आगरा का लालकिला – कभी था बादलगढ़

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार : 

दिल्ली का लालकिला तो देश भर में प्रसिद्ध है पर एक लाल किला आगरा में भी है। लाल किला क्यों.. क्योंकि यह लाल पत्थरों से बना है। अगर आकार की बात करें तो आगरा का लालकिला दिल्ली से भी विशाल है। यह 1983 से ही यूनेस्को की विश्वदाय स्मारकों की सूची में शामिल है। पर ताजमहल देखने आने वाले सैलानी कम ही आगरा के किले में पहुँचते हैं। इसे किला ए अकबरी के नाम से भी जानते हैं।

कहा जाता है कि यह किला मूल रूप से 11वीं सदी का है। कभी इसका नाम बादलगढ़ हुआ करता था। क्योंकि इसका पुनर्निर्माण सिकरवार राजपूत राजा बादल सिंह बनवाया था। इस किले में दिल्ली के शासक सिकंदर लोदी (1488-1517) के रहने का भी प्रमाण मिलता है। सिंदकर लोदी के काल में आगरा को देश की दूसरी राजधानी बनने का गौरव प्राप्त हुआ। पानीपत की लड़ाई में पराजित होने तक उसका बेटे इब्राहिम लोदी के कब्जे में ये किला रहा। इसके बाद ये किला बाबर के कब्जे में आ गया।1530 में इसी किले में हुमायूँ का राज्याभिषेक हुआ। 

1540 में हुमायूँ के शेरशाह से पराजित होने के बाद यह किला सूरी वंश के कब्जे में आ गया। 1555 में हुमायूँ इस किले पर दुबारा कब्जा कर सका। 1556 के पानीपत की दूसरी लड़ाई में हेमचंद्र विक्रमादित्य को पराजित करने के बाद अकबर इस किले में 1558 में आया। अकबर का समकालीन इतिहासकार अबुल फजल भी इस किले को बादलगढ़ कहता है। हालाँकि तब यह बदहाल था, अकबर ने राजस्थान से लाल पत्थर मंगा कर इस किले को भव्य रूप में बनवाया। तकरीबन 4000 शिल्पी ने लगातार काम करके 8 साल में इस किले को नया रूप प्रदान किया। 1573 से यह किला अब इस रूप में दिखायी दे रहा है। बाद में यह किला मराठों के अधिकार में भी लंबे समय तक रहा। पर 1803 में यह किला ब्रिटानिया हुकुमत के अधीन आ गया।

आगरा का यह किला 94 एकड़ में विस्तारित है। यह अर्धवृताकार संरचना में है। इसमें कुल चार प्रवेश द्वार हैं जो चार तरफ खुलते हैं। खिजरी गेट यमुना नदी की तरफ खुलता है। पर इसमें दिल्ली गेट और लाहौर गेट प्रमुख हैं। चार दरवाजों में दिल्ली गेट सबसे विशाल है। इसके निर्माण में संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है। इस गेट के अंदर जाने पर आपको हाथी गेट दिखायी देता है। यहाँ दो विशाल हाथी स्वागत द्वार पर बनाए गये हैं। हालाँकि आगरा का किला देखने आने वाले सैलानी इसमें लाहौर गेट (या अमर सिंह गेट) से प्रवेश करते हैं। दिल्ली गेट का इलाका सेना के कब्जे में है। इसलिए आप किले का पूरा हिस्सा नहीं घूम सकते हैं।

किले के अंदर देखी जाने वाली इमारतों में दीवान-ए-आम प्रसिद्ध है। यहाँ से राजा आम जनता को दर्शन देते थे और उनकी समस्याएँ सुनते थे। इसके अलावा किला में दीवाने खास है जो राजा का आवास हुआ करता था। किले के जहांगीर महल है जिसका निर्माण अकबर के बेटे जहांगीर ने करवाया था। किले के अंदर शीश महल, खास महल, अंगूरी बाग, मीना मस्जिद, नगीना मस्जिद और मीना बाजार भी है। किले के अंदर मुसम्मन बुर्ज है, जहाँ से ताजमहल का नजारा दिखायी देता है। पर यह बुर्ज सैलानियों के लिए बंद है। कहा जाता है औरगंजेब ने अपने पिता शाहजहाँ को इसी बुर्ज में कैद रखा था।

कैसे पहुँचे 

आगरा का किला ताजमहल से ढाई किलोमीटर उत्तर पश्चिम की तरफ स्थित है। आप बस स्टैंड और आगरा के प्रसिद्ध घी मंडी से भी आगरा का किला आसानी से पहुँच सकते हैं।

प्रवेश

किले में प्रवेश लाहौर गेट की ओर से होता है। आगरा का किला भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित इमारत है। किले में प्रवेश के लिए 20 रुपये का टिकट लेना पड़ता है। यह किला सैलानियों के लिए सातों दिन खुला रहता है।

(देश मंथन, 30 जनवरी 2016) 

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