शिव ओम गुप्ता :
क्रिकेट के भगवान पुकारे जाने वाले महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने बतौर क्रिकेटर भले ही कई बड़े कीर्तिमान बनाए हों, लेकिन बॉक्सर सरिता देवी के पक्ष में चलाई गई उनकी मुहिम असफल हो गयी दीखती है। उनके तमाम कोशिशों के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सिंग संघ (एआईबीए) ने आखिरकार सरिता पर प्रतिबंध लगा दिया है।
यानी 29 वर्षीय मणिपुरी बॉक्सर सरिता देवी अब अक्टूबर 2015 तक किसी भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पायेंगी। यही नहीं, सरिता देवी के फैसले के साथ खड़े विदेशी कोच बी. आई. फर्नाडिज को भी संघ ने 2 वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
गौरतलब है दक्षिण कोरिया में संपन्न इंचियोन एशियाई खेलों में विवादित कांस्य पदक विजेता सरिता देवी ने मैच रेफरी के फैसले से अंतुष्ट होकर पदक लेने से इनकार करते हुए पदक लौटा दिया था, जिसके बाद सरिता पर सख्त होते हुए एआईबीए ने प्रतिबंध लगाने की धमकी दे दी थी।
हालांकि मीडिया और खेल जगत से जुड़े तमाम लोगों ने सरिता देवी के पदक लेने से इनकार का समर्थन किया था और एआईबीए के प्रतिबंध लगाने की धमकी का पुरजोर विरोध करते हुए सरकार से सिफारिश की थी सरकार एआईबीए से बात करे।
इस मुहिम के तहत सचिन ने खेल मंत्री सर्वानंद सोनोकर से मुलाकात भी की थी और सरिता देवी द्वारा माफी मांगने का हवाला देते हुए हस्तक्षेप करने की अपील की थी। लेकिन एआईबीए ने सरिता देवी को दोषी मानते हुए आज एक वर्ष के लिए प्रतिबंधित ही नहीं किया, बल्कि 1,000 स्विस फ्रेंक का जुर्माना भी ठोक दिया।
हालांकि कहा जा रहा है कि सचिन और सरकार की मुहिम के बाद सरिता देवी के साथ एआईबीए ने नर्मी बरती वरना सरिता को उनकी हरकतों के लिए आजीवन प्रतिबंध झेलना पड़ सकता था।
सवाल उठता है कि जब टूर्नामेंट के दौरान मैच रेफरी ने सरिता देवी के खिलाफ गलत फैसला दिया था तो सरिता देवी एकाएक दोषी कैसे हो गईं और जिन लोगों ने सरिता देवी का समर्थन किया था, अब ऐसा क्या हो गया है कि कोई मुखालफत नहीं कर रहा है।
बॉक्सिंग इंडिया के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने एआईबीए के फैसले को स्वीकार करते हुए कहा है कि ऐसी आशंका थी कि सरिता पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जायेगा, लेकिन उनकी कोशिशों से सरिता के खिलाफ नरमी बरती गयी है।
क्या ऐसा नहीं लगता है कि बॉक्सिंग इंडिया अपनी हार को छुपाने की कोशिश कर रही है और न चाहते हुए एआईबीए के फैसले का स्वागत करते हुए कह रही है, चलो अच्छा हुआ आजीवन प्रतिबंध नहीं लगा वरना?
मतलब साफ है बॉक्सिंग इंडिया लीपापोती पर उतर आई है और सरिता देवी को ही कसूरवार मानते हुए स्वीकार कर चुकी है जो हुआ वो अच्छा हुआ।
हालांकि सरिता देवी पर 1 वर्ष के प्रतिबंध के फैसले की खबर के बाद अभी तक क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदलुकर का कोई बयान मीडिया में नहीं आया है, पर क्यों? क्योंकि भगवान अभी फुटबॉल में व्यस्त है।