संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
एक महिला ने मुझे बिलखते हुए फोन किया कि उसकी जिन्दगी में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा, क्या मैं उसे अपने चैनल पर भविष्य बताने वाले पंडित का नंबर दे सकता हूँ?
फोन आने के बाद मैं बहुत परेशान रहा।
क्या सचमुच पंडित उसकी समस्या का समाधान कर सकता है? क्या सचमुच पंडितजी उससे यह कह दें कि आप सोमवार को शिव जी जल चढ़ा आइएगा, तो उसकी समस्या का समाधान हो जाएगा?
मैंने पंडितजी से बात की। मैंने उनसे पूछा कि क्या सचमुच आपके बताए उपाय से कुछ होता है?
पंडित जी मुस्कुराने लगे। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि संजय सिन्हा, आपको समझाने के लिए मुझे विज्ञान का सहारा लेना पड़ता है, बाकियों को तो मैं अंधविश्वास के मार्ग से भी कहीं पहुँचा सकता हूँ, पर आपके लिए मुझे तर्क का मार्ग चुनना पड़ेगा।
और पंडित जी ने मुझसे एक किताब ‘जादू’ की चर्चा की।
मैं चुपचाप उन्हें सुनता रहा। वो बोलते रहे कि क्या आप जानते हैं कि दुनिया में जादू होता है?
“नहीं, जादू नहीं होता। दुनिया में चमत्कार हो ही नहीं सकता।”
“होता है। जादू तब होता है, जब आप उस पर भरोसा करते हैं। जब आप खुद पर भरोसा करते हैं।”
“कैसे?”
“आप घर से बाहर जाइए। सड़क से एक छोटा सा पत्थर उठाइए। उसे घर में लेकर आइए और धो-पोंछ कर उसे जेब में रख लीजिए। फिर मन में सोचिए कि मैं कोई भी नया काम करूंगा तो यह पत्थर मेरी मदद करेगा। जब तक यह पत्थर मेरी जेब में है, मेरा हर काम बनेगा।
आप देखेंगे कि आश्चर्यजनक रूप से आपका काम बनने लगेगा। हर काम न भी सही, तो काफी कुछ सकारात्मक होने लगेगा। यही है जादू। मतलब जिस पत्थर को आपने सड़क से उठाया था, वो पत्थर जादू से भरा था।
दरअसल जादू पत्थर में नहीं, मन में होता है। ठीक वैसे ही, जैसे ईश्वर की परिकल्पना है। ईश्वर भी मन में होता है। आप सुबह यह सोच कर घर से निकलिए कि आज तो मेरा काम बनेगा, तो बहुत उम्मीद है कि आपका काम बन जाएगा। आप सोच कर निकलिए कि आपका काम बिगड़ जाएगा, तो मुमकिन है कि आपका काम बिगड़ जाए। मन का भाव बहुत महत्वपूर्ण है। कहने का अर्थ ये कि हम जैसा सोचते हैं, वैसा होता है।”
“मतलब उस महिला की समस्या का समाधान आपके पास है?”
“नहीं। उस महिला की समस्या का समाधान उसी के पास है। पर उसे खुद पर भरोसा नहीं, उसे मुझ पर भरोसा है, इसलिए जादू मेरा भरोसा करेगा। मैं उससे कह दूँगा कि तुम फलाँ पत्थर की अँगूठी पहन लो, और उसने मेरे कहे पर भरोसा करके अँगूठी पहन ली, या मैंने कह दिया कि तुम फलाँ भगवान की पूजा कर लो, तो तुम्हारा काम हो जाएगा और अगर उसने पूरे मन से यह सोच कर ऐसा कर लिया कि इतना करने के बाद उसका काम बन जाएगा, तो काफी संभावना है कि उसका काम बन जाए।”
मैं पंडित जी की बातें सुन रहा था।
वो बोल रहे थे कि संसार में हर आदमी को जादू पर यकीन करना चाहिए। उसे अपने भरोसे के जादू पर यकीन करना चाहिए। उसे अपने आत्मबल के जादू पर यकीन करना चाहिए। उसे मानना चाहिए कि दुनिया में दुख है, दुख के बाद सुख है। यह सुख-दुख निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इस सुख-दुख का संबंध शरीर की गति से कहीं अधिक मन की गति पर निर्भर करता है।
सचमुच पंडित जी सही कह रहे थे।
आपकी जिन्दगी में भी जादू हो सकता है, बशर्ते आप खुद पर भरोसा करना जानते हों। मुझे परम यकीन है कि सचमुच अगर आप किसी चीज पर भरोसा करना सीख जाएँ, तो जादू होने लगेगा। अपने आत्मबल को बढ़ाइए और खुद पर यकीन कीजिए कि इस संसार में सबकुछ मुमकिन है। मैं सबकुछ कर सकता हूँ, ऐसा सोचिए और खुद अपनी जिन्दगी में होने वाले जादू को देखिए।
मैंने सोच लिया है कि मैं उस महिला को पंडित जी का नंबर दे दूँगा और पंडित जी से कहूंगा कि आप उसे सड़क से एक पत्थर उठा कर उसी में अपने मन के विश्वास को बसाने की राय दीजिए। कहिए कि उसका काम हो कर रहेगा।
मुझे यकीन है कि उस महिला की समस्या का समाधान उस जादू के पत्थर से होकर रहेगा।
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मेरी एक बहन हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगा रही थी कि अचानक उसका पाँव एक पत्थर पर पड़ा। उसने पत्थर उठा लिया। नदी की तेज धार में घिस-घिस कर पत्थर गोल हो गया था। उसे लगने लगा कि साक्षात शिवलिंग ही उसे मिल गया है। वो उसे उठा लायी। करीब दस साल हो गये, वो उसकी पूजा करती है। उसे विश्वास है कि भगवान खुद चल कर उसके पास आये हैं। मेरा यकीन कीजिए, तब का दिन है और आज का दिन है, बहन जो चाहती है, वो कर लेती है। उसे विश्वास हो गया है कि उसकी जिन्दगी में जादू हुआ है।
आप भी मन के विश्वास को जिन्दा रखिए। आपका भी हर काम बनेगा। यह बाबा संजय सिन्हा की भविष्यवाणी है।
(देश मंथन 14 जून 2016)