विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
राजस्थान के झुंझनू में स्थित है रानी सती का मन्दिर। शह के बीचों बीच स्थित मन्दिर झुंझनू शहर का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। बाहर से देखने में ये मन्दिर किसी राजमहल सा दिखायी देता है। पूरा मन्दिर संगमरमर से निर्मित है। इसकी बाहरी दीवारों पर शानदार रंगीन चित्रकारी की गयी है। मन्दिर में शनिवार और रविवार को खास तौर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
रानी सती जी को समर्पित झुंझुनू का ये मन्दिर 400 साल पुराना है। यह मन्दिर सम्मान, ममता और स्त्री शक्ति का प्रतीक है। देश भर से भक्त रानी सती मन्दिर में दर्शन के लिए आते हैं। भक्त यहाँ विशेष प्रार्थना करने के साथ ही भाद्रपद माह के अमावस्या पर आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठान में भी हिस्सा लेते हैं। रानी सती मन्दिर के परिसर में कई और मन्दिर हैं, जो भगवान शिव, भगवान गणेश माता सीता और श्रीराम के परम भक्त हनुमान को समर्पित हैं। मन्दिर परिसर में षोडष माता का सुन्दर मन्दिर है, जिसकी 16 देवियों की मूर्तियाँ लगी हैं। परिसर में सुन्दर लक्ष्मीनारायण मन्दिर भी बना है।
राजस्थान के मारवाड़ी लोगों का दृढ़ विश्वास है कि रानी सतीजी, स्त्री शक्ति की प्रतीक और माँ दुर्गा का अवतार थीं। उन्होंने अपने पति के हत्यारे को मार कर बदला लिया और फिर अपने सती होने की इच्छा पूरी की। हालाँकि पूरे देश में सती प्रथा से जुड़े होने के कारण सती मन्दिरों का काफी विरोध हुआ। पर रानी सती मन्दिर भारत के सबसे अमीर मन्दिरों में से एक है। इस मन्दिर को देश के कोने-कोने में फैले मारवाडी समाज के लोगों की आस्था है। उनसे मन्दिर को नियमित दान भी मिलता है। अब मन्दिर का प्रबंधन सती प्रथा का विरोध करता है। मन्दिर के गर्भ गृह के बाहर बड़े अक्षरों में लिखा है- हम सती प्रथा का विरोध करते हैं।
मन्दिर में श्रद्धालुओं के लिए विशाल आवास बना है, जहाँ पर 100 रुपये लेकर 700 रुपये तक के कमरे उपलब्ध हैं। मन्दिर में एक कैंटीन और एक भोजनालय भी है। कैंटीन में दक्षिण भारतीय भोजन भी उपलब्ध है। भोजन दिन में 11 से 1 बजे और शाम 8 से 11 बजे तक उपलब्ध रहता है।
मन्दिर सुबह 5 बजे से दोपहर एक बजे तक और शाम 3 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुला रहता है। मन्दिर के गर्भ गृह में निकर बारमुडा पहने लोगों का प्रवेश वर्जित है। मन्दिर का दफ्तर सुबह 9 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है।
कैसे पहुँचे
झुंझनू बस स्टैंड से रानी सती मन्दिर के लिए ऑटो रिक्शा लें। दूरी तीन किलोमीटर है। ऑटो रिक्शा वाले 10 रुपये किराया लेते हैं। रेलवे स्टेशन से मन्दिर की दूरी 2 किलोमीटर है। वहीं शहर के गाँधी चौक से मन्दिर की दूरी महज एक किलोमीटर है।
आप ऑटो आरक्षित करके भी मन्दिर जा सकते हैं। अगर एक दिन रुकना है तो रानी सती मन्दिर के स्वागत कक्ष पर आवास के लिए भी आग्रह कर सकते हैं।
(देश मंथन, 03 अगस्त 2015)