आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
डेंगू से मरने वालों पर रोज छप रहा है। पर एक डाक्टर या क्लिनिक नहीं देखा,जो डेंगू का शर्तिया इलाज करता हो। शर्तिया इलाज करने वाले सारे डाक्टर सेक्स कमजोरी के इलाज में लगे हैं। अभी सेक्स कमजोरी को दूर करने वाले एक डाक्टर का इश्तिहार देखा, जिसमें बताया गया कि उऩ्हे लंदन, दोहा, कतर, मारीशस से सम्मान मिला है।
सेक्स कमजोरी, यौन दुर्बलता, सेक्स की कमी इंटरनेशनल बीमारियाँ हैं, मारीशस, लंदन वाले भी इसके लिए सम्मान देते हैं। डेंगू लोकल बीमारी है, सो इंटरनेशनल सम्मान का प्रावधान नहीं है।
लगता है कि इसी वजह से डाक्टर डेंगू के इलाज के लिए प्रोत्साहित ना हो रहे हैं। और सितम ये है कि सेक्स कमजोरी से किसी मरीज के मरने की कोई खबर बरसों से नहीं आयी है, जबकि डेंगू से मरने वालों की खबरों से अखबार भरे पड़े हैं। सेक्स कमजोरी वाले डाक्टर मेट्रो स्टेशनों पर मरीजों के लिए अपनी वैन भिजवाते हैं। उधर डेंगू मरीज एंबुलेस की झूठी आस में ही चल बसता है।
काश डेंगू मरीज को वह स्टेटस हासिल होता, जो इस मुल्क में सेक्स कमजोरी मरीज को हासिल है। काश डेंगू को सेक्स कमजोरी के स्टेटस का माना जाता।
बड़े-बड़े नेता सेक्स कमजोरी के डाक्टरों को पुरस्कार देते दिखते हैं। कई सेक्स स्कैंडलों में फंसे एक नेता एक इश्तिहार में एक सेक्स कमजोरी डाक्टर को सम्मान दे रहे थे। मैंने नेता से कहा कि आप सतत, लगातार, धारावाहिक तौर पर इतने सेक्स स्कैंडलों में फंसे पाये गये हैं कि सेक्स कमजोरी की बीमारी आपके मामले में झूठ लगती है। सच में डेंगू पीड़ित होकर किसी डेंगू डाक्टर का सम्मान कीजिये। नेता हँसने लगे, डेंगू पर नेता हँस सकते हैं, पर सम्मान सेक्स कमजोरी के इलाज के लिए देते हैं।
सेक्स कमजोरी चिकित्सकों से मेरा निवेदन है कि अपनी चिकित्सकीय प्रतिभा का एक अंश डेंगू निवारण में लगायें, कुछ और ना हो सके, तो अपनी वो वैन्स, गाड़ियां बतौर एंबुलेस डेंगू पीड़ितों के लिए भेज दें, जो अभी सेक्स कमजोरी मरीजों को लाने में प्रयुक्त होती हैं।
आइये, डेंगू को सेक्स कमजोरी वाला स्टेटस दिलवाने में जुट जायें।
(देश मंथन 13 जुलाई 2016)