पुणे के काका हलवाई

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

पुणे के काका हलवाई। पुणे की प्रसिद्ध मिठाई की दुकान। पुणे के प्रसिद्ध दगडुसेठ हलवाई गणपति मंदिर से थोड़ी दूरी पर है ये मिठाइयों की दुकान। यूँ तो हमें इस दुकान के बारे में पहले पता नहीं था। पर बाहर से विशाल इमारत और आसमान में लहराते बड़े से बोर्ड को देखकर इच्छा हुई इस दुकान से कुछ स्वाद लेने की। तो मैं और अनादि काका हलवाई के शोरूम में प्रविष्ट हुए।

ग्राउंड फ्लोर में किस्म किस्म की मिठाइयाँ और नमकीन। आपको जो पसंद हो आर्डर करते जाइए। पहले आपको एक डिजिटल टोकन लेना पड़ता है। जिस काउंटर से जो भी खरीदेंगे उनका सिस्टम आपके टोकन में दर्ज करता जाएगा। सारी खरीदारी के बाद काउंटर पहुँचे। अपना टोकन जमा करें। आपका बिल हाजिर होगा।

अगर आप बैठ कर खाना चाहते हैं तो सेल्फ सर्विस की तरह अपना आर्डर प्राप्त करें और अपनी प्लेट लेकर पहली मंजिल के डाइनिंग हॉल में पहुँच जाएँ। वहाँ खाने के बाद नीचे पहुँचे और बिलिंग काउंटर पर अपना बिल जमा करें। काका हलवाई में प्रवेश करने का और निकास का रास्ता अलग-अलग है, ताकि कोई बिना बिल दिए न निकल जाए। पुणे के अन्य दुकानों से काका हलवाई की मिठाइयाँ थोड़ी महंगी हैं पर उनकी क्वालिटी भी उम्दा है। 

अनादि ने अपने लिए इमरती पसंद की। तो मैंने मटर करंजी ( पैरकिया जो नमकीन होता है) और साथ में मटर समोसा। एक मटर समोसा और मटर करंजी 15-15 रुपये का है, लेकिन स्वाद उम्दा है। कई बार काका हलवाई के काउंटर पर भारी भीड़ उमड़ती है। 

काका हलवाई की इमरती काफी लोगों की पसंद है। वैसे आपको यहाँ तमाम तरह की मिठाइयाँ मिल जाएंगी। खास तौर पर पेडे, मावा मिठाई, खोवा बर्फी, लड्डू और हलवा उनकी खासियत है। 

वैसे काका हलवाई की कहानी शुरू होती है 1892 से। गुणवत्ता और साफ सफाई को बनाये रखना काका हलवाई की प्रमुख विशेषता है। वे तीन बिंदुओं का ध्यान रखते हैं। QHS यानी क्वालिटी, हाईजिन और सर्विस। अब पुणे में काका हलवाई के 18 सेल्स आउटलेट हैं, जबकि मुख्यालय सदाशिव पेठ, तिलक मार्ग पर है।  (www.kakahalwai.com)  काका हलवाई सुबह 8 बजे से रात्रि नौ बजे तक खुला रहता है। हर रोज। कोई साप्ताहिक छुट्टी नहीं होती।

कैसे पहुँचे

कैसे पहुँचे। भला ये भी कोई बताने की बात है। पुराने पुणे के बुधवार पेठ में स्थित काका हलवाई का रास्ता कोई भी बता देगा।

पता है – काका हलवाई, 1114 शिवाजी रोड, निकट दत्त मंदिर, बुधवार पेठ पुणे।

(देश मंथन  13 अप्रैल 2016)

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