मन मोह लेती है मनाली की फिजाँ

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

मनाली देश के बेहतरीन हिल स्टेशन में शामिल है। मुझसे अगर कोई किसी एक हिल स्टेशन को पहला नंबर देने को कहे तो मैं मनाली का ही नाम लूंगा। क्यों तो इसके कई कारण हैं। मनाली में घूमने को लेकर काफी विविधताएं हैं।

बलखाती व्यास नदी, घने देवदार के जंगल, हिंडिबा देवी का मंदिर, वशिष्ठ में गर्म जल का स्रोत, पास में नग्गर का किला। तो दूसरी तरफ रोहतांग दर्रा। जब इतना सब कुछ देखने लायक तो सबसे बड़ी बात यह है कि यहाँ पाँच दिन भी रहो तो बोर नहीं हो सकते। वह जुलाई की दोपहर थी। हम हिमाचल रोडवेज की बस से मनाली पहुँचे थे। हमें एक होटल की तलाश थी। साल 2001 में आनलाइन बुकिंग का चलन नहीं था। बस स्टैंड पर कई होटल के एजेंट मंडरा रहे थे। एक होम स्टे वाले भी अपना कार्ड दिखा रहे थे। हमारे बस के सहयात्री ने एक होटल का नाम सुझाया था। हम उस होटल तक पहुँचे पर हमें वह थोड़ा महँगा लगा।

हमने आगे तलाश शुरू की। हम होटल ल्हासा पहुँचे। यहाँ फेमिली रुम मिल गया। बड़े रियायती दरों पर। तो हम अगले तीन दिन यहीं जमे रहे। वैसे मनाली में ठहरने के लिए एक धर्मशाला भी है। यहाँ आप सबसे रियायती दरों पर रह सकते हैं। यह बस स्टैंड के पास ही गली में है। इसी धर्मशाला में एक भोजनालय है जहाँ आप वाजिब दरों पर सुबह का नास्ता और दोपहर का खाना और रात का खाना खा सकते हैं। वैसे मनाली के ज्यादा तर होटलों में खाने पीने की दरें प्रशासन ने तय कर रखी हैं। इसलिए खाने-पीने मे ठगी नहीं दिखाई देती।

अगर आप पहाड़ों पर सर्दी के हिसाब से अपने जरूर की चीजें लेकर नहीं आये हैं तो मॉल रोड से शापिंग कर सकते हैं। हमलोग स्वेटर आदि लेकर नहीं पहुँचे थे। इसलिए शाम को माल रोड से सबसे लिए सरदी से बचाव के लिए स्वेटर खरीदना पड़ा। 

मनाली ऐसा हिल स्टेशन है जहाँ सबसे ज्यादा रहने के विकल्प हैं। यहाँ करीब 400 होटल हैं। कोई भी मौसम हो रहने के लिए कमरे मिल जाते हैं। मनाली मसूरी और लैंसडाउन जैसे हिल स्टेशन से सस्ता भी है। मनाली के शहर के साथ साथ व्यास नदी बहती है। शहर के आसपास देवदार के घने जंगल हैं। 

समुद्र तल से लगभग 1950 मीटर की ऊँचाई पर स्थित मनाली शहर का नाम महर्षि मनु के नाम पर पड़ा है। यह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का हिस्सा है। कुल्लू शहर से मनाली की दूरी 40 किलोमीटर है। मनाली की आबादी लदभग 30 हजार के आसपास है। सालों भर यहाँ मौसम सुहाना रहता है, इसलिए सैलानी भी हर मौसम में आते हैं। गर्मियों में मई जून में अधिकतम तापमान 33 से 35 तक चला जाता है पर रातें हमेशा ठंडी होती हैं। होटलों में पंखे की जरूरत तो कभी नहीं पड़ती। हाँ सर्दियों में न्यूनतम तापमान माइनस 2 डिग्री तक चला जाता है। दिसंबर जनवरी फरवरी के महीने में यहाँ अच्छी बर्फ पड़ती है। इस दौरान मनाली का सौंदर्य और भी निखर जाता है। 

कैसे पहुँचे

दिल्ली से मनाली के लिए सीधी बस सेवा है। वैसे आप अंबाला सेउना मार्ग पर कीरतपुर साहिब तक रेल से जाने के बाद वाया बिलासपुर मंडी, कुल्लू होते हुए मनाली पहुँच सकते हैं। अगर आप शिमला में हैं तो वहाँ से सीधे शिमला – मंडी- कुल्लू होते हुए बस या टैक्सी से मनाली पहुँच सकते हैं। नजदीकी एयरपोर्ट कुल्लू के पास भुंतर एयरपोर्ट हैं। यहाँ तक दिल्ली से नियमित विमान सेवाएं भी हैं।

(देश मंथन 01 अगस्त 2016)

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