अखंड चांदी पैलेस के बगल में स्थित है। मंदिर परिसर में श्रीलक्ष्मी दामोदर मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर, श्री दुर्गा मंदिर, गौरी शंकर महादेव मंदिर, श्री चंद्रगुप्त महादेव मंदिर और राधा कृष्ण मंदिर स्थित है।

लक्ष्मीनारायण मंदिर समूह एक वैष्णव मत का मंदिर है। इसे दसवीं सदी में राजा साहिल वर्मन ने बनवाया था। मंदिर को स्थानीय मौसम को देखते हुए लकड़ी के इस्तेमाल से तोरण द्वार और शिखर बनवाए गये थे। विष्णु का वाहन गरुड़ की धातु की बनी प्रतिमा मुख्य द्वार पर सुशोभित हो रही है। 1678 में राजा चतर सिंह ने मुख्य मंदिर में सोने के आवरण चढ़वाया। मंदिर परिसर काफी भव्य और मनोरम है।

भगवान विष्णु पर केंद्रित यह मंदिर पांरपरिक वास्तुकारी और मूर्तिकला का उत्कृष्टष उदाहरण है। चंबा के 6 प्रमुख मंदिरों में यह मंदिर सबसे विशाल और प्राचीन है। कहा जाता है कि सबसे पहले यह मन्दिर चम्बा के चौगान में स्थित था परन्तु बाद में इसे वर्तमान स्थल पर स्थापित किया गया।

शिखर शैली में बने इस मंदिर परिसर में राधा कृष्ण, शिव व गौरी आदि देवी-देवताओं के मंदिरों को भी शामिल हैं। इस मन्दिर समूह में महाकाली, हनुमान, नंदीगण के मंदिरों के अलावा विष्णु एवं शिव के तीन-तीन मंदिर हैं। मंदिर में स्थित लक्ष्मी नारायण की बैकुंठ मूर्ति कश्मीरी और गुप्तकालीन निर्माण कला का अनूठा संगम है। इस मूर्ति के चार मुख और चार हाथ हैं। मूर्ति की पृष्ठभूमि में तोरण है, जिस पर दस अवतारों की लीला चित्रित की गयी है।

चंबा के लक्ष्मीनारायण मंदिर का इंतजाम ट्रस्ट देखता है। इसके लिए लक्ष्मीनारायण मंदिर ट्रस्ट का निर्माण किया गया है। मंदिर परिसर में एक संग्राहालय, प्रवचन कक्ष भी है। श्रद्धालुओं के शौचालय और पेयजल का भी सुंदर इंतजाम है। संग्रहालय में आप चंबा शहर के इतिहास और चंबा राजघराने से जुड़ी रोचक जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं। 

मंदिर के प्रवचन कक्ष में अक्सर साधु संतों का प्रवचन चलता रहता है। देश में लक्ष्मीनारायण के और भी कई मंदिर हैं पर इन सबके बीच चंबा का यह मंदिर अपना अनूठा स्थान रखता है।

कैसे पहुँचे

चंबा बस स्टैंड से मंदिर की दूरी एक किलोमीटर के करीब है। यहाँ पैदल चल कर पहुँचा जा सकता है। निकटम रेलवे स्टेशन पठानकोट है, जहाँ से 120 किलोमीटर की बस यात्रा करके चंबा पहुँच सकते हैं।

(देश मंथन 16 जुलाई 2016)

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