103 सुरंगों से होकर गुजरती है कालका शिमला रेल

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विद्युत प्रकाश : 

कालका शिमला के 94 किलोमीटर के सफर के बीच कुल 103 सुरंगे हैं। इनमें बड़ोग की सुरंग एक किलोमीटर से ज्यादा लंबी है। वहीं कोटी की सुरंग 700 मीटर लंबी है। 

सबसे लंबी सुरंग – बड़ोग

कालका शिमला मार्ग पर 33 नंबर की सुरंग है बड़ोग। ये सुरंग 1143.61 मीटर लंबी है। अपने निर्माण के समय ये दुनिया की सबसे लंबी सुरंग थी। जैसे ही सबसे लंबी सुरंग में ट्रेन घुसती है सारे डिब्बों में बैठे बच्चे समवेत स्वर में चिल्लाना शुरू कर देते हैं। चार मिनट से ज्यादा बिल्कुल अंधेरा होता है। जब ट्रेन सुंरग से गुजरती है न सिर्फ बच्चों का बल्कि बड़ों का भी रोमांच देखने लायक होता है।

पहाड़ों को चिरकर सुरंग बनाना वह भी 1893 से 1900 से बीच बहुत मुश्किल काम था। बड़ोग रेलवे स्टेशन पर आने वाली और जाने वाली ट्रेनें देर तक रुकती हैं। ये स्टेशन सबसे लंबे सुरंग खत्म होने के के ठीक बाद आता है। यहाँ आप खूब सारी तस्वीरें खिंचवा सकते हैं और चाय नास्ता भी कर सकते हैं।

बड़ोग ने की थी आत्महत्या

स्टेशन का नाम पर कालका शिमला रेल मार्ग बनवाने वाले इंजीनियर जेम्स क्लार्क बड़ोग के नाम पर रखा गया है। स्थानीय साधु मलकू और बड़ोग ने मिलकर इस सबसे लंबी सुरंग का रास्ता बनाने की कोशिश की। लेकिन उनकी पहली कोशिश असफल रही। पहाड़ के दोनों ओर से खोदी जा रही सुरंग के दोनों छोर के रास्ते मिल नहीं पाये। तब बड़ोग पर सरकार ने एक रूपये का आर्थिक दंड लगाया। इस दंड और अपनी असफलता पर बड़ोग पर बड़ी आत्मग्लानि हुई। बड़ोग अपने प्यारे कुत्ते के साथ जंगल में गये और वहाँ खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। लेकिन उनकी कोशिश बेकार नहीं गयी।

पर कहते हैं कि सफलता का रास्ता असफलता से होकर जाता है। बाद में इसी सुरंग के बगल में नयी सुरंग बनायी गयी, जिससे होकर आजकल रेल गुजरती है। बड़ोग की बनायी नाकामयाब सुरंग अभी भी अस्तित्व में है। जो वर्तमान सुरंग के एक किलोमीटर बगल में है।

बड़ोग में कालका शिमला रेलवे का म्यूजियम भी है और साथ ही सैलानियों के रहने के लिए विश्राम गृह भी बना हुआ है।

(देश मंथन, 21 जुलाई 2014)

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