विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पवित्र शहर आनंदपुर साहिब में अब एक नया आकर्षण है विरासत ए खालसा। खालसा हेरिटेज के नाम से मशहूर इस विशाल इमारत में आप आडियो विजुअल प्रदर्शनी के माध्यम से 500 साल के सिख इतिहास से रूबरू होते हैं।
इस भवन की वास्तुकला भी अदभुत जो काफी दूर से ही आकर्षित करती है। प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है पर आपको टिकट लेना पडता है। यह टिकट बिना कोई राशि दिए ही टिकट काउंटर से मिलता है। प्रवेश द्वार पर टिकट दिखाने के बाद आप एक 165 मीटर लंबे पुल से होकर खालसा विरासत में पहुँचते हैं। यहाँ काउंटर पर किसी भी तरह के बैग आदि को जमा करने की सुविधा है। विरासत ए खालसा के भवन को कुल 14 हिस्सों में बाँटा गया है। भवन के चारों तरफ कृत्रिम सरोवर का निर्माण किया गया है, जिसमें कई श्रद्धालु स्नान करते भी दिखायी दे जाते हैं।
सबसे पहले हाल में आपको पंजाब की लोकधुनों पर गीतों के साथ स्वागत करती है प्रदर्शनी। इस पाँच दरिया के राज्य पंजाब की सभ्यता संस्कृति और विरासत को अदभुत ढंग से उकेरा गया है। यहाँ आपको नीचे की ओर पानी में नजर दौड़ानी होती है। पार्श्व में आपको लोकधुन में गीतों के स्वर सुनायी देते हैं जिसे आवाज दी है, पंजाबी के लोकप्रिय गायक जसबीर जस्सी और जसपिंदर नरूला ने। मांवा ठंडी छांवा…पानी…पानी…
अब आगे बढ़िए। मुख्य प्रदर्शनी हॉल में जाने पहले आडियो गाइड ले लें तो अच्छा रहेगा। ये आडियो गाइड हिंदी, अंगरेजी और पंजाबी में उपलब्ध है। यह काउंटर से बिना किसी शुल्क के मिलता है। गाइड आटोमेटिक सिस्टम से काम करता है। आप जिस हाल में जाएँगे वहाँ का आडियो यह अपने अपने आप ही ऑन कर लेता है। पूरा आडियो सुनने और प्रदर्शनी देखने के बाद ही आप अगले हाल के लिए प्रस्थान करें।
खालसा विरासत में क्या देखें
– पंज पानी का देस पंजाब
– पंद्रहवीं सदी का पंजाब
– सिख जीवन शैली
– गुरु नानक देव जी का प्रारंभिक जीवन
– करतारपुर में गुरु नानक देव जी
– गुरु अंगद देव जी, उनका जीवन
– गुरु रामदास और उनका योगदान
– गुरु अर्जुन देव और उनकी शहादत
– सिख धर्म में मीरी पीरी का सिद्धांत
– सिख इतिहास के नए मोड़
– गुरु तेगबहादुर का जीवन वीरता और उनकी शहादत
– गुरु गोबिंद सिंह जी का गुरु गद्दी संभालना
– आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना
खुलने का समय
विरासत ए खालसा हर सोमवार को बंद रहता है। बाकी के दिन यह सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। आखिरी प्रवेश शाम 5 बजे तक संभव है।
विरासत ए खालसा में लोकप्रिय कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक 428 सीटों वाला आडिटोरियम भी बनाया गया है। पूरी प्रदर्शनी देखने के बाद अगर आपको भूख लगी है तो आधार तल पर एक विशाल कैफेटेरिया आपका स्वागत करता है।
(देश मंथन 20 फरवरी 2016)